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Ukraine-Russia War: यूक्रेन संकट से भारतीयों को निकलाने के प्रयास तेज, 3 दिन में भेजी जाएंगीं 27 उड़ानें 

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि हमने एक बच्ची से पूछा कि आप कहां से हो तो उसने बोला कि मैं इंडिया से हूं. इन सभी बच्चों को थोड़ा समय लगेगा ये विश्वास करने में कि वो भारत वापस लौट चुके हैं. अभी भी जो बच्चे फंसे हुए हैं उन्हें हिदायत दी जा रही है कि वे सुरक्षित जगह पर रहें.

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भारत यूक्रेन भेज रहा राहत सामग्री
भारत यूक्रेन भेज रहा राहत सामग्री
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एक और फ्लाइट रोमानिया से 220 छात्रों को लेकर दिल्ली पहुंची
  • केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने फूल देकर बच्चों को स्वागत किया

ऑपरेशन गंगा मिशन के तहत यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेकर एक और फ्लाइट रोमानिया से दिल्ली पहुंची. इस फ्लाइट में 220 छात्र सवार थे. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह दिल्ली एयरपोर्ट पर फूल देकर बच्चों को स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि मोदी सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए माइक्रो मैनेजमेंट रूप में काम कर रही है. आज बुधवार को सात फ्लाइट्स भारतीय छात्रों को वापस लेकर आ रही हैं. भारत से लगातार फ्लाइट्स भेजी जा रही हैं. प्रधानमंत्री के आदेशानुसार काम हो रहा है. हम अगले तीन दिन में करीब 27 उड़ानों को यूक्रेन भेजेंगे. 

'हमें भारत सरकार पर भरोसा'

भारत लौटे छात्रों ने कहा कि भारत आकर हमें बहुत राहत मिल रही है. अभी यूक्रेन में हमारे और भी भाई फंसे हुए हैं. हम चाहते हैं कि उन्हें भी जल्द निकाला जाए. हमें भारत सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह हमारे साथियों जल्द ले आएगी.

'60 फीसदी छात्र छोड़ चुके यूक्रेन'

विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने कहा कि जब हमने पहली एडवायजरी जारी की थी, तब यूक्रेन में 20 हजार भारतीय छात्र थे. इनमें से करीब 12 हजार छात्र यूक्रेन छोड़ चुके हैं. यह कुल संख्या का 60 फीसदी है. बचे 40 फीसदी बच्चे यानी आठ हजार छात्रों में करीब आधे खारकीव और सूमी में हैं और बाकी या तो यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं तक पहुंच चुके हैं या उस ओर जा रहे हैं. 

'कीव में नहीं अब कोई भारतीय'

विदेश सचिव ने बताया कि सभी भारतीय नागरिक कीव छोड़ चुके हैं. हमें जो सूचना मिली है उसके मुताबिक अब कीव में कोई भी भारतीय नहीं है और न ही अभी तक किसी ने हमसे संपर्क किया है.

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छात्रों के लिए यह है एडवाइजरी

भारत ने अपने नागरिकों को सलाह दी थी कि वह पश्चिमी हिस्सों की ओर बढ़ें और जब भी संभव हो वहां से यूक्रेन से बाहर निकलें. वह हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया, पोलैंड और मोलडोवा की ओर जा सकते हैं.

1 मार्च तक 9 फ्लाट्स आ चुकीं भारत

एयर इंडिया 1 मार्च तक 9 फ्लाइट्स के जरिए भारतीयों को वापस ला चुका. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'हमारे साथी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित होने तक प्रयास अविराम जारी रहेंगे.'

चेतावनी मिलते ही निकल गए थे 4 हजार छात्र 

भारत सरकार ने कीव में अपने दूतावास के जरिए युद्ध के शुरू होने से पहले सलाह जारी की. इसका असर यह हुआ कि 24 फरवरी की सुबह प्रभावित क्षेत्रों में हवाई क्षेत्र को बंद करने से पहले लगभग 4000 भारतीय नागरिकों ने यूक्रेन छोड़ दिया. भारत सरकार की पहली एडवाइजरी 15 फरवरी को जारी की गई थी. 

26 फरवरी को भेजी गई पहली उड़ान

पहली उड़ान 26 फरवरी को रोमानिया के बुखारेस्ट से हुई जो 27 फरवरी को दिल्ली पहुंची. 27 फरवरी 2022 तक, 469 छात्रों को निकाला गया. 

मदद के लिए विशेष दूत भी भेजे गए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहायता के लिए विशेष दूतों को मंजूरी दी. विशेष दूत के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया को रोमानिया और मोल्दोवा से समन्वय में सहायता करने की जिम्मेदारी दी गई. स्लोवाकिया में किरेन रिजिजू, हंगरी से हरदीप सिंह पुरी और पोलैंड से जनरल वी. के. सिंह को सहायता और समन्वय का प्रभार दिया गया.

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भारत यूक्रेन भेज रहा राहत सामग्री

भारत यूक्रेन को राहत सामग्री भी भेज रहा है. एनडीआरएफ की गाजियाबाद स्थित 8वीं बटालियन राहत सामग्री लेकर रवाना हो गई है. हिंडन स्थित भारतीय वायुसेना की मदद से राहत सामग्री को भेजा गया है. 15 टन राहत सामग्री 1 मार्च को भेजी जा चुकी है और 10 टन 2 मार्च भेजी जा रही है.

जानिए क्या है ऑपरेशन गंगा 

ऑपरेशन गंगा भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने और मानवीय सहायता उपलब्लध कराने के लिए भारत सरकार द्वारा चलाया गया एक ऑपरेशन है. इसके तहत यूक्रेन में पढ़ाई करने वाले उन भारतीय छात्रों की सहायता शामिल है जो रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, मोल्दोवा, स्लोवाकिया के पड़ोसी देशों में चले गए है. भारतीय वायु सेना को 1 मार्च 2022 को ऑपरेशन में लाया गया. वहीं  विदेश मंत्रालय ने सहायता के लिए ऑपरेशन गंगा के लिए एक समर्पित ट्विटर हैंडल भी बनाया है.


 

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