पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट और महंगाई से जूझ रहा है. विदेशी मुद्रा की कमी और विदेशी कर्ज में डूबे पाकिस्तान रूस से रियायती दरों पर सस्ता तेल खरीदन के लिए बेताब है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नकदी की तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान 50 डॉलर प्रति बैरल पर रूसी कच्चा तेल खरीदने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है.
खास बात है कि यह कीमत रूस पर जी-7 देशों की ओर से लगाए गए प्राइस कैप से भी करीब 10 डॉलर प्रति बैरल कम है. बता दें कि वैश्विक स्तर पर इस समय कच्चा तेल 82.78 डॉलर प्रति बैरल बिक रहा है.
यूक्रेन के साथ युद्ध के कारण रूस अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है. ऐसे में रूस अपनी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए भारत समेत कई देशों को सस्ता तेल बेच रहा है. और इस लिस्ट में अब पाकिस्तान का नाम भी शामिल हो सकता है.
टेस्टिंग के बाद डील पर होगा फैसला
पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान और रूस के बीच तेल खरीद पर बातचीत चल रही है. बातचीत की शुरुआत में रूस इस बात को लेकर चिंतित था कि पाकिस्तान इस डील को लेकर गंभीर नहीं है. लेकिन हाल ही में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई. बैठक के बाद रूस ने पाकिस्तान से विश्वास की कमी को पाटने के लिए टेस्टिंग के तौर पर एक कार्गो तेल खरीदने के लिए कहा.
वेबसाइट 'द न्यूज' ने बताया है कि पाकिस्तान टेस्टिंग के तहत ही पहले एक रूसी कार्गो तेल खरीदेगा. हालांकि, इस तेल की डील में भुगतान डॉलर में नहीं किया जाएगा. दरअसल, पाकिस्तान अमेरिकी डॉलर की कमी से जूझ रहा है. इसलिए वह रूस को मित्र देशों की मुद्राओं में भुगतान करेगा. इन मित्र देशों में चीन, सऊदी अरब और यूएई जैसे देश शामिल हैं.
टेस्टिंग से पहले पूरी करनी होंगी औपचारिकताएं
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट 'द न्यूज' के अनुसार, टेस्टिंग से पहले पाकिस्तान की ओर से सभी औपचारिकताएं पूरी हो जाने के बाद ही रूस सस्ते तेल की डील पाकिस्तान के साथ करेगा. इन औपचारिकताओं में भुगतान के तरीके, प्रीमियम के साथ ट्रांसपोर्ट लागत और बीमा जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं.
जब सभी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी तो रूस से टेस्टिंग के लिए पहली खेप पाकिस्तान भेज दी जाएगी. रिपोर्ट की मानें तो रूस से कच्चे तेल की पहली खेप अगले महीने के अंत तक पाकिस्तान पहुंच सकती है.
तेल आयात में होगा पाकिस्तान का खर्चा
वहीं रिपोर्ट में कहा गया कि रूसी बंदरगाहों से पाकिस्तानी बंदरगाह तक कच्चा तेल पहुंचने में 30 दिन लगेंगे. जिससे परिवहन लागत के कारण रूसी तेल की लागत में 10-15 डॉलर प्रति बैरल बढ़ जाएगी. यानी रूस अगर पाकिस्तान को 50 डॉलर प्रति बैरल तेल बेचेगा तो वह पाकिस्तान को आयात के कुल खर्चे के साथ करीब 60 या 65 डॉलर प्रति बैरल पड़ सकता है.
दिसंबर में पाकिस्तान को तेल बेचने से कर दिया था इनकार
पिछले साल दिसंबर में रूस ने पाकिस्तान को 30 प्रतिशत छूट पर कच्चा तेल देने से इनकार कर दिया था. उस समय रूस सस्ते तेल की डील के लिए बिल्कुल तैयार नहीं था.
दूसरी ओर पाकिस्तानी खजाने का एक बड़ा हिस्सा ऊर्जा खर्च पर खपत होता है. ऐसे में रूस से सस्ता तेल पाकिस्तान को बढ़ते व्यापार घाटे और भुगतान संतुलन के संकट को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकता है. इसके अलावा कम कीमतों पर कच्चे तेल के लिए रूस के साथ इस डील से शहबाज सरकार को देश के वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी.
विदेशी मुद्रा भंडार में थोड़ी बढ़ोतरी
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, देश का विदेशी मुद्रा भंडार कुछ सप्ताह पहले 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर तक गिर गया था. हालांकि, अब इसमें थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अब बढ़कर 4 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच गया है. इसके अलावा पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से भी 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर की वित्तीय किश्त का बेसब्री से इंतजार कर रहा है.
जुलाई 2022 की शुरुआत में पाकिस्तान के पास लगभग 10.3 अरब अमेरिकी डॉलर विदेशी मुद्रा था लेकिन विदेशी कर्ज और महंगाई के कारण पिछले सात महीनों में लगभग 7 अरब अमेरिकी डॉलर की कमी आ गई.
पिछले साल पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ ने लगभग एक तिहाई हिस्से को डुबो दिया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पाकिस्तान की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को लगभग 12.5 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था.