तापमान
तापमान (Temperature) एक भौतिक फेनोमेनन है जो गर्म और ठंडे को व्यक्त करता है. यह सभी पदार्थों में मौजूद तापीय ऊर्जा की अभिव्यक्ति है, जो गर्मी की घटना का स्रोत है. ऊर्जा का प्रवाह, जब एक शरीर दूसरे के संपर्क में होता है जो ठंडा या गर्म हो सकता है.
Delhi Weather: उत्तर-पश्चिम भारत में दिसंबर की शुरुआत के साथ ही ठंड बढ़ गई है. मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के मुताबिक, दिल्ली में भी तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. वहीं, आने वाले दो दिन में शीतलहर का भी अलर्ट है. IMD ने 5 दिसंबर को दिल्ली में शीतलहर चलने का पूर्वानुमान लगाया है.
चक्रवात दित्वाह ने श्रीलंका में 390+ लोगों की जान ली. 10 लाख लोगों को प्रभावित किया और 20 साल की सबसे भयानक बाढ़ लेकर आया. अब तमिलनाडु-चेन्नई में भारी बारिश से 3 मौतें हो चुकी हैं. सैकड़ों उड़ानें रद्द हुई है. जलवायु परिवर्तन से ऐसे चक्रवात, टाइफून और हरिकेन तेज व घातक हो रहे हैं.
100 साल बाद इंसान ज्यादा लंबा, लचीला और मोटा होगा. हड्डियां शार्क जैसी, दांत चोंच जैसे होंगे. फेफड़े मंगल के लिए तैयार किए जाएंगे. दिमाग कंप्यूटर से जुड़ेगा. यादें डाउनलोड होंगी. त्वचा गिरगिट जैसी रंग बदलेगी. हम गर्मी सहेंगे, जेनेटिक बीमारियां खत्म होंगी और अमरता के करीब पहुंचेंगे. टेक्नोलॉजी व बायोलॉजी मिलकर नया इंसान बनाएंगी.
प्रदूषण की मार झेल रही राष्ट्रीय राजधानी में लोग बेहाल हैं. दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बेहद खराब है. इस बीच एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम ने पूर्वानुमान में चेतावनी दी है कि अभी दिल्ली को प्रदूषण से राहत मिलने वाली नहीं है.
तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और अंडमान-निकोबार में भारी बारिश का अलर्ट है. जिसकी वजह से कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है. वहीं, उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप बढ़ रहा है. जम्मू-कश्मीर में कई जगहों का तापमान माइनस में पहुंच गया है.
इस साल हम भारतीयों ने 273 दिनों में से 270 दिन भयानक मौसम की मार झेली है. जिसमें लू, बाढ़, ठंड, लैंडस्लाइड शामिल है. इससे सभी 36 राज्य प्रभावित हुए हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ हिमाचल प्रदेश. यहां 217 दिन ऐसे खतरनाक मौसम देखे गए. यह संकट अब रोजमर्रा का हाल बन गया है. कारण मौसम का बदलना है, जो हमारी हरकतों से बदल रहा है.
अंटार्कटिका के हेक्टोरिया ग्लेशियर ने रिकॉर्ड तोड़ा है – सिर्फ 15 महीनों में 25 किमी पीछे खिसक गया. पहले के रिकॉर्ड से 10 गुना तेज. 2022 में आइस टंग टूटने से तेज पिघलना शुरू हुआ. वैज्ञानिक चिंता में हैं कि दूसरे ग्लेशियरों में भी ऐसा हो सकता है. इससे समुद्र स्तर तेजी से बढ़ेगा.
मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है. वहीं, दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी गंभीर स्तर पर होने के बीच अब कोहरे की धुंध भी देखने को मिल रही है. मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों में शीतलहर चलने की संभावनाजताई है.
उत्तरी बर्फीली हवाओं से इंदौर में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है. जहां रात का तापमान सामान्य से करीब 8 डिग्री सेल्सियस कम होकर 10 डिग्री तक गिर गया है. मौसम विभाग की मानें तो हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के कारण ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों की ओर बढ़ रही हैं, जिससे ठंड और बढ़ने की संभावना है.
तेहरान सूख रहा है! ईरान की राजधानी जहां 1 करोड़ लोग रहते हैं. पानी की भयानक कमी से जूझ रही है. अमीर कबीर बांध का जलाशय पिछले साल के बेहद कम हिस्से पर सिमट गया. सरकार रात में नल बंद करने और दिसंबर तक खाली करने की चेतावनी दे रही है.
दुनिया के सारे देश कितना भी प्रयास कर लें लेकिन 2100 तक तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ने वाला है. ये खुलासा यूएनईपी रिपोर्ट 2025 में हुआ है. यानी मौसमों में बदलाव होगा. भयानक आपदाएं आएंगी. जी20 देश इस मामले में ढंग से काम नहीं कर रहे. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अमीर देशों की कार्रवाई अपर्याप्त है.
UNEP की एमिशन गैप रिपोर्ट 2025 के मुताबिक 2100 दशक तक दुनिया का तापमान 2.3 से 2.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ने वाला है, जिससे मौसमों में चेंज होगा और भयानक आपदाएं आ सकती हैं.
Delhi-NCR Weather: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर के मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है. नवंबर महीने की शुरुआत में दिल्ली के आसमान में धुंध देखने को मिलेगी. वहीं, अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16-17 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है.
Weather Forecast: छठ महापर्व के तीसरे दिन आज, 27 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में बादल छाए रहेंगे और शाम तक हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. वहीं, एयर क्वालिटी की बात करें तो AQI 'खराब' श्रेणी में है, लेकिन बारिश से प्रदूषण में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है.
मॉनसून 2025 में भारत का 45% इलाका भारी बारिश का शिकार. 59 नदी बाढ़ की घटना हुई. 1528 मौतें हुई. जलवायु परिवर्तन मुख्य कारण, कम दिन लेकिन तीव्र वर्षा. उत्तर-पश्चिम में 27% ज्यादा (+342% लद्दाख), पूर्वोत्तर में 20% कमी. गर्म समुद्र, पश्चिमी विक्षोभ और ग्लेशियर पिघलने की तीव्रता बढ़ गई है.
चिली के अटाकामा रेगिस्तान में सिस्टैंथे लॉन्गिस्कापा नाम का छोटा गुलाबी फूल उगता है. ये सूखे वातावरण, UV किरणों और नमकीन मिट्टी में फलता है. एंड्रेस बेलो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक इसका जीनोम सीक्वेंस कर रहे. ताकि मजबूत जीन ढूंढकर गेहूं-चावल जैसी फसलों में डालना, ताकि जलवायु परिवर्तन से होने वाले सूखे को झेल सकें. खेती के लिए ये एक नई उम्मीद है.
मैकगिल यूनिवर्सिटी की स्टडी है कि अगर उत्सर्जन न रुका, तो सदी के अंत तक 10 करोड़ इमारतें समंदर में डूबेंगी. 0.5 मीटर बढ़ोतरी से 30 लाख प्रभावित होंगी. भारत में मुंबई का 21.8%, चेन्नई का 18% हिस्सा पानी में चला जाएगा. लाखों लोग और अर्थव्यवस्था खतरे में आने वाले हैं.
स्विट्जरलैंड के ग्लेशियर पिछले 12 महीनों में इतनी तेजी से पिघले हैं कि वैज्ञानिक डर से कांप उठे हैं. ग्लामोस नाम की निगरानी संस्था ने बुधवार को चेतावनी दी है – यह बर्फ का चौथा सबसे बड़ा नुकसान है जो इतिहास में दर्ज हुआ है. क्या आप तैयार हैं इस भयावह कहानी के लिए?
Delhi-NCR Weather Today: दुर्गा अष्टमी पर दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने अचानक करवट ली है. नोएडा, गाजियाबाद में हल्की बूंदाबांदी ने गर्मी से राहत दी है. वहीं, दिल्ली के कुछ इलाकों में भारी बारिश के बाद जलभराव की स्थिति बनी है.
असम के चाय बागानों पर जलवायु परिवर्तन का असर हो रहा है. गर्मी और अनियमित बारिश से फसल 7.8% घटी. मजदूरों का कामकाज आधा रह गया. उत्पादन 1.3 अरब किग्रा, कीमतें 20% बढ़ीं. घरेलू खपत 23% ऊपर, निर्यात घटा है. कीटों का हमला, सिंचाई बढ़ी है. नई किस्में और सरकारी मदद जरूरी है. चाय उद्योग कर्ज में डूबा, भविष्य खतरे में है.
कोलकाता में 23 सितंबर को 24 घंटों में 251.4 मिमी बारिश गिरी, 3 घंटों में 180 मिमी. दक्षिण इलाकों में सबसे ज्यादा नुकसान. 10-12 मौतें, ज्यादातर बिजली झटके से. आईएमडी ने कहा बादल नहीं फटा है. ये मौसम की टक्कर है. खराब नालियां, ऊंचा ज्वार ने बढ़ाई मुसीबत. दुर्गा पूजा में 27-28 को तेज बारिश अलर्ट.