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तेल की गिरती कीमतों ने लगाया सऊदी क्राउन प्रिंस MBS के सपने पर ग्रहण! कैसे पूरा होगा NEOM?

नियोम सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट में अथाह पैसा लग रहा है और तेल की गिरती कीमतों के बीच सऊदी के लिए नियोम के प्रोजेक्ट्स पर खर्च करने में परेशानी आ रही है. इसे देखते हुए सऊदी ने प्रोजेक्ट्स की समीक्षा का फैसला लिया है.

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नियोम सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस एमबीएस का ड्रीम प्रोजेक्ट है (Photo- AFP/Getty Images)
नियोम सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस एमबीएस का ड्रीम प्रोजेक्ट है (Photo- AFP/Getty Images)

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (जिन्हें एमबीएस भी कहा जाता है) ने अक्टूबर 2017 में बड़ी उम्मीदों के साथ अपना ड्रीम प्रोजेक्ट 'NEOM' लॉन्च किया था. एमबीएस के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 'Vision 2030' के तहत लॉन्च किया गया नियोम प्रोजेक्ट इतना शानदार और आधुनिक तकनीक से लैस है जिस पर पहले यकीन कर पाना भी मुश्किल था. कई एक्सपर्ट्स ने तब कहा था कि एमबीएस के इस सपने को जमीनी हकीकत बना पाना लगभग असंभव है. 

नियोम भविष्य का इको शहर होगा जिसे सऊदी अरब 500 अरब डॉलर की लागत से तैयार कर रहा है. नियोम 'विजन 2030' का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है जिसका मकसद सऊदी अरब की तेल आधारित अर्थव्यवस्था में विविधता लाना है.

नियोम इको रीजन का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट 'द लाइन' है. द लाइन रेगिस्तान के बीचोंबीच एक सीध में कांच से बना शहर होगा. द लाइन की लंबाई 170 किलोमीटर बताई जा रही है जिसका अपना एक इको सिस्टम होगा. इसमें पेड़-पौधों की भरमार होगी, शहर कारों और कार्बन से मुक्त होगा और आने-जाने के लिए ट्रेनों की बहुतायत होगी. शहर का अपना एक नकली चांद भी होगा.

ऐसी खबरें भी हैं कि नियोम प्रोजेक्ट को छोटा करने की योजना बनाई जा रही है क्योंकि तेल की गिरती कीमतों से सऊदी अरब का राजस्व कम होता जा रहा है.

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पैसे की कमी के बीच सऊदी कर रहा नियोम प्रोजेक्ट्स की समीक्षा

फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेल की गिरती कीमतों के बीच नियोम के सीईओ ने प्रोजेक्ट की व्यापक समीक्षा शुरू की है. समीक्षा से जुड़े एक सूत्र ने सोमवार को अखबार से बताया कि सीमित संसाधनों की वजह से नियोम के कई प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की जा रही है.

नियोम का आकार पहले बहुत बड़ा बताया गया था और कहा गया था कि यह प्रोजेक्ट न्यूयॉर्क शहर के आकार से 33 गुना बड़ा होगा जिसमें द लाइन भी शामिल होगा. हालांकि, बाद में इस प्रोजेक्ट को छोटा किया गया था.

सऊदी अधिकारियों ने पहले कहा था कि 2030 तक नियोम शहर में 15 लाख लोगों को बसा दिया जाएगा लेकिन अब कहा जा रहा है कि तीन लाख से भी कम लोग 2030 तक शहर में बसाए जा सकेंगे. 2030 तक शहर का केवल 2.4 किमी हिस्सा ही पूरा हो पाएगा.

सऊदी अरब ने नियोम के कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू कर दिया है जैसे कि रेड सी रिसॉर्ट पर काम चल रहा है. लेकिन अन्य प्रोजेक्ट्स जैसे कि 2029 के एशियन विंटर गेम्स की मेजबानी के लिए बनने वाला रेगिस्तान स्की रिसॉर्ट अभी बनना शुरू नहीं हो पाया है. इस रिसॉर्ट को विंटर गेम्स के लिए तैयार किया जाना है इसलिए इसमें कृत्रिम बर्फ का अंबार होगा.

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एमबीएस सऊदी अरब को एक लग्जरी पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसके लिए सऊदी अरब को बहुत अधिक पैसे की जरूरत है. सऊदी पैसे के लिए फिलहाल कच्चे तेल से होने वाले राजस्व पर निर्भर है.

तेल की कीमतों में गिरावट से सऊदी अरब को लगा है झटका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दुनिया के देशों पर टैरिफ लगाने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की आपूर्ति बढ़ने के कारण तेल की कीमतों में गिरावट आई है. सोमवार को कच्चे तेल का अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 2.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 64.27 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. इस साल की शुरुआत से ब्रेंट की कीमतों में करीब 20 प्रतिशत की गिरावट आई है.

सऊदी अरब ने रूस के साथ मिलकर तेल उत्पादक देशों के संगठन OPEC+ में तेल की आपूर्ति को सीमित कर तेल की कीमतों की स्थिर रखने की कोशिश की थी. सऊदी अरब ने तो तेल उत्पादन में कटौती की लेकिन इराक, संयुक्त अरब अमीरात और कजाकिस्तान जैसे सदस्य देशों ने उत्पादन में कटौती नहीं की बल्कि उसे और बढ़ा दिया था.

इसे देखते हुए अप्रैल में ओपेक+ के नेता सऊदी ने अपना तेल उत्पादन बढ़ाने की घोषणा कर दी थी. तेल की कम होती कीमतों से सऊदी अरब को आर्थिक अनिश्चितता का डर सता रहा है.

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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि सऊदी अरब को अपना बजट संतुलित करने के लिए 90 डॉलर प्रति बैरल की दर से तेल बेचने की जरूरत है. लेकिन तेल की कम होती कीमतें हर गुजरते दिन के साथ उसका नुकसान बढ़ा रही हैं.

अमेरिका की मल्टीनेशनल फाइनेंशियल सर्विस कंपनी ने कहा था कि सऊदी अरब के प्रोजेक्ट्स बजट घाटे का सामना कर रहे हैं. कंपनी ने नियोम के बड़े प्रोजेक्ट्स में कटौती का अनुमान लगाया था.

नियोम को पहले ही एक फेरबदल का सामना करना पड़ चुका है. 2018 से 2024 तक नियोम के निर्माण का प्रबंधन करने वाले नदमी अल-नस्र नवंबर में अपने पद से हट गए थे.

नवंबर में ऐमान अल-मुदाइफर को निओम का सीईओ नियुक्त किया गया था. ऐमान पहले सऊदी सरकार के लगभग 1 खरब डॉलर के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) के रियल एस्टेट डिवीजन का काम संभाल चुके हैं. PIF पर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का एकछत्र अधिकार है और वो पूरे देश में इसके निवेश का नेतृत्व कर रहे हैं.

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