दुनिया में तमाम देश ऐसे हैं, जो क्रिमिनल्स को कुछ ऐसी सजा देते हैं जिसे सुनने मात्र से ही रूह कांप जाती है. चीन का भी मामला कुछ-कुछ ऐसा ही है. अंग्रेजी वेबसाइट डेली स्टार के मुताबिक चीनी सरकार अपने हजारों नागरिकों को चौंकाने वाले तरीकों से मौत की सजा दे रही है, जिसमें फायरिंग स्क्वाड, घातक इंजेक्शन और भयानक डेथ वैन शामिल हैं.
मृत्युदंड के खिलाफ वर्ल्ड कोएलिशन ने कहा है कि 2007 से चीन में प्रति वर्ष कम से कम 8,000 लोगों को मौत की सजा दी गई.
2021 में, मानवाधिकार विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया कि इस एशियाई देश में 99% सजा दर के साथ हर साल 'हजारों' लोगों को मौत की सजा मिलती है.
बताया जा रहा है कि चीन में नागरिकों को हत्या, नशीली दवाओं के कब्जे और यहां तक कि भ्रष्टाचार जैसे आर्थिक अपराधों के लिए भी सजा-ए-मौत दी जा सकती है.
जिक्र अगर लोगों को मारने के तरीकों का हो तो फायरिंग स्क्वॉड और इंजेक्शन यहां की सरकार के लिए आज भी हत्या के पसंदीदा तरीके हैं.
चीन में नागरिकों को मौत की सज़ा इस हफ़्ते तब चर्चा में आई, जब एक जोड़े को मौत की सजा हुई क्योंकि उन्होंने अपने दो बच्चों को 15वीं मंजिल की बालकनी से फेंककर मार डाला था.
गौरतलब है कि चीन में झांग बो नाम के शख्स ने अपनी गर्ल फ्रेंड चेंगचेन के कहने पर अपने दो बच्चों को मार डाला था. इस मामले में रोचक ये है कि झांग बो की गर्ल फ्रेंड ने उससे कहा था कि वो इन दो बच्चों को अपने भविष्य पर बोझ के रूप में देखती है.

2021 में, एमनेस्टी इंटरनेशनल के चीन शोधकर्ता काई ओंग ने दावा किया कि, चीन ने लोगों को मौत की सजा देने की घोषणा करने के लिए बड़े पैमाने पर रैलियां आयोजित की हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि, 'चीनी सरकार अभी भी मृत्युदंड के उपयोग को अपराधों के प्रभावी निवारक के रूप में देखती है.
गौरतलब है कि हर साल जून में, स्थानीय सरकारें अक्सर बड़े पैमाने पर सजा रैलियां आयोजित करती हैं, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और जनता को अदालत द्वारा नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के दोषी व्यक्तियों को मौत की सजा सुनाते हुए देखने के लिए आमंत्रित किया जाता है.
एमनेस्टी ने कहा कि 2003 से मोबाइल डेथ वैन ने कैदियों को जेल तक पहुंचाए बिना ही फांसी की सजा दी है.
चीन की सरकार अपने द्वारा बनाए नियमों को लेकर कितनी सख्त है? इसका अंदाजा उस आधिकारिक दावे से लगया जा सकता है जिसके अनुसार 2010 के बाद से फायरिंग स्क्वाड की सजाएं नहीं दी जाती। लेकिन सच्चाई इसके ठीक विपरीत है.
बताया गया है कि देश में दोषियों को डेथ वैन में ठूंस कर डेथ रो में ले जाया जाता है जहां उन्हें मौत का जहरीला इंजेक्शन लगाया जाता है. कहा ये भी गया है कि सजा के रूप में मारे गए कैदियों के अंग निकाले जाते हैं जिनका इस्तेमाल वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए किया जाता है.