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श्रीलंका की तीसरी महिला पीएम बनीं हरिनी अमरसूर्या, राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके ने दिलाई शपथ

हरिनी अमरसूर्या ने श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. एक राइट एक्टिविस्ट और यूनिवर्सिटी में लेक्चेरर अमरसूर्या 1994 में दिवंगत सिरिमावो भंडारनायके के पदभार संभालने के बाद श्रीलंका की पहली महिला प्रधानमंत्री और देश के इतिहास में तीसरी महिला पीएम बन गईं हैं.

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श्रीलंका की पीएम हरिनी अमरसूर्या.
श्रीलंका की पीएम हरिनी अमरसूर्या.

श्रीलंका में अनुरा कुमारा दिसानायके के राष्ट्रपति बनने के बाद अब मंगलवार को हरिनी अमरसूर्या ने श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. वह साल 2000 में सिरीमावो भंडारनायके के बाद प्रधानमंत्री पद पर काबिज होने वाली पहली माहिला नेता हैं. 

एनपीपी नेता अमरसूर्या को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अनुरा कुमार ने पीएम पद की शपथ दिलाई. राष्ट्रपति ने उन्हें न्याय, शिक्षा, श्रम, उद्योग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और निवेश जैसे मुख्य मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी है. राष्ट्रपति ने अपने समेत चार सदस्यों की कैबिनेट नियुक्त की है. अमरसूर्या ने प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने की जगह ली है, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

देश की तीसरी महिला PM बनी अमरसूर्या

बता दें कि एक राइट एक्टिविस्ट और यूनिवर्सिटी में लेक्चेरर अमरसूर्या 1994 में दिवंगत सिरिमावो भंडारनायके के पदभार संभालने के बाद श्रीलंका की पहली महिला प्रधानमंत्री और देश के इतिहास में तीसरी महिला पीएम बन गईं हैं.

वहीं, एनपीपी सांसद विजिथा हेराथ और लक्ष्मण निपुणाराची ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है. वे सदन के भंग होने के बाद कार्यवाहक कैबिनेट मंत्री के रूप में काम करेंगे. अधिकारियों ने कहा कि संसदीय चुनाव नवंबर के अंत में हो सकता है.

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वहीं, राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद 56 वर्षीय डिसनायके ने रविवार को श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. उन्हें देश के मुख्य न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने राष्ट्रपति सचिवालय में शपथ दिलाई. अपने भाषण में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण के लिए धन्यवाद दिया.

सोमवार को राष्ट्रपति ने ली शपथ

उन्होंने कहा कि "मैं आश्वासन देता हूं कि मैं लोकतंत्र की रक्षा करूंगा और राजनेताओं की प्रतिष्ठा को बहाल करने के लिए काम करूंगा, क्योंकि लोगों को उनके आचरण पर संदेह है." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि श्रीलंका को अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है और वह कोई जादूगर नहीं हैं, बल्कि एक सामान्य नागरिक हैं. "मेरा पहला काम लोगों की प्रतिभा और नॉलेज का इस्तेमाल करके बेहतर फैसले लेने का होगा. मैं इस पूरी जिम्मेदारी में अपना योगदान देना चाहता हूं."

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