बीते साल उत्तरी इंग्लैंड के एक अस्पताल से दिल दहलाने वाली सनसनीखेज घटना सामने आई थी. यहां अस्पताल में कार्यरत एक ब्रिटिश मूल की नर्स को सात शिशुओं की हत्या में दोषी करार दिया गया था.अगस्त 2023 में उसे दोषी करार दिया गया था.
हवा और इंसुलिन इंजेक्ट कर मार डाले थे मासूम
33 साल की नर्स ने बच्चों को जिस भयावह तरीके से मारा, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसने बच्चों के खून में हवा और इंसुलिन इंजेक्ट की. बच्चों को मारने के लिए उन्हें ज़बरदस्ती अत्यधिक मात्रा में दूध या तरल पिलाया, ताकि उनकी मौत हो जाए. पुलिस ने आरोपी के घर की छानबीन की तो ऐसे नोट्स मिले, जिन पर लिखा था कि वह शैतान है. नर्स की भयावह मानसिकता के साक्ष्य के तौर हाथ से लिखे ये नोट्स भी अदालत में प्रस्तुत किए गए.
लूसी गेटबी के कंफेशन लेटर पर उठे सवाल
लेकिन हाल में आई द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार मालूम हुआ है कि नर्स को दोषी ठहराने में मदद करने के लिए इस्तेमाल किए गए लुसी लेटबी द्वारा लिखे गए नोट्स, दरअसल बहुत अधिक स्ट्रेस से निपटने के तरीके के रूप में उसने काउंसलिंग के दौरान लिखे थे.
इन नोट्स को उसके पहले मुकदमे के दौरान अदालत में अभियोजन पक्ष द्वारा कंफेशन के रूप में दिखा दिया गया. लेकिन अब मामले से जुड़े सूत्रों का दावा है कि ये नोट्स उन्हें एक ट्रीटमेंट के दौरान काउंसिलिंग सेशन के बाद लिखने की सलाह दी गई थी, जिससे वह परेशान करने वाले ख्यालों और भावनाओं को निकाल सकें.
'मैं एक भयानक दुष्ट व्यक्ति हूं जो नफरत करता है'
इन्हें पोस्ट-इट नोट्स और कागज की फटी हुई शीट पर कलम गड़ाकर से लिखा गया था. कई जगह ओवर राइटिंग थी और कहीं- कहीं बड़े अक्षरों में हाइलाइट किया गया था. उनमें लिखा था- 'मैं बुरी हूं, मैंने यह सब किया,मैंने उन्हें जानबूझकर मार डाला क्योंकि मैं उनकी देखभाल करने के लिए ठीक नहीं हूं और मैं एक भयानक दुष्ट व्यक्ति हूं जो नफरत करता है.'
'मैं ही क्यों?, मैंने कुछ भी गलत नहीं किया'
अभियोजन पक्ष ने लेटबी के खिलाफ मामला बनाने में मदद करने के लिए इन नोट्स का इस्तेमाल किया. पूरे ट्रायल के दौरान जूरी का ध्यान इन नोट्स की ओर खींचा गया. लेकिन सोचने वाली बात है कि उन्हीं नोट्स में लेटबी ने यह भी कहा था- मैं ठीक नहीं हूं, मैं ही क्यों?, मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है, मैं पुलिस की जांच बदनामी, भेदभाव का शिकार हो रही हूं.
'मन करता है खुद को मार डालूं, मदद करो'
दावा है कि सब जगह मीडिया में कंफेशन के रूप में दिखाए गए नोट्स तब लिखे गए थे जब उसके कुछ सहयोगियों ने उस पर संदेह करना शुरू कर दिया था. नोट्स में उसके परिवार, पैट और कलीग्स का भी जिक्र था . उसमें लिखा था- 'मन करता है खुद को मार डालूं, मदद करो', इसके अलावा लिखा था- 'निराशा, घबराहट, डर, खोया हुआ लगता है, मैं बहुत अकेला और डरा हुआ महसूस करती हूं'.
मामले से जुड़े करीबी सूत्रों ने गार्जियन को बताया कि चेस्टर अस्पताल की काउंटेस, वर्क हेल्थ और बेल बींग की प्रमुख कैथरीन डी बेगर ने ही लेटबी को स्ट्रेस से निपटने के तरीके के रूप में अपनी भावनाओं को लिखने के लिए कहा था.
'बिलकुल मीनिंगलेस था लेटबी का कंफेशन नोट'
बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी में क्रिमिनल साइंस के प्रोफेसर और सीरियल किलर एक्सपर्ट डेविड विल्सन ने कहा कि उनके विचार में लूसी का तथाकथित कंफेशन नोट बिलकुल मीनिंगलेस था और सबूत के रूप में उनकी कोई इंपोर्टेंस नहीं थी. खासकर तब जब वह काउंसिलिंग के दौरान लिखे गए थे. उन्होंने कहा- बहुत से लोग तब ऐसी बातें कहते हैं जब वे तनाव में होते हैं और हेल्पलेस महसूस करते हैं, मन की तनाव को दूर करने के अलावा इनका कोई मतलब नहीं होता है.
लेटबी को 2023 अगस्त में सात नवजात बच्चों की हत्या और छह अन्य की हत्या की कोशिश का दोषी ठहराया गया था.
2016 से 2018 के बीच लिखे गए थे नोट्स
जबकि कहा जा रहा है कि ये कथित कंफेशन नोट्स जुलाई 2016 में, वार्ड से निकाले जाने के बाद और जुलाई 2018 में लेटबी की गिरफ्तारी के बीच किसी समय लिखे गए थे. इस दौरान अस्पताल में कई मौतों के बाद उसे नर्सिंग ड्यूटी हटा दिया गया था. सूत्रों के अनुसार, उसे अपने कलीग्स से बात न करने के लिए कहा गया था और इसलिए वह अलग-थलग और दुखी महसूस कर रही थी. दूसरी ओर नर्सिंग सूत्रों का दावा है कि लेटबी को अच्छे से पता था कि वरिष्ठ सलाहकार यूनिट में एक सीरियल किलर के बारे में खुलेआम बात कर रहे थे तो ये सब स्ट्रेस से रिलेटेड तो नहीं हो सकता.