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'हमें नजरअंदाज किया जा रहा था, संवाद के रास्ते बंद थे...', राहुल गांधी ने बताई भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने की असली वजह

राहुल गांधी ने कहा कि भारत में उनके लिए सभी संचार (लोगों से संवाद) के रास्ते बंद हो चुके थे. संसद में दिए गए भाषण को टीवी पर नहीं दिखाया जाता था, मीडिया उनकी बातों को नजरंदाज करता था. कांग्रेस नेता ने कहा कि इस यात्रा ने उनमें कई बदलाव किए हैं.

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राहुल गांधी ने बताई भारत जोड़ो यात्रा की असली वजह.
राहुल गांधी ने बताई भारत जोड़ो यात्रा की असली वजह.

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी तीन दिवसीय यात्रा पर अमेरिका में है. यहां उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और अलग-अलग मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान जब राहुल गांधी से उनकी भारत जोड़ो यात्रा के संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा ने उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को पूरी तरह से बदल दिया है. उन्होंने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय राजनीति में प्यार को पेश करना था. राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा के दौरान उन्हें कई महत्वपूर्ण सीख मिली, जिनमें सबसे प्रमुख यह थी कि राजनीति में प्रेम की अवधारणा को लागू किया जा सकता है.

बताया क्यों करनी पड़ी भारत जोड़ो यात्रा?

इस दौरान राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत के पीछे की वजह का भी खुलासा किया. उन्होंने कहा कि भारत में उनके लिए सभी संचार (लोगों से संवाद) के रास्ते बंद हो चुके थे. संसद में दिए गए भाषण को टीवी पर नहीं दिखाया जाता था, मीडिया उनकी बातों को नजरंदाज करता था, कानूनी रूप से भी मदद नहीं मिल रही थी. ऐसे में हमने और हमारी टीम ने महसूस किया कि अगर हम मीडिया और संस्थाओं के जरिए लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो सीधे लोगों के पास जाना सबसे अच्छा तरीका होगा. इसीलिए उन्होंने पूरे देश में 4,000 किलोमीटर की यात्रा करने का निर्णय लिया.

'शुरुआत में लगा ये क्या कर दिया'

राहुल गांधी ने कहा कि शुरुआत में उन्हें घुटने की समस्या के चलते दिक्कत हुई. उन्होंने स्वीकार किया कि पहले 3-4 दिनों तक उन्हें लगा कि उन्होंने ये कर दिया? क्योंकि हर दिन सुबह उठकर 10 किमी चलना. लेकिन समय के साथ यात्रा ने उनके काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया. उन्होंने कहा कि यात्रा ने उनके राजनीति, लोगों के प्रति दृष्टिकोण और संचार के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया.

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गांधी ने बताया कि इस यात्रा का एक सबसे प्रभावशाली पहलू यह था कि उन्होंने भारतीय राजनीति में 'प्रेम' की अवधारणा को पेश किया. उन्होंने कहा कि आमतौर पर राजनीति में 'प्रेम' जैसे शब्द का उपयोग नहीं होता है, बल्कि नफरत, गुस्सा, अन्याय, और भ्रष्टाचार जैसी बातें ही प्रमुख होती हैं. लेकिन, भारत जोड़ो यात्रा ने इस नए विचार को भारतीय राजनीति में जगह दी है, और इस विचार ने बहुत अच्छा काम किया है.

'यह आत्मिक यात्रा'

इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा का एक सबसे प्रभावशाली पहलू यह था कि उन्होंने भारतीय राजनीति में 'प्रेम' की अवधारणा को पेश किया. उन्होंने कहा कि आमतौर पर राजनीति में 'प्रेम' जैसे शब्द का उपयोग नहीं होता है. बल्कि नफरत, गुस्सा, अन्याय, और भ्रष्टाचार जैसी बातें ही प्रमुख होती हैं. लेकिन भारत जोड़ो यात्रा ने इस नए विचार को भारतीय राजनीति में जगह दी है. गांधी ने कहा कि यह यात्रा सिर्फ एक शारीरिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह एक आत्मिक और राजनीतिक यात्रा भी थी जिसने उनके और उनकी टीम के दृष्टिकोण को बदल दिया.

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