
बांग्लादेश में उस्मान हादी की मौत के बाद दंगाइयों ने आधी रात वहां के मीडिया प्रतिष्ठानों के दफ्तर में जमकर धमाल मचाया. दंगाइयों ने बांग्लादेश के अंग्रेजी दैनिक अखबार 'द डेली स्टार' के दफ्तर को आग लगा दी, इस दौरान बिल्डिंग के छत पर दर्जनों पत्रकार तीन घंटे तक फंसे रहे. ये इन पत्रकारों के लिए मौत से होकर गुजरने का अनुभव था.
'द डेली स्टार' का ऑफिस अब पूरी तरह से जल चुका है. बलवाइयों ने बांग्लादेश के दूसरे अखबार प्रथम आलो के दफ्तर को भी जला दिया है.
यह हमला अखबार के कारवान बाज़ार ऑफिस में हुआ, जिसके बाद पास की प्रोथोम आलो बिल्डिंग में तोड़फोड़ और आगजनी हुई. एक पत्रकार के मुताबिक बाहर से एक फोन कॉल आया जिसने स्टाफ को चेतावनी दी कि भीड़ द डेली स्टार के परिसर की ओर बढ़ रही है.
9वीं मंजिल पर फंसे 28 पत्रकार, नीचे सुलगती आग
न्यूज़रूम में मौजूद स्टाफ ने शुरू में नीचे जाने की कोशिश की, लेकिन तब तक एक भीड़ बिल्डिंग की निचली मंजिलों पर पहुंच चुकी थी, उन्होंने यहां तोड़फोड़ शुरू कर दी और बाद में उसके कुछ हिस्सों में आग लगा दी.
'द डेली स्टार' में हिंसा की पूरी रिपोर्ट बांग्लादेश की वेबसाइट बीडीन्यूज24 में छपी है. रिपोर्ट के अनुसार जब प्रदर्शनकारियों ने ऑफिस के निचले हिस्से में आग लगा दी तो वहां से धुएं का गुबार निकल पड़ा. इस वजह से पत्रकार बाहर नहीं निकल पाए.
VIDEO | Dhaka, Bangladesh: Daily Star newspaper building was attacked in Dhaka following death of Sharif Osman Hadi, a prominent leader of the July Uprising and a spokesperson of the Inqilab Manch who was shot last week. Protests erupted in Dhaka as soon as the news of his death… pic.twitter.com/wJSfbc0E01
— Press Trust of India (@PTI_News) December 18, 2025
इसके बाद पत्रकारों का एक ग्रुप 9वीं मंजिल की छत पर चला गया. पत्रकार ने बताया कि वहां 28 लोग थे.
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कुछ देर बाद बिल्डिंग का एक कैंटीन वर्कर बाहर की आग बुझाने वाली सीढ़ी का इस्तेमाल करके नीचे उतरा. जमीन पर पहुंचते ही भीड़ ने उसे पकड़ लिया और पीटा. इस घटना के बाद किसी और ने सीढ़ी का इस्तेमाल करने की कोशिश नहीं की.
बाद में फायर फाइटर्स आए और निचली मंजिलों पर लगी आग को काबू में किया. इसके बाद फायर सर्विस के चार लोग फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए छत पर गए. हालांकि, नीचे तोड़फोड़ जारी रहने के कारण पत्रकार नीचे आना नहीं चाह रहे थे. वहीं नीचे बिल्डिंग में आग भी लगी हुई थी. इस दौर में इन पत्रकारों ने ऊपर रहना ही मुनासिब समझा. और छत का दरवाज़ा बंद कर दिया गया.
दंगाइयों ने की ऊपर चढ़ने की कोशिश
फायर सर्विस के स्टाफ ने उन्हें भरोसा दिलाने की कोशिश की, इन लोगों ने पत्रकारों से कहा कि आर्मी के जवान बिल्डिंग के बाहर मौजूद हैं. लेकिन जब कई हमलावर छत पर आ गए और दरवाजा पीटने लगे तो फिर से घबराहट फैल गई. छत पर मौजूद फायर फाइटर्स भी घबरा गए.
इस दौरान पत्रकारों ने मदद का इंतजार करते हुए छत पर रखे गमलों से दरवाजे को बंद करने की कोशिश की.
बाद में एडिटर्स काउंसिल के प्रेसिडेंट और न्यू एज के एडिटर नूरुल कबीर, फोटोग्राफर शाहिदुल आलम के साथ भीड़ को शांत करने की कोशिश में बिल्डिंग के सामने गए. बाद में नूरुल कबीर के साथ बदसलूकी की गई.
पत्रकारों के अनुसार बाद में सैनिकों ने सीढ़ियों के एक तरफ से रास्ता दिया, जिसका इस्तेमाल हमलावरों ने बिल्डिंग में घुसने और तोड़फोड़ और लूटपाट जारी रखने के लिए किया.
हम खुशकिस्मत थे...
इस दौरान छत पर और बिल्डिंग के अंदर फंसे डेली स्टार के स्टाफ को फायर-एग्जिट सीढ़ियों से नीचे उतारा गया और बिल्डिंग के पीछे के रास्ते से बाहर निकाला गया. एक पत्रकार ने कहा, "हम खुशकिस्मत थे. हम एक बड़ी आपदा से बच गए. मुझे नहीं पता कि देश किस दिशा में जा रहा है."
इस घटना के बाद 'द डेली स्टार' का न्यूज रूम जल गया है और इस ग्रुप ने फिलहाल अखबारों का फिजिकल और ऑनलाइन प्रकाशन बंद करने का फैसला किया है.

इधर उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश के मुख्य प्रशासक मोहम्मद यूनुस ने रात को देश को संबोधित किया.
मोहम्मद यूनुस ने कहा, "इस क्रूर हत्या में शामिल सभी अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और उन्हें अधिकतम सजा दिलाई जाएगी. इस मामले में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी."
यूनुस ने कहा, "मैं एक बार फिर स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि उस्मान हादी पराजित ताकतों, फासीवादी आतंकवादियों के दुश्मन थे. उनकी आवाज को दबाने और क्रांतिकारियों को डराने का नापाक प्रयास पूरी तरह विफल किया जाएगा. कोई भी डर, आतंक या खूनखराबे के ज़रिए इस देश की लोकतांत्रिक प्रगति को नहीं रोका जा सकता."
बता दें कि 12 दिसंबर को इंकलाब मंच के नेता उस्मान हादी को अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी. इसके बाद बेहतर इलाज के लिए उसे सिंगापुर ले जाया गया था. जहां उसकी मौत हो गई.