कानपुर में दो इंजीनियरों की मौत के बाद, उनका हेयर ट्रांसप्लांट करने वाली डॉक्टर अनुष्का तिवारी को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. वह खुद को हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ बताती थीं और कम पैसों में बाल उगाने का दावा करती थीं. जहां अन्य क्लीनिकों में यह सर्जरी लाखों रुपये में होती है, वहीं डॉक्टर अनुष्का यह काम मात्र ₹40 से 50 हजार रुपए में कर देती थीं. यह दावा जान गंवाने वाले इंजीनियर मयंक कटियार और विनीत दुबे के परिजनों ने किया है. मयंक के परिजनों के अनुसार, डॉक्टर अनुष्का तिवारी ने ₹40,000 ऑनलाइन अपने खाते में मंगवाए और फिर अपने क्लिनिक में करीब 5 घंटे तक उनकी सर्जरी की. वहीं विनीत से उन्होंने पैसा कैश में लिया था.
अग्रिम जमानत की कोशिश में जुटी हैं डॉक्टर अनुष्का
डॉ. अनुष्का तिवारी के खिलाफ सबसे पहले केस दर्ज कराने वाली पनकी पावर हाउस के इंजीनियर विनीत दुबे की पत्नी जया त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि उन्हें जानकारी मिली है कि अनुष्का अग्रिम जमानत लेने की कोशिश कर रही हैं. जया ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा, पुलिस ने मेरी एफआईआर दर्ज करने में दो महीने लगा दिए, और अब रिपोर्ट दर्ज होने के सात दिन बाद भी डॉक्टर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
उन्होंने कहा कि अब तो मयंक की मौत का मामला भी सामने आ गया है और उसकी शिकायत भी हो चुकी है. ऐसे में पुलिस को अग्रिम जमानत का विरोध करना चाहिए. डॉक्टर अनुष्का खुलेआम शहर में घूम रही हैं, फिर भी पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पा रही. इस मामले में एसीपी अभिषेक पांडे का कहना है कि पुलिस की टीमें डॉक्टर की तलाश में लगी हैं और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वहीं, डीसीपी दिनेश त्रिपाठी ने भी डॉक्टर की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं.
मयंक से ऑनलाइन लिया था पैसा
मयंक के भाई ने बताया कि मयंक कल्याणपुर के इंदिरा नगर में अपनी बुआ की बेटी के घर रह रहे थे. बाल झड़ने की समस्या के कारण वह हेयर ट्रांसप्लांट कराना चाहते थे. उन्होंने ऑनलाइन सर्च करके एंपायर क्लिनिक, केशवपुरम की डॉक्टर अनुष्का तिवारी से संपर्क किया. डॉक्टर से बातचीत के बाद वह क्लिनिक पहुंचे, जहां जांच के बाद सर्जरी का खर्च ₹40,000 बताया गया. ऑनलाइन भुगतान के बाद डॉक्टर ने 5 घंटे की सर्जरी की. बाद में उन्होंने बताया कि मयंक पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें घर ले जाया जा सकता है.
घर पहुंचने के कुछ समय बाद सर्जरी वाले हिस्से में तेज दर्द शुरू हुआ. डॉक्टर से संपर्क किया गया, तो उन्होंने फोटो और वीडियो मंगवाए और कुछ दवाइयाँ बताईं. आराम न मिलने पर एक इंजेक्शन लेने को कहा गया, जिससे भी कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद डॉक्टर ने किसी अन्य अस्पताल में ले जाने को कहा. वहां स्थिति बिगड़ गई और कुछ देर में मयंक की मौत हो गई. जब परिजनों ने डॉक्टर को फोन कर इसकी जानकारी दी तो उन्होंने कॉल काट दिया और सभी नंबर ब्लॉक कर दिए.
विनीत ने दिए थे ₹50 हजार कैश
इसी तरह, इंजीनियर विनीत दुबे की पत्नी जया त्रिपाठी ने बताया, मेरे पति के अकाउंट से डॉक्टर अनुष्का तिवारी ने ऑनलाइन ₹1,000 एडवांस लिए थे, जबकि ₹50,000 उन्हें कैश में दिए गए थे. इसके बावजूद सही इलाज नहीं किया गया और मेरे पति की जान चली गई. जया ने बताया कि डॉक्टर ने एक अन्य नंबर से कॉल करके बिना नाम बताए बताया था कि उनके पति की तबीयत खराब है और उन्हें अनुराग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. जब उनके चाचा वेद प्रकाश त्रिपाठी अस्पताल पहुंचे तो स्थिति गंभीर थी. फिर उन्हें रीजेंसी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.