हेयर ट्रांसप्लांट (Hair Transplant) एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें आपके सिर के उस हिस्से से बालों के रोम (hair follicles) लिए जाते हैं जहां बाल घने होते हैं (जैसे पीछे या किनारे का हिस्सा), और उन्हें उस जगह पर प्रत्यारोपित किया जाता है जहां बाल झड़ चुके हैं या बहुत कम हैं. यह तकनीक मुख्य रूप से पुरुषों में पैटर्न गंजापन (male pattern baldness) के इलाज के लिए उपयोग होती है, लेकिन महिलाएं भी इसका लाभ ले सकती हैं.
हेयर ट्रांसप्लांट के लिए डॉक्टर आपकी बालों की स्थिति का मूल्यांकन करते हैं और तय करते हैं कि आप ट्रांसप्लांट के लिए उपयुक्त हैं या नहीं. FUT या FUE तकनीक से बालों के रोम निकाले जाते हैं. निकाले गए रोम को माइक्रो सर्जरी के जरिये गंजे हिस्से में ट्रांसप्लांट किया जाता है.
हेयर ट्रांसप्लांट के कुछ नुकसान भी देखे गए हैं जिनमें सूजन, खुजली या दर्द शामिल है. कुछ घटनओं में मृत्यु भी हुई है.
हेयर ट्रांसप्लांट कराना सिर्फ महंगा ही नहीं बल्कि दर्दनाक प्रक्रिया है, इससे भी बड़ी बात ये है कि इसे कराने के करीबन 10 महीने बाद रिजल्ट नजर आते हैं. इसके साथ ही आपको काफी सारी सावधानियां भी बरतनी होती हैं, जो आपकी डेली लाइफ पर भी असर डालती हैं.
ताइवान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 20 दिनों में बाल उगाने वाला सीरम विकसित किया. चूहों पर सफल टेस्ट, अब इंसानों पर ट्रायल की तैयारी.
हाल ही में गंजे सिर पर बाल उगाने के चक्कर में 38 साल के एक ब्रिटिश नागरिक, मार्टिन लैचमैन की इस्तांबुल में मौत हो गई.
अनुष्का खुद को डॉक्टर बताकर बिना नाम, डिग्री और रजिस्ट्रेशन नंबर के 'घोस्ट सर्जन' की तरह इलाज कर रही थीं. परिजनों का दावा है कि इंजीनियरों को जो दवा के पर्चे दिए गए, उनमें न डॉक्टर का नाम था, न रजिस्ट्रेशन नंबर और न ही किसी डिग्री का जिक्र. 18 नवंबर को मयंक कटियार की हेयर ट्रांसप्लांट के एक दिन बाद मौत हो गई, तो डॉक्टर अनुष्का ने अपने क्लीनिक का नाम और ठिकाना तक बदल दिया.
राम जी सचान, जिन्होंने डॉक्टर अनुष्का के क्लिनिक से हेयर ट्रांसप्लांट कराया था, बताते हैं कि उनका ट्रांसप्लांट डॉ. अनुष्का द्वारा नियुक्त कुछ कारीगर जैसे युवकों ने किया था. वे कहते हैं, ऐसा लग रहा था कि उन लड़कों ने किसी प्रोफेशनल डॉक्टर के साथ काम करके यह काम सीखा है और अब वे अनुष्का के साथ जुड़े हुए हैं. राम जी का दावा है कि डॉ. अनुष्का स्वयं सर्जरी में शामिल नहीं थीं.
पुलिस ने डॉक्टर अनुष्का के पिता को बुलाकर सख्ती से पूछताछ की. उन्होंने अनुष्का की लोकेशन के बारे में जानकारी होने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, हमें नहीं पता कि वह कहां हैं या कहां हो सकती हैं. मामले की जांच कर रहे एसीपी अभिषेक पांडे ने बताया कि झांसी, कानपुर देहात, लखनऊ और कानपुर सिटी में कई स्थानों पर दबिश देकर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए गए हैं.
कानपुर में एक क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद दो इंजीनियरों की मौत हो गई है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडे ने बताया कि आरोपी डॉक्टर ने अपना पक्ष नहीं रखा. डॉक्टर का क्लिनिक बंद है, वह पुलिस के नोटिस का जवाब नहीं दे रहे हैं, उनकी डिग्री की भी जांच हो रही है और सहयोग न करने पर गिरफ्तारी भी हो सकती है.
Hair Transplant: यदि आप हेयर ट्रांसप्लांट कराने का सोच रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. इस बारे में डॉक्टर्स ने क्या सलाह दी, इस बारे में जानेंगे.
कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद दो इंजीनियर की मौत से डॉक्टर अनुष्का तिवारी चर्चा में हैं. पुलिस जांच जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे अनुष्का तिवारी के झूठ बेनकाब होता जा रहे हैं. अब इस बात का खुलासा हुआ है कि अनुष्का के पास MBBS तक की डिग्री नहीं है और वह खुद को डर्मेटोलॉजिस्ट बता कर हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी कर रही थी.
कानपुर की डॉक्टर अनुष्का तिवारी खुद को हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ बताती थीं और कम पैसों में बाल उगाने का दावा करती थीं. जहां अन्य क्लीनिकों में यह सर्जरी लाखों रुपये में होती है, वहीं अनुष्का यह काम मात्र ₹40 से 50 हजार रुपए में कर देती थीं. यह दावा जान गंवाने वाले इंजीनियर मयंक कटियार और विनीत दुबे के परिजनों ने किया है.
कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट के चक्कर में जान गंवाने वाले इंजीनियरों ने डॉक्टर अनुष्का तिवारी इलाज कराया था. जो केशवनगर में एम्पायर नाम से क्लिनिक चलाती थी. यह चार मंजिला कॉम्प्लेक्स में ग्राउंड फ्लोर पर स्थित है. इंजीनियर विनीत की मौत के बाद से यहां ताला लगा है और बोर्ड भी हटा दिया गया है. बताया जा रहा है इसी क्लिनिक पर ही डॉक्टर अनुष्का के पति भी बैठते थे.