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राहुल गांधी ने मायावती-अखिलेश-जयंत को दिया न्योता, भारत जोड़ो यात्रा में क्यों नहीं हो रहे शामिल?

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा तीन जनवरी को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी. राहुल गांधी ने पदयात्रा में शिरकत करने के लिए बसपा सुप्रीमों मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी सहित तमाम विपक्षी दल के नेताओं को निमंत्रण दिया है. ऐसे में देखना है कि विपक्ष के कौन नेता यात्रा में शिरकत करते हैं?

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अखिलेश यादव, मायावती, जयंत चौधरी
अखिलेश यादव, मायावती, जयंत चौधरी

कन्याकुमारी से कश्मीर तक के लिए निकली कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' नए साल के आगाज के साथ ही उत्तर प्रदेश में दस्तक देने जा रही है. तीन जनवरी को गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर से यूपी में एंट्री करेगी. राहुल गांधी के साथ पदयात्रा करने के लिए विपक्षी दल के नेताओं को भी निमंत्रण भेजा गया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमों मायावती, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी, सुभासपा के मुखिया ओम प्रकाश राजभर सहित तमाम विपक्षी दल के नेताओं को भारत जोड़ो यात्रा में शिरकत करने के लिए न्योता दिया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि राहुल के साथ क्या विपक्षी नेता भी पदयाक्षा करेंगे? 

उत्तर प्रदेश की सियासत में राहुल गांधी के द्वारा विपक्षी नेताओं को भेजे गए निमंत्रण से राजनीति गर्मा गई है. राहुल गांधी की तरफ से अखिलेश यादव, मायावती और जयंत चौधरी को भेजे गए निमंत्रण पत्र पहुंच चुके हैं. जयंत चौधरी को अगर छोड़ दें तो किसी और दूसरे बड़े नेता की तरफ से राहुल की पदयात्रा में शामिल होने या नहीं शिरकत करने पर किसी तरह का कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया, लेकिन सपा और बसपा दोनों के अलग-अलग एक्शन के सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं.

जयंत चौधरी नहीं होंगे शामिल

राहुल की तरफ से मिले प्रस्ताव के बाद आरएलडी ने यह फैसला लिया है कि जयंत चौधरी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं होंगे. इसके लिए वजह बताई गई. कहा गया है कि जयंत चौधरी के कार्यक्रम पहले से तय हैं, जिसके चलते वो शिरकत नहीं कर पाएंगे. 

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माना जा रहा है कि जयंत का राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में ना शिरकत करने का फैसला अकेले का नहीं है बल्कि इसके पीछे गठबंधन के सहयोगी की राय भी शामिल है. जयंत और अखिलेश यादव दोनों के बीच इस मुद्दे पर कोई न कोई बातचीत जरूर हुई होगी. इसके बाद ही अखिलेश यादव से पहले जयंत ने अपनी व्यस्तता का हवाला देकर राहुल गांधी की इस भारत जोड़ो यात्रा में उत्तर प्रदेश में जुड़ने से मना कर दिया है.

भारत जोड़ो यात्रा में क्यों नहीं शामिल होंगे जयंत?

सूत्रों की माने तो जयंत चौधरी के कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल नहीं होने के पीछे कोई ठोस वजह नहीं है. कांग्रेस नेताओं के वह करीब हैं और राहुल गांधी के करीबी दीपेंद्र हुड्डा के साथ उनकी अच्छी-खासी बनती है. गांधी परिवार के साथ भी उनकी निकटता है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ जाने से उनकी सियासत को फायदा ही होगा नुकसान नहीं होगा लेकिन जयंत चौधरी की 'ना' के पीछे अखिलेश यादव की 'ना' मानी जा रही है. 

अखिलेश यादव का क्या होगा फैसला?

समाजवादी पार्टी के नेताओं के मुताबिक राहुल की पदयात्रा में शामिल होने पर अंतिम फैसला अखिलेश यादव लेंगे, लेकिन जिस तरीके से अखिलेश से पहले जयंत चौधरी ने यात्रा में शामिल होने से मना कर दिया है. इससे यह साफ है कि अखिलेश यादव इस यात्रा में शामिल नहीं होंगे. इस बात से भी जाहिर होता है कि सोमवार को दोपहर में जब पत्रकारों ने अखिलेश से झांसी में इस संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि अभी तो हमें कोई निमंत्रण नहीं मिला है. 

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वहीं, मायावती और बीएसपी को लेकर भी चर्चा गर्म है. सोमवार की शाम मायावती के दफ्तर में राहुल गांधी का आमंत्रण पत्र रिसीव हुआ, लेकिन फिलहाल बसपा के तरफ से अभी इस मामले पर अपना रुख साफ नहीं किया गया है. हालांकि, इशारा यह जरूर है कि क्या बसपा सांसद श्याम सिंह यादव जो राहुल गांधी की पदयात्रा में दिल्ली में शामिल हुए, कहीं उनके इसकी हरी झंडी मायावती ने तो नहीं दी थी? 

मायावती के फैसले का इंतजार!

दरअसल, बसपा में मायावती के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता है. ऐसे में श्याम सिंह यादव का राहुल गांधी की पदयात्रा में शामिल होने के बाद भी मायावती ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं मायावती की सहमति से श्याम सिंह यादव इस यात्रा में शामिल हुए हैं. हालांकि, पुख्ता तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही, पर पार्टी के लोग इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि मायावती का इस पर क्या फैसला होता है?

बसपा के अंदरूनी सूत्र यह बता रहे हैं कि मायावती खुद इस यात्रा में शामिल नहीं होंगी. लेकिन, मायावती के बारे में यह भी कहा जाता है कि वह हमेशा अपने फैसलों से चौंकाती हैं. ऐसे में सभी की निगाहें मायावती के ऊपर टिकी है कि क्या राहुल के निमंत्रण पर पदयात्रा में शिरकत करेंगी या नहीं? 

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कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि ऐसे समय में जब लोगों को अपने विचार तक रखने की अनुमति नहीं है, यह यात्रा लोगों के मन को जानने का एकमात्र विकल्प है. पूरे विपक्ष की बीजेपी सरकार के बारे में लगभग एक ही राय है, इसलिए उन्हें यात्रा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. हमें पूरी उम्मीद है कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे? 

 

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