यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने की अपनी महत्वाकांक्षा छोड़ दी. राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रविवार को बर्लिन में रूस के साथ युद्ध खत्म करने के लिए नए सिरे से बातचीत शुरू होने के मौके पर कहा कि यूक्रेन ने पश्चिमी सुरक्षा की गारंटियों के बदले नाटो (Nato) में शामिल होने की अपनी महत्वाकांक्षा को फिलहाल स्थगित करने पर सहमति व्यक्त की है.
ये बातचीत जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज की मेजबानी में की जा रही है. जहां बर्लिन में जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ और सलाहकार जेरेड कुशनर से आमने-सामने बातचीत की.
रॉयटर्स के अनुसार, मर्ज ने संक्षिप्त उद्घाटन टिप्पणी दी और फिर दोनों प्रतिनिधिमंडलों को बातचीत के लिए छोड़ दिया. जेलेंस्की ने बताया कि यूक्रेन, अमेरिका और यूरोपीय साझेदार एक 20-सूत्रीय योजना की समीक्षा कर रहे हैं जो सीजफायर का कारण बन सकती है.
वार्ता में शामिल हो सकते हैं यूरोपीय नेता
बताया जा रहा है कि सोमवार को अन्य यूरोपीय नेता भी इन वार्ताओं में शामिल होने वाले हैं. वार्ता से पहले जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका, यूरोप और अन्य सहयोगियों से सुरक्षा गारंटियां NATO सदस्यता का विकल्प बन सकती हैं.
व्हाट्सएप चैट में पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, 'शुरू से यूक्रेन की इच्छा NATO में शामिल होने की थी, क्योंकि ये वास्तविक सुरक्षा गारंटी है. पर अमेरिका और यूरोप के कुछ साझेदारों ने इस दिशा का समर्थन नहीं किया.'
उन्होंने कहा कि इसलिए आज अमेरिका के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा गारंटियां, अमेरिका से हमारे लिए आर्टिकल 5 जैसी गारंटियां और यूरोपीय सहयोगियों तथा कनाडा, जापान जैसे अन्य देशों को दी गई सुरक्षा गारंटी, एक और रूसी आक्रमण को रोकने का मौका है. ये हमारी ओर से पहले से ही एक समझौता है. उन्होंने जोर दिया कि ये गारंटियां कानूनी रूप से बाध्यकारी होनी चाहिए.
20 सूत्री योजना की समीक्षा जारी
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन, अमेरिका और यूरोपीय सहयोगी एक 20 सूत्री योजना की समीक्षा कर रहे हैं जो सीजफायर की ओर ले जा सकती है. उन्होंने कहा कि कीव मॉस्को के साथ सीधी बातचीत नहीं कर रहा है. ज़ेलेंस्की ने कहा, 'मौजूदा मोर्चों पर सीजफायर एक उचित विकल्प होगा.'
तटस्थ स्थिति अपनाए युक्रेन
उधर, रूस लंबे वक्त से मांग करता रहा है कि यूक्रेन NATO महत्वाकांक्षा छोड़े और तटस्थ स्थिति अपनाए. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनबास के उन हिस्सों से यूक्रेनी सेना की वापसी और यूक्रेन की धरती पर NATO सैनिकों की तैनाती न होने की शर्त भी रखी है. हालांकि, जेलेंस्की ने पहले कहा था कि किसी भी समझौते से एक 'गरिमापूर्ण' शांति (Dignified Peace) मिलनी चाहिए. कि रूस फिर से यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा. कीव पर वाशिंगटन (Washington) से बातचीत के माध्यम से समझौता स्वीकार करने का दबाव बढ़ रहा है.
जेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि कोई भी सुरक्षा गारंटी कानूनी रूप से बाध्यकारी होनी चाहिए. ये उनके पक्ष से किया गया एक समझौता है. यूक्रेन ने मास्को पर शहरों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों पर लगातार मिसाइल और ड्रोन हमलों के माध्यम से युद्ध को जानबूझकर लंबा खींचने का आरोप लगाया है. ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित यूरोपीय सहयोगी (European Allies) पहले के अमेरिकी प्रस्तावों को पुनर्गठित करने पर काम कर रहे हैं.