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फर्जी आईडी, सिम और OTP... कंबोडिया तक जुड़े तार, साइबर ठग इमरान उर्फ तोतला ने बताई पूरी कहानी

नोएडा पुलिस ने 50 हज़ार रुपये के इनामी आरोपी इमरान उर्फ तोतला को गिरफ्तार किया है. वह एक ऐसे साइबर फ्रॉड रैकेट से जुड़ा था, जिसे विदेश से ऑपरेट किया जा रहा था. गिरोह फर्जी आईडी से सिम कार्ड लेकर ओटीपी और मैसेज कंबोडिया भेजता था और भारतीयों को फर्जी नौकरी का लालच देकर ठगी करता था.

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साइबर फ्रॉड का आरोपी गिरफ्तार. (Photo: Representational)
साइबर फ्रॉड का आरोपी गिरफ्तार. (Photo: Representational)

नोएडा पुलिस ने एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट में वांछित आरोपी को गिरफ़्तार किया है. यह गिरोह विदेश में बैठे ऑपरेटिव्स के इशारों पर काम करता था और अब तक कई भारतीयों को ठगने के साथ-साथ उनकी पर्सनल जानकारी भी चुरा चुका है. पुलिस ने कहा कि पकड़ा गया आरोपी 32 वर्षीय इमरान उर्फ़ टोटला है, जो बुलंदशहर का रहने वाला है. उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था. उसे बिसरख थाना क्षेत्र की पुलिस टीम ने अरेस्ट किया है.

एजेंसी के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि इमरान और उसके साथी अलग-अलग टेलीकॉम कंपनियों की सिम कार्ड्स फर्जी आईडी के जरिए हासिल करते थे. इन सिम पर आने वाले मैसेज और OTP को वे एक चीनी मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से कंबोडिया में बैठे ऑपरेटिव्स तक भेजते थे. इसी तकनीक का इस्तेमाल करके यह गिरोह बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करता था. आरोपियों ने भारत की कई नामी कंपनियों का निजी डेटा भी हैक किया और लोगों को चपत लगाई.

यह भी पढ़ें: मुंबई पुलिस ने 11,000 से ज्यादा मोबाइल नंबर ब्लॉक किए, साइबर फ्रॉड में होता था इनका इस्तेमाल

इमरान पर यह भी आरोप है कि वह भारतीय युवाओं को विदेश में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरियों का लालच देता था. नौकरी के नाम पर उन्हें विदेश ले जाकर इस रैकेट के लिए काम करने को मजबूर किया जाता था. जो लोग काम करने से इनकार कर देते, उन्हें विदेशी पुलिस के हवाले कर दिया जाता. 

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इस मामले में पहले ही तीन आरोपियों को पुलिस पकड़ चुकी है. इनमें चीनी नागरिक सु योमिंग, नेपाली नागरिक अनिल थापा मगर और भारतीय विनोद उर्फ़ अगस्त्य भाटी शामिल हैं, जिन पर एक्शन हुआ है. इमरान लंबे समय से फरार था.

इस पूरे मामले में बिसरख थाने में 2024 में ही एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोपों के तहत केस दर्ज किया है. नोएडा पुलिस का कहना है कि इस साइबर फ्रॉड सिंडिकेट की जड़ें विदेश तक फैली हुई हैं. इमरान की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके.

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