उत्तर प्रदेश के चंदौली में पुलिस ने 16 ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जो दूसरों को जेल से निकलवाने में मदद करते थे,यानी जमानत लेते थे. यह सभी लोग चंदौली जनपद के अलग-अलग थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गौ-तस्करी, डकैती, लूट, हत्या, चोरी, नकबजनी, गैंगेस्टर एक्ट, आबकारी एक्ट, और अवैध शस्त्र रखने जैसे मामलों के आरोपियों की जमानत लिया करते थे.पुलिस के अनुसार यह सभी लोग पेशेवर तरीके से जमानत लेने का काम किया करते थे जिन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
दरअसल चंदौली पुलिस को जांच पड़ताल के दौरान जानकारी मिली थी कि जनपद के अपराधियों के जमानत लेने के लिए जमानतदारों द्वारा अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से एक ही जमानतदार द्वारा कई अभियुक्तों की जमानतें ली गयी हैं. इन जमानतदारों द्वारा कोर्ट को गुमराह कर पूर्व में ली गयी जमानतों का भी कोई उल्लेख जमानत लेते समय नहीं किया गया है.साथ ही कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग साजिश के तहत जमानत लेने में किया गया है.
इस सम्बन्ध मे चंदौली कोतवाली में धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2), 111(2)(b) बीएनएस बनाम कुल 28 नामजद व अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध पंजीकृत किया गया. ये जमानतदार अभियुक्तों के बिना पहचान के ही जमानत लेते है.इसके बाद अभियान चलाकर अभियुक्तों को उनके सम्बन्धित थाना क्षेत्र के थाना प्रभारियों द्वारा मुकदमा उपरोक्त में वांछित कुल 28 अभियुक्तों में से 16 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया,जिन्हे पुलिस ने जेल भेज दिया.
दरअसल, पुलिस के अनुसार जांच में पाया गया कि कई अभियुक्तों ने एक ही जमानतदार से अथवा संम्पत्ति के आधार पर बार-बार फर्जी जमानत ली है. कुछ दलालों द्वारा 2000-3000 रुपये की धनराशि लेकर पेशेवर जमानतदारों से जमानत दिलवायी है.कई प्रकरणों में यह भी पाया गया कि पेशेवर जमानतदारों के सारे कागजात, आई कार्ड जैसी चीजें दलाल अपने पास ही रखते थे और उनका प्रयोग करते रहते थे.गिरफ्तारी के पश्चात् अभियुक्तों ने पूछताछ में यह भी बताया गया कि हम लोग पैसे के लालच में अभियुक्तों की जमानत लेते थे.जिन लोगों की जमानत हमारे द्वारा ली गयी है.हमें उनका नाम पता भी मालूम नहीं है.