श्री राम मंदिर ट्रस्ट
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra), भारत सरकार (Indian Government) ने फरवरी 2020 में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए स्थापित एक ट्रस्ट ह. इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य हैं. एम सिद्दीक (D) थ्र एलआरएस बनाम महंत सुरेश दास और अन्य मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार बनाया गया था. अदालत ने केंद्र सरकार को फैसले के तीन महीने के भीतर मंदिर के निर्माण की देखरेख और प्रबंधन के लिए एक ट्रस्ट का गठन करने का निर्देश दिया. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 5 फरवरी 2020 को लोकसभा में ट्रस्ट के गठन की घोषणा की (Foundation of Ram Temple Trust).
केंद्र सरकार ने ट्रस्ट के 15 में से 12 सदस्यों को मनोनीत किया. अयोध्या मामले में श्री राम लला विराजमान का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व अटॉर्नी जनरल केशव परासरन को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया. 19 फरवरी 2020 को ट्रस्ट ने अपने बाकी सदस्यों को नामित किया और महंत नृत्यगोपाल दास को अध्यक्ष चुना ( Chairman of Ram Temple Trust).
वरिष्ठ न्यासियों ने 1992 में सीबी सोमपुरा के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे ताकि वास्तुकला डिजाइन सेवाओं को अतिरिक्त प्रावधानों के साथ फिर से मान्य किया जा सके. नवंबर 2020 में, ट्रस्ट ने लार्सन एंड टुब्रो को डिजाइन और निर्माण ठेकेदार और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स को मंदिर के निर्माण के लिए परियोजना प्रबंधक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया. फरवरी 2020 में, 67 एकड़ के मंदिर परिसर के विकास के लिए टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स और डिजाइन एसोसिएट्स इंक. के साथ और अनुबंध किए गए हैं (Ram Temple Trust Design).
ट्रस्ट में 15 सदस्य हैं (Total Member of Ram Temple Trust), जिनमें से 9 स्थायी हैं और 6 मनोनीत सदस्य हैं. स्थायी सदस्यों में के. परासरन, भारत भर के विभिन्न मंदिरों के चार धार्मिक नेता, निर्मोही अखाड़े के प्रतिनिधि, अयोध्या जिले के दो प्रमुख नागरिक और एक दलित प्रतिनिधि हैं (Permanent Member of Ram Temple Trust).
अयोध्या राम नगरी श्रीराम जन्मभूमि परिसर में बने 14 नए मंदिरों में देवी-देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब दैनिक श्रृंगार, पूजन और भोग अर्पण के लिए पुजारियों की नियुक्ती की जाएगी. इसके लिए ट्रस्ट ने प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू कर दी है और इच्छुक अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे हैं.
सुबह 6:30 बजे से प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के दूसरे दिन के अनुष्ठान शुरू होंगे हैं. इस दौरान वेदी पूजन, षोडश मात्रिका, सप्त मात्रिका, योगिनी पूजन, वास्तु पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, सर्वतोभद्र पूजन, नवग्रह पूजन, यज्ञकुंड संस्कार, अरणि मंथन, और यज्ञकुंड में अग्नि स्थापन जैसे महत्वपूर्ण कर्मकांड किए जाएंगे. इसके बाद कुश कंडिका, प्रणिता प्रोक्षनी स्थापन और अग्नि सिंचन के साथ पंच वारुणी हवन संपन्न होगा.
श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को बताया कि राम मंदिर परिसर में तीन दिवसीय समारोह का महाआयोजन किया जाएगा. इस दौरान एक साथ आठ देवालयों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस समारोह की शुरुआत 2 जून को शाम 4 बजे सरयू जल कलश यात्रा के साथ होगी जो सरयू नदी के पुराने पुल के पूर्वी तट से शुरू होगी.
राम मंदिर के ट्रस्ट ने रविवार को कहा, "मंदिर परिसर का 60 फीसदी इलाका हरित क्षेत्र होगा. राम मंदिर परिसर के आधे से ज्यादा हिस्से को हरित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी."
अयोध्या में मांस और शराब की बिक्री लंबे समय से बंद है. नए पारित प्रस्ताव का उद्देश्य फैजाबाद शहर के क्षेत्रों को शामिल करते हुए पूरे राम पथ पर प्रतिबंध लगाना है. अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने गुरुवार को इस फैसले की घोषणा की है.
राम मंदिर ट्रस्ट और यूपी के कई जिलों के जिलाधिकारियों को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल मिला है, जिसके बाद अयोध्या, बाराबंकी और चंदौली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मेल में राम मंदिर की सुरक्षा बढ़ाने की चेतावनी दी गई थी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, और प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये धमकी भरे मेल तमिलनाडु से भेजे गए थे। इस मामले में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और संदिग्धों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।
अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य शिखर पर कलश की स्थापना वैदिक विधि-विधान के साथ पूरी हुई। इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बने ब्राह्मणों ने शुभ अवसर पर कलश की प्रतिष्ठा की। अब ध्वजदंड की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर खुशी जताई और इसे 'नए भारत' की दिशा में एक कदम बताया। जानिए इस ऐतिहासिक घटनाक्रम की पूरी जानकारी और राम मंदिर के निर्माण की प्रगति के बारे में।
राम जन्मभूमि ट्रस्ट और यूपी के कई जिलों के डीएम को सोमवार रात धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें राम मंदिर की सुरक्षा बढ़ाने की चेतावनी दी गई थी. अयोध्या साइबर थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. अयोध्या, बाराबंकी और चंदौली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जांच जारी है.
अयोध्या में राम मंदिर को मंगलवार को बम से उड़ाने की धमकी भरा ई-मेल मिला. ये ई-मेल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ-साथ कई जिलों के डीएम को भी भेजा गया. साइबर सेल की जांच में पता चला कि ये मेल तमिलनाडु से भेजा गया है. देखें ये वीडियो.
राम मंदिर में एक और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी चल रही है, जिसमें भगवान राम को राजा के रूप में स्थापित किया जाएगा. राम दरबार की मूर्तियों का निर्माण जयपुर के कारीगर कर रहे हैं.
अयोध्या के जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, 'रामनवमी पर आने वाले श्रद्धालुओं पर सरयू नदी का पवित्र जल छिड़का जाएगा. इसके लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. मां सरयू के प्रति श्रद्धालुओं की गहरी आस्था को ध्यान में रखते हुए ये विचार किया गया है जो तकनीक और परंपरा का अनूठा संगम होगा.'
अयोध्या में भक्तों को भगवान श्रीराम के दिव्य सूर्यतिलक के दर्शन का सौभाग्य मिलेगा. 6 अप्रैल को दोपहर 12 बजे, जब रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा, तब सूर्य की किरणें उनके मस्तक पर तिलक करेंगी.
अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट ने केंद्र सरकार को दिया करीब 400 करोड़ का टैक्स, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने ये जानकारी
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. मंदिर 96% तैयार हो चुका है और जून तक पूरा होने की उम्मीद है. अब तक मंदिर निर्माण पर ₹2100 करोड़ खर्च हुए हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जीएसटी और अन्य मदों में सरकार को ₹396 करोड़ दिए हैं. VIDEO
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व MLC सदस्य कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है. जानकारी के मुताबिक, कामेश्वर का निधन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल में हुआ. वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. बता दें कि कामेश्वर चौपाल ने ही राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी थी
Ayodhya News: श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पहली बार रामलला के मंदिर परिसर में बन रहे दूसरे देवी-देवताओं के मंदिरों की तस्वीरें जारी की हैं. इसमें सूर्य मंदिर, गणेश मंदिर, शिव मंदिर, दुर्गा मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर और हनुमान मंदिर आदि शामिल हैं.
Ayodhya Tilak Utsav: अयोध्या में आज प्रभु श्रीराम का तिलकोत्सव कार्यक्रम है. विवाह अगले महीने 6 दिसंबर को संपन्न होगा. जनकपुर (नेपाल) से 501 तिलकहरू (तिलक चढ़ाने वाले) अयोध्या पहुंच रहे हैं. इसके लिए राम नगरी में भव्य तैयारियां की गई हैं.
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार होने वाला राम का तिलक उत्सव 18 नवंबर को निर्धारित हुआ है. मान्यता है कि माता सीता के मायके जनकपुर (नेपाल) से लोग राम का तिलक करने के लिए अयोध्या पहुंचते हैं.
दिवाली से एक दिन पहले (30 अक्टूबर) अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा. सरकार का लक्ष्य इस साल एक साथ सबसे अधिक संख्या में दीये जलाकर फिर से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना है. दीपोत्सव कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगभग 10,000 पुलिस कर्मियों की तैनाती होगी. उनमें से लगभग आधे सादे पोशाक में होंगे.
अयोध्या में राम मंदिर के दूसरे फ्लोर के काम में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही परकोटे का काम भी पूरा किया जा रहा है. बता दें कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने इस साल दिसंबर के अंत तक या जनवरी में मकर संक्रांति तक मंदिर निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा है.
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा है कि इस साल की शुरुआत में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा (अभिषेक) समारोह के दौरान भक्तों को प्रसाद के रूप में तिरुपति मंदिर के लड्डू वितरित किए गए थे.