व्लादिमीर व्लादिमीरोविच पुतिन (Vladimir Vladimirovich Putin) एक रूसी राजनेता और पूर्व खुफिया अधिकारी हैं जो रूस के राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं (Vladimir Putin President of Russia). वह 2012 से इस पद पर हैं, इससे पहले उन्होंने 1999 से 2008 तक राष्ट्रपति पद को संभाला था. वह 1999 से 2000 तक और फिर 2008 से 2012 तक रूस के प्रधानमंत्री भी रहे. पुतिन दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवारत यूरोपीय राष्ट्रपति हैं (Vladimir Putin Second-Longest Serving European President).
पुतिन का जन्म 7 अक्टूबर 1952 को लेनिनग्राद (अब सेंट पीटर्सबर्ग) में हुआ था (Vladimir Putin Born). उन्होंने लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी में कानून का अध्ययन करते हुए 1975 में स्नातक किया (Vladimir Putin Education). पुतिन ने केजीबी के विदेशी खुफिया अधिकारी के रूप में 16 साल तक काम किया (Vladimir Putin in KGB). उन्होंने राजनीति में करियर बनाने के लिए 1991 में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर रहते हुए केजीबी से इस्तीफा दे दिया (Vladimir Putin Resigned from KGB). वह 1996 में राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के प्रशासन में शामिल होने के लिए मास्को चले गए. पुतिन ने अगस्त 1999 में रूस के प्रधानमंत्री का पद संभाला (Vladimir Putin Became Prime Minister of Russia).
तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के इस्तीफे के बाद, पुतिन कार्यवाहक राष्ट्रपति बने, और चार महीने के भीतर इस पद के लिए पूर्ण रूप से निर्वाचित हुए (Vladimir Putin First Term as President). वह 2004 में बतौर राष्ट्रपति दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए (Vladimir Putin Second Term as President). पुतिन ने 2008 से 2012 तक तत्कालीन राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के अंदर प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया (Vladimir Putin Second Term as Prime Minister). वह 2012 में फिर से राष्ट्रपति पद पर लौट आए (Vladimir Putin Third Term as President). उन्हें 2018 में फिर से राष्ट्रपति चुना गया (Vladimir Putin Fourth Term as President). अप्रैल 2021 में, उन्होंने संवैधानिक संशोधनों पर हस्ताक्षर किए, जिससे वह 2036 तक राष्ट्रपति पद पर बने रह सकते हैं.
अमेरिका और रूस इस हफ्ते के अंत में मियामी में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित करने जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य मॉस्को-कीव युद्ध के गतिरोध को तोड़ना है. माना जा रहा है कि यह बैठक शांति समझौते के लिए एक नया रास्ता खोल सकती है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूरोपीय नेताओं को पिग्लेट्स कहकर आलोचना की और चेतावनी दी कि अगर कीव और उसके पश्चिमी समर्थक शांति वार्ता में सहयोग नहीं करेंगे तो रूस यूक्रेन के और क्षेत्र जब्त कर लेगा. पुतिन ने कहा कि नाटो झूठी अफवाहें फैला रहा है और सैन्य कार्रवाई ही अंतिम विकल्प होगी.
युद्ध के दौरान रूस पर लगे कई गंभीर आरोपों में एक ये भी है कि वो यूक्रेनी बच्चों का अपहरण करके उन्हें रुसीफाई कर रहा है, यानी उन्हें ऐसी एजुकेशन दे रहा है जिससे उनका रूसीकरण हो जाए और वे अपनी असल पहचान भूल जाएं. इसके लिए सैकड़ों कैंप बने हैं, जहां बच्चों को सैन्य ट्रेनिंग भी मिल रही है.
बर्लिन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए चल रही वार्ताओं के बीच कहा कि शांति समझौता लागू होने के सबसे करीब पहुंच गए हैं. उन्होंने यूरोपीय नेताओं से जबरदस्त समर्थन मिलने की बात कही और दोनों पक्षों को एकमत करने की चुनौती बताई. वहीं, रूस ने यूक्रेन पर 153 ड्रोन हमले किए, जिनमें से कुछ सफल रहे.
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (एसबीयू) ने दावा किया है कि उनके अंडरवाटर ड्रोन 'सब सी बेबी' ने रूस की किलो-क्लास पनडुब्बी को ब्लैक सी के नोवोरोस्सियस्क बंदरगाह पर नष्ट कर दिया है. एसबीयू ने दावा किया कि ये हमला यूक्रेन के लिए नौसैनिक युद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है. पनडुब्बी का इस्तेमाल रूस द्वारा यूक्रेनी शहरों पर क्रूज मिसाइल हमले करने के लिए किया जा रहा था. हालांकि, रूस ने इस दावे को खारिज कर दिया है.
रूस ने संकेत दिया है कि वह यूक्रेन के यूरोपीय संघ में शामिल होने को नहीं रोकेगा. वार्ताकारों का कहना है कि एक अमेरिकी-मसौदे वाली शांति योजना (Peace Plan) के लगभग 90 प्रतिशत हिस्से पर सहमति बन चुकी है. बर्लिन में दो दिन की गहन बातचीत के बाद ये सकारात्मक संकेत मिला है. अब उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही ये युद्ध रुक जाएगा.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के साथ सैन्य सहयोग समझौता RELOS को संघीय कानून का दर्जा दिया है. ये समझौता दोनों देशों के बीच सैन्य टुकड़ियों, युद्धपोतों और विमानों की आवाजाही तथा लॉजिस्टिक्स सहायता के आदान-प्रदान को मजबूत करेगा. इस समझौते से दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास, मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.
राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने जर्मनी के बर्लिन में रूस के साथ युद्ध खत्म करने के लिए नई वार्ता शुरू की है, जिसमें अमेरिका और यूरोपीय साझेदार भी शामिल हैं। ये वार्ता 20-सूत्रीय योजना की समीक्षा कर सीजफायर की दिशा में कदम बढ़ाने का प्रयास है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप की चेतावनी ने दुनिया भर में तीसरे विश्व युद्ध की नई बहस छेड़ दी है. ट्रंप मानते हैं कि रूस-युक्रेन युद्ध किसी भी वक्त तीसरे विश्व युद्ध की वजह बन सकता है, एक बार फिर पूरी दुनिया महायुद्ध की चपेट में आ सकती है. दुनिया के तमाम बड़े डिफेंस एक्सपर्ट ट्रंप की धमकी को तीसरे विश्व युद्ध की आहट मान रहे हैं. उधर यूक्रेन रूस युद्ध के बीच अब बहस पुतिन के उस ड्रीम प्लान पर तेज हो गई है जिससे यूरोप के देश घबराए हुए हैं. अमेरिका जहां रूस के पक्ष में सुर नरम करता दिख रहा है, वहीं यूरोपीय देश युक्रेन के साथ खड़े होकर पुतिन को आंख दिखा रहे हैं. आखिर ट्रंप को क्यों लगता है कि दुनिया विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़ी हैं?
यूक्रेन के समुद्री ड्रोन ऑपरेशंस कमांडर ने कहा कि ड्रोनों ने रूस की ब्लैक सी नौसेना को पीछे धकेल दिया है. रूसी जहाज अब बंदरगाह से दूर नहीं निकल पाते. वर्तमान में स्थिति स्थिर है लेकिन अगले साल AI से लैस अधिक जटिल हमलों की योजना है, जिससे रूस पर दबाव बढ़ेगा.
यह पहला वाकया नहीं है, इससे पहले अगस्त में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में भी पुतिन ने शहबाज को नजरअंदाज कर दिया था. इसके बाद शहबाज शरीफ ने पुतिन से कहा था कि भले ही आपके भारत से संबंध मजबूत हैं, लेकिन हम भी आपसे रिश्ते बनाना चाहते हैं.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये पोस्ट फर्जी है. पुतिन ने अपने संदेश में ऐसी कोई बात नहीं की है. उन्होंने सिर्फ महात्मा गांधी के सिद्धांतों की तारीफ की है.
तुर्कमेनिस्तान में International Year of Peace and Trust Forum का आयोजन किया गया जिसमें कई देश के प्रमुख नेता शामिल हुए. इस मंच पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पुतिन का इंतजार किया, लेकिन पुतिन लगभग 40 मिनट इंतजार करने के बाद भी पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए नहीं आए.
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को चीन की तरह अपना सबसे करीबी दोस्त बताया है. उन्होंने यह बात बिना किसी झिझक के कही है जिससे भारत की महत्ता रूस के नजरिये में साफ दिखाई देती है. भारत के इस मजबूत दोस्ती को लेकर पाकिस्तान की चिंता भी बढ़ गई है जो पुतिन के साथ अपनी करीबी बढ़ाने की कोशिश में है.
ट्रंप नया ‘C5’ सुपर क्लब बना रहे हैं – अमेरिका, रूस, चीन, भारत और जापान. G7 को किनारे कर, आबादी-ताकत के आधार पर यह ग्रुप बनेगा. लोकतंत्र की शर्त नहीं, सिर्फ बड़ी शक्तियां होंगी इसमें. पहला मुद्दा होगा इजरायल-सऊदी अरब समझौता कराना. भारत को ग्लोबल टेबल पर बड़ी सीट मिल सकती है, लेकिन यूरोप-NATO चिंतित हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आखिरी बार 2021 में भारत आए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2024 में दो बार रूस की यात्रा की थी. वे BRICS समिट के लिए अक्टूबर में रूस गए थे. उन्होंने इससे पहले जुलाई में भी रूस दौरा किया था. तब उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था.
S-400 एक मजबूत क्षेत्रीय ढाल है, जबकि S-500 राष्ट्रीय+स्पेस किला है. जो काम S-400 नहीं कर सकता, वो काम S-500 कर सकता है. दुश्मन की मिसाइल दिखी नहीं कि चार सेकेंड में रिएक्ट करता है. हवा में 200 किलोमीटर ऊपर नष्ट कर सकता है. सैटेलाइट भी उड़ा सकता है.
रूस यूक्रेन युद्ध के अनुभव से S-400 को और ताकतवर बना रहा है. नई तकनीक से ड्रोन-मिसाइलों को रोकना आसान होगा. भारत को मिलने वाली बाकी दो रेजिमेंट्स और भविष्य में खरीदे जाने वाले S-400 अपग्रेडेड होंगे. ऑपरेशन सिंदूर में पहले ही S-400 ने पाकिस्तानी जेट-ड्रोन तबाह कर दुनिया को चौंकाया था. अब यह सिस्टम और भी घातक बनेगा.
वेनेजुएला के पास दुनिया के सबसे बड़ा तेल भंडार हैं. अमेरिका को ये बात अटकती रहती है. अमेरिका ने 2024 चुनाव में मादुरो की जीत को माना ही नहीं. ट्रंप लगातार वेनेजुएला के साथ तनाव बढ़ा रहे हैं. इसी बीच राष्ट्रपति मादुरो ने वेनेजुएला की रक्षा की कसम खाई है. और अपने फोन कॉल से पुतिन ने मादुरो को सपोर्ट करने की घोषणा कर दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत की. दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में सहयोग विस्तारित करने पर संतुष्टि जताई.
थाईलैंड-कंबोडिया बॉर्डर, गाजा और यूक्रेन – ट्रंप के कराए हुए तीन सीजफायर अटके हुए हैं. थाईलैंड में फिर झड़पें हुई है. गाजा में बंधक-विड्रॉल विवाद में फंसा है. यूक्रेन में रूस की शर्तें लागू हैं. बातचीत रुकी है. हमले जारी हैं. मदद नहीं पहुंच रही. ट्रंप की डीलमेकिंग टेम्परेरी पॉज साबित हो रही, स्थायी शांति दूर है.