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पहलगाम अटैक के बाद खौफ में पाकिस्तान... विदेश मंत्री कभी चीन तो कभी सऊदी अरब-ब्रिटेन से लगा रहे मदद की गुहार

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन के विदेश मंत्री को फोन कर मदद की गुहार लगाई है. डार ने सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी और अन्य क्षेत्रय समकक्षों को भी फोन कर इस स्थिति पर चर्चा की है.

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और चीन के विदेश मंत्री वांग यी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और चीन के विदेश मंत्री वांग यी

पहलगाम अटैक के बाद भारत की ओर से सिंधु नदी समझौता सस्पेंड किए जाने पर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. भारत की ओर से किसी तरह की सैन्य कार्रवाई की संभावनाओं के बीच पाकिस्तान मदद के लिए पलक-छावड़े बिछाए हैं. ऐसे में वह कभी चीन की तरफ तो कभी सऊदी अरब और कभी ब्रिटेन की ओर देख रहा है.

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इस तनावपूर्ण माहौल के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन के विदेश मंत्री को फोन कर मदद की गुहार लगाई है. डार ने सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी और अन्य क्षेत्रय समकक्षों को भी फोन कर इस स्थिति पर चर्चा की है.

स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को फोन किया और मौजूदा स्थिति से उन्हें वाकिफ कराया. डार के कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं ने एकतरफा कार्रवाई और वर्चस्ववादी नीतियों का विरोध किया. बयान में कहा गया कि डार ने भारत की एकतरफा कार्रवाई को खारिज करते हुए इसे पाकिस्तान के खिलाफ प्रोपेगैंडा बताया.

वहीं, चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि यह फोन कॉल पाकिस्तान के अनुरोध पर किया गया था और इस मामले की निष्पक्ष जांच का समर्थन किया गया. उम्मीद जताई गई कि भारत और पाकिस्तान संयम बरतें. 

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बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी जबकि 17 घायल हुए थे. यह हमला पहलगाम की बैसारन घाटी में किया गया था, जिसमें आतंकियों ने चुन-चुनकर लोगों को निशाना बनाया गया था.

पहलगाम अटैक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया था. यह पहली बार है जब भारत ने इतनी बड़ी और सख्त कार्रवाई की गई. भारत और पाकिस्तान के बीच तीन बड़ी जंग हो चुकी है लेकिन पहले कभी भी इस संधि को स्थगित नहीं किया गया.

कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया था कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई. यह रोक तब तक रहेगी, जब तक पाकिस्तान क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म को अपना समर्थन देना बंद नहीं करता.

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