अमेरिका (USA) के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की एजेंसी FBI और अन्य संघीय एजेंसियों ने बुधवार को कहा कि ईरानी हैकरों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन कैंपेन टीम को रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की टीम से चुराई गई जानकारी में रुचि लेने की कोशिश की,
अमेरिकी अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि ईरानी साइबर हमलावरों ने रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के कैंपेन से 'चुराई गई, गैर-सार्वजनिक' सामग्री उनके तत्कालीन व्हाइट हाउस प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन के कर्मचारियों को दी.
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की एजेंसी FBI और अन्य संघीय खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कहा, "हैकरों ने राष्ट्रपति बाइडेन की टीम से जुड़े लोगों को अनचाहे ईमेल भेजे, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कैंपेन से चुराई गई, गैर-सार्वजनिक जानकारी का एक हिस्सा था." डेटा चुराए जाने के दौरान, राष्ट्रपति बाइडेन डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे, लेकिन जुलाई में उन्होंने अपने पद से हटते हुए उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए कमला हैरिस का समर्थन कर दिया.
किसी ने नहीं दिया ईमेल का जवाब
अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय, संघीय जांच ब्यूरो और साइबर सुरक्षा एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्योरिटी एजेंसी के ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा गया है कि बाइडेन के किसी भी टीम स्टाफ ने ईमेल का जवाब नहीं दिया.
बता दें कि अगस्त में, इन्हीं एजेंसियों ने सबसे पहले ईरान को हैक का जिम्मेदार ठहराया था और तेहरान पर 2024 के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. ईरान ने इन आरोपों से इनकार किया है.
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समाज को बांटने की कोशिश
अमेरिक ने कहा, "नवंबर में चुनाव के दिन के करीब आने के साथ ही चुनाव प्रभावित करने की विदेशी कोशिशें बढ़ रही हैं. इसके साथ ही रूस, ईरान और चीन पर विशेष रूप से यह आरोप लगाया गया है कि वे किसी न किसी तरह से अपने फायदे के लिए अमेरिकी समाज में विभाजन को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं."
अमेरिकी एजेंसियों ने कहा कि ईरानी साइबर हमलावरों ने ट्रंप के कैंपेन से चुराई गई जानकारी को अमेरिकी मीडिया संगठनों के साथ शेयर करने की भी कोशिश की थी. अगस्त में, ईरान ने इन आरोपों से इनकार किया और संयुक्त राष्ट्र में सबूत पेश करने की चुनौती दी. ईरान ने उस वक्त कहा, "ऐसे आरोप निराधार हैं. इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने का न तो इरादा है और न ही कोई मकसद है.
नवंबर को US प्रेसिडेंशियल इलेक्शन
संयुक्त राज्य अमेरिका में 5 नवंबर को मतदान होना है. डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस दोनों की टीम ने कहा है कि हाल के दिनों में उन्हें साइबर हमलों का निशाना बनाया गया है. यूएस स्थित टेक कंपनियों ने भी कहा है कि उन्होंने ऐसे हमलों का पता लगाया है.
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ट्रंप के अभियान ने बुधवार को कहा कि तेहरान द्वारा रची गई साजिश "इस बात का सबूत है कि ईरानी कमला हैरिस और जो बाइडेन की मदद करने के लिए चुनाव में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं." ट्रंप कैंपेन की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, "ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वे जानते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने कड़े प्रतिबंधों को बहाल करेंगे और उनके आतंक के शासन के खिलाफ खड़े होंगे."
बता दें कि कमला हैरिस टीम की तरफ से 13 अगस्त को कहा गया कि उन्हें भी विदेशी हैकरों ने निशाना बनाया था. इस दौरान उन्होंने इस बात की तरफ कोई इशारा नहीं किया कि इस कोशिश के पीछे किस देश का हाथ माना जा रहा है.