मानसून
मानसून (Monsoon) एक मौसमी हवा होती है जो वर्षा का कारण बनती है. लेकिन अब वायुमंडल में मौसमी परिवर्तन और इंटरट्रॉपिकल कन्वर्जेंस जोन जुड़े वर्षा का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जाता है.
आमतौर पर, मानसून शब्द का प्रयोग मौसमी रूप से बदलते पैटर्न के बरसात के चरण को समझने लिए किया जाता है. इस शब्द का इस्तेमाल पहली बार ब्रिटिश भारत और पड़ोसी देशों में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से बहने वाली बड़ी मौसमी हवाओं को संदर्भित करने के लिए किया गया था, जो क्षेत्र में भारी वर्षा लाती है (Monsoon Word).
विश्व की प्रमुख मानसून प्रणालियों में पश्चिम अफ्रीकी और एशिया-ऑस्ट्रेलियाई मानसून शामिल हैं. स्थानीय मौसम पर मानसून का प्रभाव अलग-अलग होता है. कहीं-कहीं थोड़ी अधिक या कम बारिश होने की संभावना रहती है. भारतीय मानसून भारत के बड़े हिस्से को हरी-भरी भूमि में बदल देता है (Rain in Monsoon).
एशियाई मानसून को कुछ उप-प्रणालियों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे कि भारतीय उपमहाद्वीप मानसून, जो भारतीय उपमहाद्वीप और नेपाल सहित आसपास के क्षेत्रों को प्रभावित करता है. पूर्वी एशियाई मानसून जो दक्षिणी चीन, ताइवान, कोरिया और जापान के कुछ हिस्सों को प्रभावित करता है (Monsoon Asia).
अरब सागर के रिकॉर्ड और चीन के लोएस पठार में हवा से उड़ने वाली धूल के अध्ययन किया गया. जिसके बाद कई भूवैज्ञानिकों का मानना है कि मानसून लगभग 8 मिलियन साल पहले मजबूत हुआ था. हाल ही में, चीन में पौधों के जीवाश्मों के अध्ययन किया गया. साथ ही, दक्षिण चीन सागर से तलछट रिकॉर्ड के कारण पता चला कि 15-20 मिलियन वर्ष पहले मानसून की शुरुआत हुई और इसे तिब्बती उत्थान से जोड़ा गया (Monsoon History).
दिल्ली में एक बार फिर मूसलाधार बारिश का दौर शुरू हो गया है. मौसम विभाग ने पहले ही जबरदस्त बारिश का पूर्वानुमान किया था. जिसके बाद शाम होते होते दिल्ली एनसीआर के आसमान में काले बादल छाने लगे.
मानसून बादल अपनी पूरी ताकत के साथ भारत के अलग-अलग हिस्सों में बरस रहे हैं. पहाड़ों से लेकर मैदान तक कुदरती कहर देखने को मिल रहा है. पहाड़ी राज्य जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश ने भयानक तबाही मचाई है तो वहीं मैदानी राज्य जैसे यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार में बाढ़ जैसे हालात हैं.
राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में कभी बारिश तो कभी बादलों की आवाजाही बनी हुई है. सोमवार को जमकर बरसात के बाद आज, मंगलवार को भी दिल्ली-एनसीआर में ऐसा ही मौसम रहने वाला है. आइये जानते हैं, देशभर के मौसम का हाल.
राजस्थान में जगह-जगह मौसमी कहर देखने को मिल रहा है. बारिश से जगह-जगह पानी भरा हुआ है.
देश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश का दौर जारी है. देहरादून, अजमेर, दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बनासकांठा, मंडी, वाराणसी, विदिशा, छतरपुर, बांदा, महाराष्ट्र, झांसी, सहित कई राज्यों में भारी बारिश हुई है. सड़कों पर पानी जमा हो गया है और कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है.
दिल्ली और आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश से गर्मी और उमस भरे मौसम से लोगों को राहत मिली. हालांकि, इस बारिश के चलते दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में सड़कें पानी से भर गईं, जिससे कई जगह देर रात तक जाम की स्थिति बनी रही. मौसम विभाग ने पहले जारी किए गए ऑरेंज अलर्ट को रेड अलर्ट में बदल दिया है.
बारिश के बाद दिल्ली के मौसम में तब्दीली आई है. रविवार को अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 25.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जो मौसम के औसत से 2.2 डिग्री कम है.
बारिश के मौसम में बीमारियों से बचने के लिए डॉक्टर जलज रंजन के 5 महत्वपूर्ण सुझाव. जानें कैसे साफ-सफाई और स्वच्छता से आप हैजा, डायरिया और पेट की बीमारियों से बच सकते हैं.
मानसून अपने अजीबोगरीब रंग दिखा रहा है. कुछ राज्यों में आफत की बारिश बरस रही है तो कहीं बारिश तरसा रही है. कृषि पर आधारित ये देश कम बारिश से कई तरह की परेशानियों से जूझ सकता है. कहीं, हद से ज्यादा बारिश भी जमीन या फसलों के लिए ठीक साबित नहीं होती.
आज (11 जुलाई) ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर तेज बारिश संभव है. आइये जानते हैं, देशभर के मौसम का हाल.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस बात पर संतोष जताया है कि भारी बारिश के बावजूद मिंटो रोड और आईटीओ चौराहे पर इस बार जलभराव नहीं हुआ. उन्होंने अफसरों से मुखातिब होते हुए कहा कि इसी तरह की कार्यकुशलता उन्हें पूरी दिल्ली में दिखानी होगी.
देश के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. वहीं, वडोदरा में महिसागर नदी पर बना पुल बीच से टूटा, जिसमें पांच वाहन नदी में समा गए और अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. इसके अलावा, गुरुग्राम में सड़क धंसने से एक ट्रक गड्ढे में समा गया. देखें ब्रेकिंग न्यूज.
दिल्ली में क्षेत्रफल के हिसाब से लगभग 96% और आबादी के हिसाब से लगभग 98% हिस्से में साफ सफाई की जिम्मेदारी एमसीडी के पास है. कूड़ा उठाने से लेकर उनके निपटारे का कम तो नगर निगम देखता ही है.
गुरुग्राम में बारिश के बाद शहर में सैलाब आ गया है. ऊंची इमारतें भी पानी में डूबी नजर आईं. यहां एक रोड अचानक सड़क धंस गई, जिससे ट्रक गड्ढे में फंस गया. गनीमत रही कि ट्रक ड्राइवर और उनके सहयोगी सुरक्षित बाहर निकल गए. बारिश के बाद यहां प्रशासन के दावों की पोल खुल गई. देखें एक और एक ग्यारह.
मूसलाधार प्रहार से दिल्ली की सड़कों पर सैलाब दिखा. कुछ इलाकों में तीन फीट से ज्यादा पानी भर गया. मयूर विहार के पास एनएच 24 के नीचे कई गाड़ियां फंस गईं.
गुरुग्राम में एक रात में ही शहर के कई हिस्से स्विमिंग पुल में तब्दील हो गए. SPR रोड पर अचानक सड़क धंस गई और वहां से गुजर रहा ट्रक गड्ढे में फंस गया. ये हादसा रात दस से 11 बजे के बीच हुआ.
दिल्ली-गुरुग्राम के लोगों के लिए कल मुसीबत की रात थी. बुधवार शाम को इतनी बारिश हुई कि दिल्ली और गुरुग्राम में त्राहिमाम मच गया. सबसे बुरा हाल गुरुग्राम का था. यहां सड़कों पर कई फीट तक पानी भर गया. कारें डूब गईं. दोपहिया वाहन डूब गए.
बुधवार शाम को दिल्ली और गुरुग्राम में भारी बारिश के कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई. गुरुग्राम का हाल सबसे बुरा रहा, जहां सड़कों पर कई फीट तक पानी भर गया. इस बीच, दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई और इसका केंद्र रोहतक के पास बताया गया. देखें 9 बज गए.
दिल्ली-एनसीआर में 9 जुलाई को आई बारिश आफत बनकर बरसी है. राजधानी में मॉनसून ने रफ्तार पकड़ ली है.. सबसे बुरे हालात गुरुग्राम के थे, जहां सड़कों पर कई फीट तक पानी भर गया.
दिल्ली-एनसीआर में मानसून की पहली जोरदार बारिश ने आफत ला दी है. बुधवार शाम को शुरू हुई बारिश से दिल्ली और गुरुग्राम में भारी जलभराव हो गया. गुरुग्राम में सड़कों पर कई फीट तक पानी भर गया, जिससे गाड़ियां तैरती नजर आईं. साइबर सिटी गुरुग्राम की सड़कें नहरों में तब्दील हो गईं.
बुधवार शाम को बारिश शुरू हुई तो गुरुग्राम के नाक तक पानी भर गया लेकिन अब 12 घंटे से ज्यादा का वक्त गुजरने के बाद भी हालात ऐसे ही हैं.