प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान इन तीन देशों के दौरे पर हैं. वह जॉर्डन और इथियोपिया का दौरा कर चुके हैं. अब वह अपने दौरे के आखिरी चरण के तहत ओमान की राजधानी मस्कट पहुंच गए हैं.
पीएम मोदी ने इथियोपिया दौरे के आखरी दिन वहां की संसद के साझा सत्र को संबोधित किया. ये दुनिया की 18वीं संसद थी, जहां उन्होंने भाषण दिया. उन्होंने अपने संबोधन से इथियोपिया के लोगों के दिलों को छू लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इथियोपिया "शेरों की भूमि" है. उनकी जन्मभूमि गुजरात भी शेरों का घर है, इसलिए उन्हें यहां घर जैसा लग रहा है.
उन्होंने इथियोपिया की संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा. ये भाषण भारत-इथियोपिया के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और ग्लोबल साउथ में सहयोग पर केंद्रित था. इस ऐतिहासिक स्पीच के दौरान कई बार इथियोपिया के सांसद सम्मान में खड़े हो गए और तालियां बजाईं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह इथियोपिया यात्रा यादगार रही. दो दोनों का दौरा पूरा कर जब प्रधानमंत्री मोदी को ओमान रवाना होना था, तब इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली खुद अपनी कार से उन्हें छोड़ने एयरपोर्ट तक आए. यही नहीं, एयरपोर्ट पर गले मिलकर उन्हें विदा किया.
प्रधानमंत्री मोदी को इथियोपिया के सबसे बड़े सम्मान- ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया से सम्मानित किया गया. अब तक कुल 28 देश प्रधानमंत्री मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान दे चुके हैं.
आपको बता दें कि इथियोपिया उन पहले कुछ देशों में शामिल था, जिसने पहलगाम के आतंकी हमले की निंदा की थी और भारत के साथ एकजुटता का संदेश दिया था. आज जब प्रधानमंत्री मोदी ने वहां की संसद का संबोधन किया तो धन्यवाद देते हुए आतंकवाद के खिलाफ बड़ा संदेश भी दिया.
आतंकवाद के अलावा इथियोपियाई संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत का राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' और इथियोपिया का राष्ट्रगान, दोनों हमारी जमीन को मां कहते हैं. वो हमें अपनी विरासत, संस्कृति, सुंदरता पर गर्व करने और मातृभूमि की रक्षा करने के लिए प्रेरित करते हैं.
इन तीन देशों की प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा 'Extended Neighbourhood' नीति का हिस्सा है, जो भारत की वेस्ट एशिया और अफ्रीका में रणनीतिक उपस्थिति मजबूत करने पर केंद्रित है. ये यात्रा ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर, एनर्जी क्राइसिस, क्षेत्रीय संघर्ष और सप्लाई चेन की चुनौतियां हैं.
इथियोपिया की बात करें तो यहां अफ्रीकन यूनियन का मुख्यालय यानी भारत यहां से अफ्रीका के देशों को साध सकता है. भारत ने इन देशों की आवाज बन रहा है और उसने साथ डेवलपमेंट-फर्स्ट और गुटनिरपेक्षता की नीति अपनाई है. जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान ग्लोबल साउथ के प्रमुख खिलाड़ी हैं.
इथियोपिया अफ्रीका का केंद्र है, जॉर्डन अरब दुनिया का नरम रुख अपनाने वाला देश है और ओमान की खाड़ी में निष्पक्ष भूमिका है. यहां रूस की भूमिका भी है, जिसका फोकस अफ्रीका पर है और दोनों मल्टी-पोलर वर्ल्ड को बढ़ावा देते हैं. इस यात्रा से भारत अफ्रीका और मध्यपूर्व में गठबंधन बना रहा है जो रूस-चीन के प्रभाव को बैलेंस करता है, साथ ही ग्लोबल साउथ में भारत की लीडरशिप को मजबूत करता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इथियोपिया ने अपना सर्वोच्च सम्मान दिया. वो ‘द ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया’ पाने वाले पहले ग्लोबल लीडर बन गए हैं. इस मौके पर पीएम ने कहा कि ये सम्मान मेरे लिए गौरव की बात है. कल इथियोपिया के नेशलन पैलेस में PM अबी अहमद अली ने औपचारिक स्वागत किया, जहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय बैठक की. बैठक के दौरान मोदी ने कहा कि ये उनका पहला इथियोपिया दौरा है, लेकिन यहां पहुंचते ही उन्हें अपनेपन का अहसास हुआ.
यह सम्मान भारत और इथियोपिया के बीच मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों, बढ़ती साझेदारी और वैश्विक मंचों पर भारत की अग्रणी भूमिका का प्रतीक माना जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मान स्वीकार करते हुए कहा कि यह सम्मान सिर्फ उनका नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है. उन्होंने इथियोपिया की जनता और सरकार का आभार व्यक्त करते हुए दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों और भविष्य की साझेदारी पर जोर दिया.
पीएम मोदी को विदेशों में मिलने वाला इस साल का ये 9वां सर्वोच्च सम्मान है. इससे पहले साइप्रस, ब्राजील, नामीबिया, घाना, मॉरिशस, श्रीलंका, बारबाडोस, त्रिनिदाद ने प्रधानामंत्री मोदी को सर्चोच्च सम्मान प्रदान किया. पीएम मोदी पहले भारतीय नेता बन गए हैं, जिन्हें विदेशों में सबसे अधिक नागरिक सम्मान मिल चुके हैं. पिछले 11 सालों में पीएम मोदी को 28 देशों ने सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया है.
इथियोपिया से सर्वोच्च सम्मान ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और इथियोपिया के रिश्ते सदियों पुराने हैं और आने वाले समय में व्यापार, शिक्षा, तकनीक और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग और गहरा होगा. प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब भारत अफ्रीकी देशों के साथ रणनीतिक सहयोग और व्यापारिक संबधों को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है. इथियोपिया से मिला यह सर्वोच्च सम्मान, भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की सोच और वैश्विक नेतृत्व की स्वीकार्यता को दर्शाता है.