गंगा-यमुना सहित कई नदियों में आई बाढ़ की वजह से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लोग प्रभावित हुए हैं. एक तरफ नदियों की बाढ़ जहां लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा राहत और बचाव के कार्य भी तेजी के साथ किए जा रहे हैं.
बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रभावित परिवारों के लिए एक तरफ जहां सेंटर होम खोले गए हैं और उनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया है, वहीं दूसरी तरफ पशुओं के लिए रहने की व्यवस्था भी शासन द्वारा की गई है. इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में सरकार द्वारा निर्धारित राशन किट का वितरण भी किया जा रहा है. आईए जानते हैं बाढ़ प्रभावित इलाकों में किस जगह शासन द्वारा क्या-क्या इंतजाम किए गए हैं.
वाराणसी
वाराणसी में गंगा नदी खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच चुकी है. वाराणसी में गंगा नदी का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है और खतरे का बिंदु 71.26 मीटर है व HFL 73.90 मीटर है. वर्तमान में गंगा नदी चेतावनी बिंदु से 27 सेमी ऊपर है और खतरे के बिंदु से 73 सेमी नीचे है. वाराणसी जनपद में कुल 46 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमे से 16 बाढ़ राहत शिविर क्रियाशील हैं. वहीं राहत शिविरो में वर्तमान में 448 परिवारों के 2860 लोग आज भी निवास कर रहे हैं. बाकी बाढ़ राहत शिविरों में निवास कर रहे लोगों के लिए स्वच्छ ताज़ा गर्म भोजन, फल, दूध और पेयजल के साथ-साथ मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ राहत शिविर में मेडिकल कैम्प स्थापित किया गया है, जिसमें बाढ़ पीड़ितों का स्वास्थ्य परिक्षण किया जा रहा है. अब तक 1093 पैकेट ORS, 7685 क्लोरिन टेबलेट का वितरण किया जा चुका है और 523 लोगों का उपचार किया गया है. इसके अलावा नगर निगम द्वारा शिविरों में फॉगिन कराई जा रही है. गंगा नदी के जलस्तर बढ़ने से वरुणा नदी में जल का उल्टा प्रवाह हो रहा है, जिसके कारण बाढ़ की स्थित पैदा हो गई है. जनपद में बाढ़ से कुल 7134 लोग बाढ़ से प्रभावित है. बाढ़ से बचाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा 25 नावों लगाई गई हैं. जनपद में NDRF की 01 टीम और जल पुलिस द्वारा भी मोटर बोट लगा कर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है.
वहीं सभी नदियों में लगातार रैकी कर जलस्तर की निगरानी की जा रही है. जलस्तर में वृद्धि होने के कारण नौकाओं के संचालन पर रोक लगा दी गई है. अब तक बाढ़ से प्रभावित 320 परिवार को बाढ़ राहत सामग्री एवं महिलाओं की व्यक्तिगत स्वछता हेतु 195 महिलाओं को डिग्निटी किट का वितरण किया गया है. बाढ़ से प्रभावित पशुओं के लिए भूसा की व्यवस्था की गई है. अब तक 682 कुंतल भूसा का वितरण किया जा चुका है.
मिर्जापुर
मिर्जापुर में बाढ़ प्रभावित तहसील सदर के ग्राम मल्लेपुर के 36 और हरसिंहपुर के 56 व कुल 92 परिवारों को राहत पैकेट उपलब्ध कराए गए हैं. इन पैकेट में 5 किलोग्राम लाई, दो किलोग्राम भुना चना, एक किलोग्राम गुड़, 10 पैकेट बिस्किट, 1-1 पैकेट माचिस व मोमबत्ती, दो नहाने के साबुन, 20 लीटर का एक जरी केन और तिरपाल दिया जा रहा है. इसके अलावा पैकेट में 10-10 किलोग्राम आटा एवं चावल, 2 किलोग्राम अरहर, 10 किलोग्राम आलू, 200 ग्राम हल्दी, 100 ग्राम मिर्च, सब्जी मसाला, एक लीटर सरसों का तेल और एक किलो नमक का पैकेट आपदा राहत के रूप में प्रभावित व्यक्तियो को दिया जा रहा है.
चंदौली
चंदौली में पिछले कई दिनों से गंगा और कर्मनाशा नदी उफान पर हैं. हालांकि, इन दोनों नदियों का जलस्तर अब स्थिर है. इन नदियों मे बाढ़ की वजह से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. इस संदर्भ में जानकारी देते हुए चंदौली के जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने बताया कि जनपद में तीन प्रमुख नदियां हैं, जिनमें गंगा कर्मनाशा और चंद्रप्रभा नदी शामिल है. जहां तक प्रभावित लोगों की बात है तो कुछ ऐसे गांव हैं, जहां तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को गांव में बनाए गए सेंटरों में रखा गया है. उनको शिफ्ट करने के बाद कम्युनिटी किचन का खाना दिया जा रहा है. वहीं पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा बाढ़ से क्षतिग्रस्त चीजों पर सरकार की तरफ से सर्वे करके तत्काल मुआवजा दिया जाएगा. विस्थापित हुए लोगों को सरकार द्वारा निर्धारित राशन किट दी जा रही है.
बाराबंकी
यूपी के बाराबंकी में सरयू नदी खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर है. नेपाल द्वारा छोड़े गए बरसात के पानी के बाद सरयू नदी उफान पर आ गई थी, जिसके चलते लगभग 50 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे और लगभग 35 हजार की आबादी प्रभावित हुई थी. बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन द्वारा राशन किट, रोजाना पूरी-सब्जी और तहरी का भोजन दिया जा रहा है. इसके अलावा मवेशियों के चारे का भी इंतजाम किया गया है. एडीएम अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सरयू नदी में आई बाढ़ से 3 गांव नदी में समा गए थे, जिनमे 209 घर पूरी तरह नदी में बह गए थे. इसलिए जिन लोगों के घर बाढ़ में बह गए हैं, उन्हें एक लाख 20 हजार रुपए मुआवजा देकर जमीन आवंटित कर मकान बनवाया जा रहा है. इसके अलावा करीब 950 किसान जिनकी फसल और खेत बाढ़ में बर्बाद हो चुके हैं, उनके खाते में भी मुआवजे की राशि ट्रांसफर कर दी गई है.
प्रयागराज
प्रयागराज में बाढ़ से करीब 10 हजार घर प्रभावित हुए हैं. वहीं बाढ़ राहत कार्य के लिए प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने 27 नावें लगा दी हैं. बाढ़ से प्रभावित छोटा बघाड़ा मोहल्ले के लिए ऐनीबेसेंट स्कूल एलनगंज, राजापुर कछार के लिए ऋकिषकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, द्रौपदी घाट के लिए कैंट हाईस्कूल सदर बाजार न्यू कैंट, गंगानगर राजापुर के लिए स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज अशोक नगर, बेली कछार के लिए सेंट जोसेफ गर्ल्स हाईस्कूल मम्फोर्डगंज, करेलाबाग के लिए यूनिटी पब्लिक स्कूल करेली, बेली कछार के लिए महबूब अली इंटर कॉलेज स्टेनली रोड बेली चौराहा को शिविर बनाया गया है. इसके साथ ही बाढ़ राहत के लिए फोन नंबर (0532-2641577, 2641578) जारी किए गए हैं.
बस्ती
बस्ती में सरयू लगातार कटान कर रही है, जिसकी वजह से कुदरहा ब्लाक के मईपुर और मदरहवा गांव प्रभावित हैं. नदी की कटान से कई घर नदी की धारा में समाहित हो गए हैं और कई घर नदी की धारा में विलीन होने के कगार पर हैं. अगर बात करें बाढ़ प्रभावितों कि तो बस्ती जिला प्रशासन की ओर से उन्हें वहां से विस्थापित कर सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है और राशन किट मुहैया कराई जा रही है. वहीं जिन लोगों का घर नदी की धारा में विलीन हो गया है, उन्हें भूमि पट्टा किया जा रहा है. इस पूरे मामले पर उपजिलाधिकारी बस्ती सदर शत्रुघ्न पाठक ने बताया कि अभी तक बाढ़ प्रभावितों को 150 राशन किट दी गयी है और जिन लोगों के घर नदी की धारा में विलीन हो गए हैं, ऐसे 36 लोगों को भूमि पट्टा कर दी गई है और इन्हें जल्दी ही मुख्यमंत्री आवास योजना से लाभान्वित किया जाएगा.
मथुरा
मथुरा के जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद के अधिकारियों द्वारा निरंतर वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया जा रहा है. तहसील की टीमों द्वारा निरंतर सर्वे किया जा रहा है. लोगों को आपदा/अधिक वर्षा से हुई हानि का मुआवजा भी दिया जाएगा. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जनहानि, पशुहानि, फसल क्षति एवं मकान क्षति होने पर सहायता धनराशि प्रदान की जा रही है. जिलाधिकारी ने किसानों को अवगत कराया कि उनके द्वारा कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बनाई गई है, जिसमे कृषि विभाग के कर्मचारी और लेखपाल संयुक्त रूप से भूमि/गाटा संख्या का सर्वे करेंगे.
गोंडा
गोंडा में घाघरा नदी खतरे के निशान से 8 सेमी ऊपर बह रही है, जिसके कारण 38 गांवो में जलभराव हुआ है. वहीं 73 हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि शासन द्वारा सभी बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है और गोंडा में कम्युनिटी किचन बनाकर ताजा खाना भी बाढ़ पीड़ितों को प्रोवाइड कराया जा रहा है. अभी तक प्रभावित क्षेत्रों में 95171 लंच पैकेट 15400 राशन किट बांटे गए हैं. वहीं पशुओं के लिए 1280 कुंतल भूसा वितरित किया गया है. इन क्षेत्रों में 24 मेडिकल टीम लगातार कार्यरत हैं. कर्नलगंज तरबगंज तहसील के 38 बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 28 बाढ़ चौकिया निरंतर क्षेत्र की निगरानी राहत व बचाव कार्य में जुटे हैं. अब तक 4601 किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा भी दिया जा चुका है. वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 268 नाव लगाई गई हैं. हालांकि अब बाढ़ क्षेत्र में पानी घटने लगा है.
उन्नाव
उन्नाव में लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर से जिले के गांव इन दिनों बाढ़ के चपेट में आने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है. बाढ़ के पानी से जिले की चार तहसीले प्रभावित होती है जिनमें सदर तहसील उन्नाव, बांगरमऊ, बीघापुर, सफीपुर तहसील के कई गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित होते हैं. इन तहसील क्षेत्रों में किसानों की सैकड़ो बीघा फसलें बाढ़ की चपेट में भी आ चुकी है. लगातार 24 घंटे से बढ़ा गंगा के जलस्तर से कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. बाढ़ के पानी से बांगरमऊ तहसील के कटरी गदनपुर आहार, फरीदपुर कट्टर, नयापुरवा, धन्नापुरवा, मन्नापुरवा समेत अन्य गांव इसकी चपेट में आ चुके है.
इस मामले में एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह ने बताया कि इस समय कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए है ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कुल 33 नाव अलग-अलग तहसील के गावों में लगवा दी गई है. शुक्लागंज में 10, परियर में 10, गदनपुरआहार में 9 बीघापुर तहसील के पसेनिया में 2 और सफीपुर तहसील के जमाल नगर, अहतमानी गांव में 2 नावों लगाई गई हैं. बाढ़ के पानी से अभी तक 300 हेक्टेयर तक किसानों की फसलें जलमग्न हुई है, जिसका सर्वे करवाया जा रहा है. बाढ़ ग्रसित लोगों के लिए 500 राहत सामग्री किट वितरित की गई है. वहीं अन्य लोगों के लिए भी राहत सामग्री किट बांटी जाएगी.
सीतापुर
सीतापुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जनता को राहत पहुंचाने के लिए भोजन वितरण, दवाओं के वितरण के साथ-साथ उनके निवास को लेकर भी सरकार संवेदनशील है. मंडलायुक्त रोशन जैकब ने इलाके का दौरा करते वक्त बताया कि जिनके घर बाढ़ के चलते गिर गए हैं, उनके नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. इसके अलावा जिनके घर नदी की कटान के चलते गिर गए थे, उनका चिन्हिकरण कर उन्हें पट्टे पर जमीन देने की भी कार्यवाही की जा रही है. मंडलायुक्त ने बताया कि सीतापुर के लगभग एक दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित हुए थे, जिनमें खेती के हुए नुकसान का भी आंकलन करने के निर्देश दिए गए हैं.
बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए किए गए हैं ये कार्य
सरकारी आंकड़े की बात करें तो लखीमपुर खीरी में कुल 361 गांव प्रभावित हुए हैं. जहां राहत के लिए 98 नावें लगाई गई हैं, 612976 फूड पैकेट और 74457 राशन किट वितरित किए गए हैं. राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की दो और एसडीआरएफ की एक टीम लगाई गई है. यहां पर 883362449 रुपए का अनुदान भी दिया गया.
गोंडा में कुल 38 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जहां पर बचाव के लिए 268 नाव और पांच स्टीमर लगाए गए हैं. यहां पर 205602 लोगों को फूड पैकेट और 100150 राशन किट वितरित किए गए हैं और दो करोड़ 4644999 रुपए बाढ़ के कारण हुई क्षति को देखते हुए अनुदान दिया गया है.
सीतापुर के 129 गांव प्रभावित हुए हैं, जहां पर बाढ़ से हुई क्षति के हिसाब से 74 करोड़ 88 लाख 91 हजार 100 रूपये अनुदान के रूप में दिए गए हैं. बहराइच में बाढ़ से 49 गांव प्रभावित हुए यहां पर एक करोड़ 3211999 का अनुदान दिया गया है. बाराबंकी में 55 गांव प्रभावित हुए हैं और यहां पर प्रभावितों को 31340129 रुपए का अनुदान दिया गया है.
बलिया में बाढ़ से कुल 27 गांव प्रभावित हुए हैं और यहां पर बाढ़ से हुई क्षति के लिए 17039253 रूपये अनुदान के रूप में वितरित किए गए हैं. इसी तरह मिर्जापुर, अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, संत कबीर नगर, रामपुर,बस्ती, चंदौली, शाहजहांपुर, गोंडा,अंबेडकर नगर,देवरिया, गाजीपुर और उन्नाव में भी बाढ़ प्रभावितों के लिए सरकार द्वारा तमाम इंतजाम किए गए हैं.