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बुजुर्ग पिता डिजिटल अरेस्ट थे, बेटे ने खौफ में आकर ठगों को भेजे 1.29 करोड़... मर्चेंट नेवी से रिटायर अफसर से ठगी

यूपी के लखनऊ में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने मर्चेंट नेवी से रिटायर अफसर और उनके बुजुर्ग पिता को डिजिटल अरेस्ट कर एक करोड़ 29 लाख रुपये ठग लिए. आरोपियों ने खुद को सीबीआई अफसर बताकर बुजुर्ग को 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा. बेटे ने डरकर रुपये ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए.

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लखनऊ में मर्चेंट नेवी से रिटायर अफसर से ठगी. (Photo: Representational)
लखनऊ में मर्चेंट नेवी से रिटायर अफसर से ठगी. (Photo: Representational)

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से चौंकाने वाली कहानी सामने आई है. यहां डिजिटल फ्रॉड करके एक करोड़ 29 लाख रुपये की ठगी कर ली गई. दरअसल, मर्चेंट नेवी से रिटायर अफसर और उनके बुजुर्ग पिता के साथ ये धोखाधड़ी हुई है. साइबर ठगों ने खुद को सीबीआई अफसर बताकर बुजुर्ग को छह दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा. वहीं डर के साए में बुजुर्ग के बेटे ने ठगों के खाते में रुपये ट्रांसफर कर दिए.

सूत्रों के अनुसार, सुरिंद्र पाल सिंह मर्चेंट नेवी से रिटायर अफसर हैं. उनके सौ वर्षीय पिता के पास एक कॉल आया था. ठगों ने बुज़ुर्ग को यह कहकर डराया कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं और जांच चल रही है. इसके बाद वीडियो कॉल और मोबाइल फोन के जरिए उन्हें लगातार निगरानी में रखा गया. इस दौरान बुज़ुर्ग को घर से बाहर न निकलने की सख्त हिदायत दी गई. ठगों ने बुजुर्ग के परिवार को यकीन दिलाया कि वे सीबीआई अफसर हैं और मामले को निपटाने के लिए पैसे जमा कराने होंगे.

ठगों ने रिटायर्ड अफसर के बेटे से दबाव बनाकर धीरे-धीरे 1.29 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए. यह पैसे गुजरात, गोवा और जलगांव में स्थित बैंकों की शाखाओं में ट्रांसफर हुए. पीड़ित परिवार को यह भरोसा दिलाया गया कि पैसे सुरक्षित हैं और जल्द ही लौटा दिए जाएंगे, लेकिन जब लंबे इंतजार के बाद भी पैसा वापस नहीं आया तो परिवार ने पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई.

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यह भी पढ़ें: डिजिटल अरेस्ट, सिम बॉक्स और करोड़ों की ठगी... चंडीगढ़ पुलिस ने किया इंटरनेशनल साइबर सिंडिकेट का भंडाफोड़

जब इस मामले में पुलिस ने जांच की तो पता चला कि इस तरह की ठगी सिर्फ लखनऊ तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में फैले नेटवर्क द्वारा करोड़ों रुपये हड़पे जा चुके हैं. 'डिजिटल अरेस्ट' साइबर ठगों का नया तरीका है, जिसमें पीड़ित को मोबाइल या ऑनलाइन माध्यम से मानसिक रूप से कैद कर डराया-धमकाया जाता है और बड़ी रकम ऐंठ ली जाती है. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. साइबर सेल भी इसमें शामिल हो गई है और ठगों तक पहुंचने के लिए ट्रांजेक्शन डिटेल और कॉल रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं.

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