रूस-यूक्रेन संघर्ष (Russia Ukraine Conflict) अभी भी चल रहा है. फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया और देश के अधिक हिस्से पर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में इसे सबसे बड़ा संघर्ष माना जा रहा है. इस युद्ध में हजारों की संख्या में लोगों की मौत हुई जिसमें कई शरणार्थी शामिल हैं.
जून 2024 को भारत के विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया गया था कि रूसी सेना में भर्ती हुए दो भारतीय नागरिक यूक्रेन संघर्ष में मारे गए. साथ ही कहा कि 'मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने रूसी सेना में शामिल सभी भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई और वापसी के लिए नई दिल्ली स्थित रूसी राजदूत और मॉस्को स्थित रूसी अधिकारियों के समक्ष इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया.' वहीं भारत ने रूसी सेना द्वारा अपने नागरिकों की और ज्यादा भर्ती रोकने की भी मांग की थी.
रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया और उसे अपने में मिला लिया. डोनबास युद्ध में यूक्रेनी सेना से लड़ने वाले रूस समर्थक अलगाववादियों का समर्थन किया.
रूस-यूक्रेन संघर्ष लंबे समय तक खिंचे जाने की वजह से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है.
साल 2025 में विश्व में युद्ध और सैन्य संघर्षों की संख्या काफी बढ़ गई है. रूस-यूक्रेन युद्ध पिछले कई वर्षों से जारी है और इस साल भी इसमें भारी तबाही हुई है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर झड़पें जारी रहीं, जबकि इजराइल और ईरान के बीच तनाव भी बढ़ा. अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव ने वैश्विक चिंता को बढ़ाया है. थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद फिर से उभरा है. चीन और ताइवान के बीच भी तनाव लगातार बढ़ रहा है. इन संघर्षों के कारण लाखों लोगों की जान गई और भारी आर्थिक नुकसान हुआ है.
यूक्रेन की राजधानी कीव पर करीब 10 घंटे तक चले मिसाइल और ड्रोन हमलों में कम से कम दो लोगों की मौत, 32 घायल हुए. रूस ने 500 ड्रोन और 40 मिसाइलें दागीं. ऊर्जा ढांचे और आम नागरिकों से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया. देखें दुनिया आजतक.
स्विट्ज़रलैंड के सशस्त्र बलों के प्रमुख थॉमस सुसली ने कहा है कि देश किसी फुल-स्केल सैन्य हमले से खुद का बचाव करने में सक्षम नहीं है. इसलिए पुराने उपकरणों को एडवांस किया जा रहा है. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि साइबर हमलों से लड़ने के लिए देश तैयार है.
बीते तीन साल से ज्यादा वक्त से यूक्रेन और रूस की जंग की वजह से यूरोप में सुरक्षा खतरा बढ़ता जा रहा है. इससे दुनिया का सबसे समृद्ध माना जाने वाला देश स्विट्ज़रलैंड के आर्म्ड फोर्सेज के चीफ थॉमस सुसली ने बढ़ते रूसी खतरे को लेकर चिंता ज़ाहिर की है.
यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और पश्चिम के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है. कीव पर बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शांति वार्ता को लेकर सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, शांति वार्ता ठुकराई जाती है तो वे ताकत से अपना लक्ष्य हासिल करेंगे.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर 27 दिसंबर को कड़ा रुख अपनाया और कहा कि मास्को को लगता है कि कीव, युद्ध संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है
रविवार को अमेरिका के फ्लोरिडा में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और ट्रंप की मुलाकात तय है. इससे पहले रूसी सेना ने यूक्रेनी राजधानी कीव समेत कई शहरों पर भीषण बमबारी की है और भारी नुकसान पहुंचाया है. जो साफ करता है कि रूस अपनी शर्तों पर यूक्रेन से कोई समझौता नहीं करेगा.
साल 2025 के अंत में भी रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की जल्द ही अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप से वाशिंगटन में मिलेंगे. इस बीच रूस ने कीव पर लगभग 500 ड्रोन और 40 मिसाइलों से 10 घंटे तक हमला किया, जिससे बिजली और हीटिंग व्यवस्था ठप हो गई, एक व्यक्ति की मौत और 19 घायल हुए.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जल्द ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत करने की योजना बनाई है. माना जा रहा है कि जेलेंस्की से मुलाकात के बाद यह बातचीत युद्ध को रोकने के लिए अहम होगी.
रणभूमि स्पेशल में रूस यूक्रेन युद्ध की वर्तमान स्थिति और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कोशिशों पर चर्चा की गई है. इस युद्ध में ट्रम्प शांति वार्ता के लिए जलस्की को मनाने में लगे हैं. पुतिन ने नाटो देशों की सीमाओं पर हाइपरसोनिक मिसाइलें तैनात कर दी हैं जबकि कीव में भीषण हमले जारी हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गोल्फ खेलने के बाद मार-ए-लागो लौटे. रविवार को फ्लोरिडा में ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच शांति समझौते पर वार्ता होगी. ज़ेलेंस्की ने कहा कि नए साल से पहले बहुत कुछ तय हो सकता है. देखें दुनिया आजतक.
रूस अपनी नई न्यूक्लियर हाइपरसोनिक मिसाइल ओरेश्निक को बेलारूस के क्रिचेव एयरबेस पर तैनात कर रहा है. सैटेलाइट तस्वीरों से तेज निर्माण और लॉन्चर सुविधाएं दिख रही हैं. यह मिसाइल 12000 km/hr की स्पीड से उड़ती है. इसकी रेंज 5500 km तक है. यह कदम NATO को चेतावनी और यूरोप में रूस की ताकत बढ़ाने का राजनीतिक संदेश है.
यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की कूटनीतिक कोशिशों के बीच रूस ने एक बार फिर ताकत दिखाई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की प्रस्तावित मुलाकात से ठीक पहले कीव पर बड़ा सैन्य हमला हुआ है.
यूक्रेन की राजधानी कीव पर 27 दिसंबर की रात रूस ने बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमला किया राजधानी और आसपास के इलाकों में कई जोरदार धमाके सुने गए
यूक्रेन युद्ध के बीच रूस की सैन्य रणनीति एक बार फिर बदलती दिख रही है. इस बार निशाने पर यूरोप है. सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि रूस नई हाइपरसोनिक मिसाइलों की तैनाती की तैयारी में है. ये परमाणु सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलें यूरोप तक मार कर सकती हैं.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में तबाही जारी है. यूक्रेन ने मॉस्को और उसके आसपास के इलाकों को ताबड़तोड़ बमबारी के जरिए भारी नुकसान पहुंचाया है. इसके जवाब में रूस ने भी कई यूक्रेनी शहरों को निशाना बनाकर पलटवार किया है.
रूस ने नॉर्वे के समंदर के पास अपना सबसे बड़ा एटमी जहाज उड़ाया जिससे इलाके में हड़कंप मच गया. ब्रिटेन की सीमा के निकट पहुंचा Tu-95 बॉम्बर नाटो की सेनाओं के लिए चिंता का विषय बन गया. जैसे ही नाटो को यह सूचना मिली, उसने अपने फाइटर जेट्स को तुरंत भेज दिया.
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने क्रिसमस पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मौत की कामना करते हुए कहा कि रूस ने यूक्रेन को बहुत दुख-दर्द दिए है।. आज भी हम सभी का एक ही सपना है. हमारी इच्छा है कि वह इस दुनिया में ना रहें.
Moscow blast news: रूसी जनरल की मौत के बाद उसी इलाके में विस्फोट, दो पुलिस अधिकारियों की जान गई. रूस ने Ukraine conspiracy का जताया शक.
रूस-यूक्रेन जंग में आमने-सामने की लड़ाई में राष्ट्रपति पुतिन को भले ही बढ़त हासिल हो, लेकिन यूक्रेन की खुफिया एजेंसी SBU ने टारगेटेड ऑपरेशन में रूस के बड़े जनरलों और जासूसों की हत्या की है. यूक्रेनी एजेंसियों ने रूस के पक्ष में माहौल बनाने वाले ब्लॉगरों और जंग समर्थकों की भी हत्याएं की हैं.
रूस के पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर Su-57 ने नए 'इज्देलिये 177' इंजन के साथ 22 दिसंबर 2025 को पहली सफल उड़ान भरी. यह इंजन ज्यादा थ्रस्ट (16,500 kgf), कम ईंधन खपत, बेहतर स्टील्थ और लंबी उम्र देता है. इससे जेट की स्पीड, रेंज और लड़ाकू क्षमता बढ़ेगी. रोस्टेक ने इसे निर्यात और उत्पादन बढ़ाने के लिए बड़ा कदम बताया.