यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) उत्तर प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से एक है. इसे देश की राजधानी दिल्ली को आगरा से तेज और सुगम मार्ग से जोड़ने के लिए बनाया गया. यह एक्सप्रेसवे न केवल समय की बचत करता है, बल्कि औद्योगिक और पर्यटन विकास को भी गति देता है.
यमुना एक्सप्रेसवे का उद्घाटन 9 अगस्त 2012 को किया गया था. इसकी कुल लंबाई लगभग 165 किलोमीटर है, जो ग्रेटर नोएडा से शुरू होकर सीधे आगरा तक जाती है. यह 6 लेन का हाईवे है जिसे भविष्य में 8 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है.
यहां वाहनों की निर्धारित अधिकतम गति 100-120 किमी/घंटा है. सीसीटीवी कैमरे, पेट्रोलिंग वाहन और इमरजेंसी हेल्पलाइन हमेशा सक्रिय रहते हैं. रास्ते में कई टोल प्लाजा, फूड कोर्ट, पेट्रोल पंप और रेस्ट एरिया भी बने हुए हैं. यह एक्सप्रेसवे आगरा, मथुरा, अलीगढ़ और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरों को जोड़ता है.
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के तहत इस क्षेत्र में कई इंडस्ट्रियल, आईटी और वेयरहाउसिंग हब विकसित किए जा रहे हैं.
तेज रफ्तार के कारण यहां कई सड़क दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं. साथ ही, टोल शुल्क को लेकर समय-समय पर विवाद उठते रहते हैं.
यमुना एक्सप्रेस-वे पर लुधियाना से आगरा जा रही बस में अचानक आग लग गई, जिससे यात्रियों में हड़कंप मच गया. बस की छत पर रखे सामान में भड़की आग कुछ ही मिनटों में तेज लपटों में बदल गई. हालांकि, यात्रियों ने सतर्कता दिखाई और तुरंत सुरक्षित रूप से बाहर निकल आए.
दस साल पहले जिसे लोग सिर्फ एक बाहरी इलाका मानते थे, यमुना एक्सप्रेसवे आज NCR की सबसे अच्छी रियल एस्टेट ग्रोथ बनकर उभरा है, जिस पर निवेशक और खरीदार, दोनों इसके भविष्य पर भरोसा कर रहे हैं.