मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद (Mohammed Bin Salman Al Saud), सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री हैं (Crown Prince and PM, Saudi Arabia). वह आर्थिक और विकास मामलों की परिषद के अध्यक्ष और राजनीतिक और सुरक्षा मामलों की परिषद के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करते हैं. उन्होंने 2015 से 2022 तक रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया. वह किंग सलमान के सातवें पुत्र हैं.
मोहम्मद बिन सलमान का जन्म 31 अगस्त 1985 को हुआ था (Mohammed Bin Salman Born). वह प्रिंस सलमान बिन अब्दुलअजीज और उनकी तीसरी पत्नी, फहदा बिंत फलाह अल हिथलेन के छह बच्चों में सबसे बड़े हैं (Mohammed Bin Salman Parents). उन्होंने किंग सऊद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की है (Mohammed Bin Salman Education). उसके बाद, अपने पिता के सलाहकार के रूप में कार्य किया. उनके पिता के राजा बनने के बाद, मोहम्मद को 2015 में रक्षा मंत्री और डिप्टी क्राउन प्रिंस नियुक्त किया गया था. 2017 में किंग सलमान के भतीजे क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन नायेफ की बर्खास्तगी के बाद, 2022 में उन्हें क्राउन प्रिंस के रूप में पदोन्नत किया गया था.
6 अप्रैल 2008 को मोहम्मद ने अपनी पहली चचेरी बहन सारा बिन्त मशौर से शादी की (Mohammed Bin Salman wife), जो उनके मामा मशौर बिन अब्दुलअज़ीज की बेटी थी. प्रिंस मोहम्मद और राजकुमारी सारा के पांच बच्चे हैं (Mohammed Bin Salman Children).
व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों देशों में अरबों डॉलर के निवेश, रक्षा सौदों और मध्य पूर्व में नई रणनीतिक साझेदारी पर सहमति बनी. देखें US से जुड़ी बड़ी खबरें.
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों देशों में अरबों डॉलर के निवेश, रक्षा सौदों और मध्य पूर्व में नई रणनीतिक साझेदारी पर सहमति बनी. देखें दुनिया आजतक.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की चर्चा इजरायल में खूब हो रही है. इजरायल इस मुलाकात में हुई घोषणाओं से चिंतित है. वहां की मीडिया में भी इजरायल की सुरक्षा चिंताओं का जिक्र हो रहा है.
ट्रंप ने अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट खारिज की और जमाल खशोगी मर्डर केस में MBS का बचाव किया. व्हाइट हाउस में रिपोर्टर को “Fake News” भी कहा.
अमेरिका ने सऊदी अरब को एडवांस F-35 फाइटर जेट देने की घोषणा की है. सऊदी अमेरिका से बड़ी संख्या में फाइटर जेट्स चाहता है जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर लिया है. इसे लेकर इजरायल की चिंता बढ़ गई है क्योंकि वो कभी नहीं चाहेगा कि किसी भी अरब देश के पास इस तरह का जेट हो.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वाले हैं. इस मुलाकात से ठीक एक दिन पहले उन्हें ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान का पत्र मिला है. पत्र की टाइमिंग को लेकर काफी चर्चा हो रही है.
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अमेरिका यात्रा में तेल, सुरक्षा, एआई तकनीक और परमाणु ऊर्जा पर बड़े समझौते की उम्मीद है. ट्रंप प्रशासन निवेश और रणनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाना चाहता है, जबकि रियाद सुरक्षा गारंटी और तकनीकी एक्सेस की उम्मीद में है. दोनों देश खाशोगी विवाद के बाद रिश्तों को नए सिरे से मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी अरब के बीच अक्टूबर में हुए एक फोन कॉल के विवरण का खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि इस कॉल के दौरान ट्रंप ने क्राउन प्रिंस से एक बड़ी डिमांड की थी जो इजरायल के संबंध में है. अगले हफ्ते ट्रंप और एमबीएस के बीच मुलाकात होने वाली है और इस मुलाकात से पहले दोनों के बीच बातचीत का ब्योरा सामने आया है.
ट्रंप प्रशासन ने सऊदी अरब को 48 एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स की बिक्री पर विचार शुरू कर दिया है. पेंटागन ने इस डील की शुरुआती मंजूरी दे दी है. यह डील अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच बातचीत पर निर्भर है. इसे लेकर इजरायल की चिंता बढ़ गई है.
सऊदी अरब ने विवादित कफाला स्पॉन्सरशिप सिस्टम को समाप्त कर दिया है, जो दशकों से प्रवासी मजदूरों के शोषण का कारण था. इस कदम से सऊदी में काम कर रहे लाखों भारतीयों को फायदा होगा. कफाला सिस्टम के तहत मजदूरों को नौकरी बदलने, देश छोड़ने या दुर्व्यवहार की शिकायत करने के लिए नियोक्ता की अनुमति लेनी पड़ती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर जंग जैसे हालात बन चुके हैं. अब सबकी नजर सऊदी अरब पर है, जिसने हाल ही में पाकिस्तान के साथ एक रणनीतिक रक्षा समझौता किया था. क्या सऊदी इस जंग में पाकिस्तान का साथ देगा या अपने Vision 2030 मिशन को ध्यान में रखते हुए दूरी बनाए रखेगा?
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की पहल पर रियाद में आयोजित कॉमेडी फेस्टिवल को बहुत बड़ा इवेंट बताया जा रहा है. लेकिन यह आयोजन कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों के कारण विवादों में घिर गया है. कई स्टैंडअप कॉमेडियन्स ने इसे लेकर शिकायत की है.
यमन में वर्षों से जारी गृहयुद्ध ने देश में भारी विनाश किया है, जहां ईरान समर्थित हूती विद्रोही राजधानी सना पर कब्जा किए हुए हैं और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार अदन में शासन कर रही है. इस बीच सऊदी अरब ने अदन स्थित यमन की सरकार को बड़ी मदद का ऐलान किया है जो हूतियों के लिए करारा झटका है.
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक 'स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट' पर समझौता हुआ है, जो दोनों देशों को संयुक्त रक्षा का अधिकार देता है. इसे लेकर पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अन्य अरब देश भी इस समझौते में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि समझौता किसी विशेष देश के खिलाफ नहीं है.
सऊदी अरब ने पाकिस्तान की सुरक्षा की गारंटी लेने वाले पैक्ट पर हस्ताक्षर तो कर दिया है, लेकिन सऊदी प्रशासन के पास पाकिस्तान में पनप रहे आतंकियों की करतूतों का क्या जवाब है? अगर भविष्य में ये आतंकी भारत के खिलाफ कोई दुस्साहस करते हैं तो ऐसी परिस्थिति में भारत के एक्शन पर सऊदी अरब का क्या जवाब होगा?
सऊदी अरब और पाकिस्तान ने एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता किया है जिसमें दोनों देशों ने कहा है कि किसी एक पर हमला होने पर उसे दोनों पर हमला माना जाएगा. भारत इस डील को लेकर असमंजस की स्थिति में है. एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि यह समझौता पाकिस्तान के लिए एक जीत की तरह है.
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच बुधवार को हुए सैन्य समझौते की हर तरफ चर्चा है. लेकिन यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब अरब-इस्लामिक देश मिलकर कोई डिफेंस डील कर रहे हैं. इससे पहले भी 2015 में सऊदी की पहल पर पाकिस्तान और 40 से ज्यादा देशों के बीच एक सैन्य गठबंधन हुआ था. पाकिस्तानी जनरल राहील शरीफ उसके पहले कमांडर भी बने. लेकिन बाद में यह गठबंधन पूरी तरह निष्क्रिय साबित हुआ.
पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ हुए इस डिफेंस डील की जोर-शोर से चर्चा कर रहा है. इस डील का सार यह है कि अगर इन दोनों देशों में से किसी एक पर भी हमला होता है तो इसे NATO की तर्ज पर दोनों देशों पर हमला माना जाएगा और इसका संयुक्त प्रतिरोध किया जाएगा.
हाल ही में सऊदी अरब की सरकारी शिपिंग कंपनी पर आरोप लगा कि उसके जहाज इजरायल तक हथियार पहुंचाने में शामिल हैं. इटली की मीडिया में इसे लेकर काफी हल्ला मचा क्योंकि कथित तौर पर सऊदी शिपिंग कंपनी का जहाज इटली के एक बंदरगाह पर हथियारों के साथ रोका गया था. अब इन दावों पर सऊदी शिपिंग कंपनी का जवाब आया है.
सऊदी अरब महिला सुधारों के क्षेत्र में बहुत काम कर रहा है. इस्लामिक देश अपनी रुढ़िवादी छवि में सुधार के लिए महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ा रहा है. इसी दिशा में सऊदी रिजर्व में महिला रेंजर की एक यूनिट को शामिल किया गया है.
सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान पिछले महीने अप्रैल गए थे जिस दौरान उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से बात की थी. इस दौरान उन्होंने ईरान को अमेरिका के साथ परमाणु समझौता करने को लेकर चेताया था.