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अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट का स्थाई कार्यालय तैयार, 22 मई को होगा उद्घाटन

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य जोरों पर चल रहा है. यहां मंदिर के कामकाज की देखरेख करने वाले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का स्थाई कार्यालय भी बनकर तैयार हो चुका है. ट्रस्ट प्रबंधन ने कार्यालय के उद्घाटन की तारीख तय कर दी है. इस दिन प्रबंधन कार्यालय का गृह प्रवेश करवाएगा.

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अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में निर्माण कार्य प्रगति पर है. (फोटो-पीटीआई)
अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में निर्माण कार्य प्रगति पर है. (फोटो-पीटीआई)

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ श्री राम ट्रस्ट के काम में भी तेजी आई है. 22 मई को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नए स्थाई कार्यालय का उद्घाटन होने जा रहा है. इस मौके पर साधु-संत शामिल होंगे. कार्यक्रम को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

बता दें कि अयोध्या के रामकोट में ट्रस्ट का दो मंजिला कार्यालय तैयार किया गया है. इसका गृह प्रवेश कार्यक्रम रखा गया है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थाई कार्लालय में आवासीय ब्लॉक भी होगा. साथ ही हॉल में ट्रस्ट की बैठकें हो सकेंगी.

31 मई को रामलला की प्रतिमा को लेकर होगी चर्चा

31 मई को राम मंदिर ट्रस्ट की बड़ी बैठक प्रस्तावित है. इस बैठक में गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की प्रतिमा के बारे में चर्चा होगी. ये प्रतिमा किस शिला से बनेगी, इसके लिए शिलाओं की रिपोर्ट पर चर्चा होगी. 

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राम मंदिर की व्यवस्था को लेकर बनाई जाएगी रणनीति

बैठक में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन राम मंदिर की व्यवस्था को लेकर भी चर्चा होगी. बताते चलें कि जनवरी 2024 में ग्राउंड फ्लोर में रामलला विराजमान होंगे. रामलला के भव्य अभिषेक के लिए भारत के अलावा यूक्रेन और रूस समेत 7 महाद्वीपों और 155 देशों से पवित्र जल इकट्ठा किया गया है.

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जनवरी 2024 में मंदिर में रामलला की प्रतिमा होगी स्थापित

इससे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने बताया था कि मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है. 'जनवरी 2024 के तीसरे सप्ताह में राम लला (बाल भगवान राम) की मूर्ति को मूल स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों स्थापित किया जाएगा.'

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उन्होंने आगे बताया था कि मूर्ति को उसके मूल स्थान पर विराजमान करने के बाद भी मंदिर का काम जारी रहेगा. हमारा लक्ष्य गर्भगृह, पहली मंजिल पर काम पूरा करना और जनवरी 2024 से पहले दर्शन की व्यवस्था करना है. भारत के लिए दुनिया का नजरिया अब बदल गया है. उन्होंने कहा, 'योग, आयुर्वेद और भारतीय संगीत दुनियाभर में पहुंच गया है और पूरी दुनिया में एक सांस्कृतिक क्रांति होगी.'

बताते चलें कि श्रीराम मंदिर का 50 फीसदी से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. गर्भ गृह की दीवारें पूरी हो चुकी हैं. चंपत राय के मुताबिक अक्टूबर 2023 तक राम मंदिर का पहला फेज पूरा हो जाएगा. एक से 14 जनवरी 2024 के बीच कभी भी प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है. उनका कहना है कि रामलला की मूर्ति 51 इंच की होगी, जो गर्भगृह में बने चबूतरे पर स्थापित होगी.

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