पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या ने कहा कि वह नौकरी या मुआवज़ा नहीं मांग रही, वह तो सिर्फ इतना चाहती है कि पति को शहीद का दर्जा दिया जाए. ऐशन्या ने यह भी कहा कि अभी तक आतंकियों के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है.
गुरुवार को न्यूज एजेंसी से बात करते हुए ऐशन्या ने कहा कि वह नौकरी या मुआवज़ा नहीं मांग रही हैं, बल्कि सिर्फ़ यही चाहती हैं कि उनके पति को शहीद का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा, "न तो शुभम को शहीद का दर्जा मिला है और न ही सरकार ने हत्याओं के लिए ज़िम्मेदार आतंकवादियों को खत्म किया है. मुझे नौकरी या पैसा नहीं चाहिए - बस मेरे शुभम के लिए शहीद का दर्जा चाहिए. मैं इस दर्द को ज़िंदगी भर सहती रहूंगी."
ऐशन्या अब बाहर जाने से भी डरती हैं. वह कहती हैं कि मैंने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया है, जहां घंटों शुभम की तस्वीर और हमले के दौरान पहनी गई शर्ट को देखती रहती हूं. टायर फटने या तेज आवाज भी मुझे कांपने पर मजबूर कर देती है. पहलगाम हमले के बाद से ऐशन्या सदमे में हैं.
आपको बता दें कि बीते बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शोक संतप्त परिवार से महाराजपुर स्थित उनके आवास पर मुलाकात की थी. ऐशन्या ने तब कांग्रेस नेता के सामने अपनी मांग रखी थी, जिसपर उन्होंने आश्वासन दिया था कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर शुभम को शहीद का दर्जा देने का अनुरोध करेंगे. राहुल ने संसद में भी इस मामले को उठाने का वादा किया.
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ऐशन्या ने सरकार से पहलगाम हत्याओं के पीछे के आतंकवादियों के खिलाफ ठोस और तत्काल कार्रवाई करने का भी आग्रह किया. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह फिर कभी कश्मीर जाने के बारे में सोचेंगी, तो उन्होंने कहा, "कभी नहीं, एक बार भी नहीं."