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एनएसजी से मिली रियायत की आड़ में परमाणु हथियार बना रहा भारतः पाकिस्तान

जकारिया ने कहा, 'भारत द्वारा परमाणु सामग्री का पहले किया गया और भविष्य में संभावित गलत इस्तेमाल न सिर्फ परमाणु प्रसार का गंभीर मुद्दा है. यह दक्षिण एशिया के स्थायित्व और पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी इसका गहरा प्रभाव होगा.'

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नफीस जकारिया
नफीस जकारिया

पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) से मिली रियायत के तहत शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये हासिल परमाणु सामग्री का इस्तेमाल हथियार बनाने के लिये कर रहा है.

विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने गुरुवार को कहा कि भारत द्वारा असैन्य परमाणु सहयोग करार और 2008 में एनएसजी से मिली रियायत के तहत आयातित परमाणु ईंधन, उपकरण और प्रौद्योगिकी का हथियारों के लिये किये जा रहे इस्तेमाल को दशकों से रेखांकित कर रहा है.

उन्होंने कहा, 'इसे लेकर चिंताएं न तो नई हैं न ही ऐसा है कि पहले इनका पता नहीं था. भारत शांतिपूर्ण इस्तेमाल की प्रतिबद्धता के तहत हासिल परमाणु सामग्री का अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम के लिए इस्तेमाल करने का दुर्लभ आनंद उठाता है.'

जकारिया ने कहा, 'भारत द्वारा परमाणु सामग्री का पहले किया गया और भविष्य में संभावित गलत इस्तेमाल न सिर्फ परमाणु प्रसार का गंभीर मुद्दा है. यह दक्षिण एशिया के स्थायित्व और पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी इसका गहरा प्रभाव होगा.'

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तेजी से बढ़ रहा है भारत का परमाणु कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट और दूसरे दस्तावेज इस अनदेखे तथ्य की पुष्टि करते हैं कि भारत का परमाणु हथियार कार्यक्रम दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला कार्यक्रम है.

हार्वर्ड कैनेडी स्कूल की ओर से हाल में जारी एक पेपर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह और कुछ अन्य रिपोर्ट भारत द्वारा अपने असुरक्षित परमाणु रिएक्टरों, संयंत्रों और केंद्रो में विदेशों से हासिल परमाणु सामग्री के इस्तेमाल से जुड़ी चिंताओं को जाहिर करती हैं कि उनका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने के लिए किया जा सकता है.

भारत के पास 2600 परमाणु हथियारों से ज्यादा की सामग्री
उन्होंने कहा, 'दूसरी रिपोर्ट्स के अलावा हाल में बेल्फर पेपर से पता चलता है कि भारत ने 2600 परमाणु हथियारों से ज्यादा के लिए परमाणु सामग्री एकत्रित कर ली है.'

बता दें कि 2005 में मनमोहन सरकार के कार्यकाल में अमेरिका और भारत के बीच चर्चित असैन्य परमाणु करार हुआ था.

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