शिव सेना एक दक्षिणपंथी मराठी क्षेत्रवादी और हिंदू अतिराष्ट्रवादी राजनीतिक दल है, जिसकी स्थापना 1966 में बाल ठाकरे ने की थी. वर्तमान में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली यह पार्टी 2019 से महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी है. शिव सेना का चुनाव चिन्ह धनुष और तीर है. झंडे में केसरिया रंग और दहाड़ते हुए बाघ की छवि अंकित है.
जून 2022 के अंत में, शिव सेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे और शिव सेना के अधिकांश विधायकों ने बीजेपी से हाथ मिला लिया. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विश्वास मत का आह्वान किया. राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने इसकी काफी आलोचना की. 29 जून 2022 को अविश्वास प्रस्ताव से पहले उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के साथ-साथ एमएलसी सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया. शिंदे ने बाद में बीजेपी के साथ एक नया गठबंधन बनाया और 30 जून 2022 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
उद्धव ठाकरे ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक मुकदमा दायर किया जिसमें दावा किया गया कि एकनाथ शिंदे और उनके समूह के कार्यों का मतलब है कि उन्हें दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया था, एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि उन्होंने दलबदल नहीं किया है, बल्कि सच्ची शिव सेना पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं.
इस मामले की सुनवाई वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है. पार्टियां दो गुटों में विभाजित हो गईं- शिंदे के नेतृत्व वाली 'बालासाहेब की शिव सेना' और ठाकरे के नेतृत्व वाली शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) (Shiv Sena- Eknath Shinde).
शिंदे ने बाद में 'शिवसेना' नाम और धनुष और तीर चिह्न पर अपना दावा जताते हुए भारत के चुनाव आयोग में एक याचिका दायर की. ईसीआई ने संगठनात्मक विंग के बजाय अपने विधायी विंग की ताकत के आधार पर शिंदे के गुट के पक्ष में फैसला सुनाया.
ठाकरे ने फैसले के खिलाफ अपील की और मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
महाराष्ट्र की 264 शहरी निकाय क्षेत्रों में चुनाव हो रहा है, जिसमें नगर परिषद, नगर पंचायत के अध्यक्ष और सदस्य चुने जाने है. इस चुनाव में महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच ही मुकाबला नहीं, बल्कि कई सीटों पर आपस में भी किस्मत आजमा रहे हैं.
महाराष्ट्र नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव में महायुति और महा विकास अघाड़ी पूरी तरह से बिखर गई है. कौन किसके साथ है और कौन किसके खिलाफ है, इसमें कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन है. देखना है कि निकाय चुनाव में कौन बेताज बादशाह बनता है?
महाराष्ट्र में हो रही शहरी निकाय चुनाव में सीएम फड़णवीस और एकनाथ शिंदे आमने-सामने है, क्योंकि कई सीटों पर बीजेपी और शिवसेना के बीच मुकाबला है. ऐसे में शिंदे और फड़णवीस के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है और बात राम, रावण और लंका तक पहुंच गई है.
महाराष्ट्र में निकाय चुनाव तीन चरण में होने हैं. पहले चरण में नगर पालिका और नगर पंचायत चुनाव के ऐलान हो गए हैं जबकि जिला परिषद और पंचायत चुनाव और नगर निगम के चुनाव का ऐलान होना है. पहले चरण के चुनाव में ही बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के रिश्ते बिगड़ गए हैं?
शिवसेना नाम और धनुष-बाण चिन्ह पर सुप्रीम कोर्ट में आज अंतिम सुनवाई होगी. उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग द्वारा शिंदे गुट को असली शिवसेना मानकर धनुष-बाण चिन्ह देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर सियासत गरमाने लगी है. जहां विपक्ष लगातार डुप्लीकेट वोटर्स और गलत नामों को हटाने की मांग कर रहा है, वहीं अब सत्ताधारी शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ ने भी चुनाव आयोग से यही अपील की है.
एकनाथ शिंदे गुट के नेता श्रीकांत शिंदे ने उद्वव ठाकरे के बयानों पर पलटवार किया है. उन्होनें कहा है कि, 'कीचड़ में जब पत्थर मरते हो तो कीचड़ खुद के ही मुंह पर आता है.' साथ ही कहा कि उनका स्तर नीचे ही गिरता जा रहा है. उनको समझना चाहिए ग्रउंड रिएलिटी क्या है, लोग किसके साथ है.
विजयदशमी के अवसर पर मुंबई में सियासी शक्ति का प्रदर्शन हुआ. उद्धव ठाकरे ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की, वहीं डीप्टी चीफ मिनिस्टर एकनाथ शिंदे ने गोरेगांव में रैली निकाली. बाला साहब ठाकरे ने 1966 में दशहरे के दिन उत्सव वाली रैली की परंपरा शुरू की थी. शिवसेना के बंटवारे के बाद यह तीसरा दशहरा है जब दोनों गुट अलग-अलग रैलियां कर रहे हैं.
देवेंद्र फडणवीस को लेकर भी उद्धव ठाकरे की राय कुछ कुछ एकनाथ शिंदे जैसी ही होने लगी है. दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे ने बिहार चुनाव, SIR और सोनम वांगचुक मुद्दे पर बीजेपी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की - क्या बीजेपी के साथ जाने और एमवीए छोड़ने जैसी संभावनाएं अब बीते दिनों की बात हो चुकी हैं?
शिवसेना ने बीएमसी और निकाय चुनाव से पहले महाराष्ट्र में एक 'डॉक्टर सेल' की शुरुआत की है. इस पहल के तहत मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र के डॉक्टरों को जोड़ा जाएगा. आने वाले दिनों में शिवसेना का यह डॉक्टर सेल 50,000 डॉक्टरों को जोड़ने का लक्ष्य रखता है. इन डॉक्टरों को सीधे जनता से जोड़ा जाएगा और उन्हें जनता के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शहरी विकास विभाग ने BEST के महाप्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार अश्विनी जोशी को देने का आदेश जारी किया. लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने शिंदे के इस आदेश को उसी दिन पलटकर इस पद पर आशीष शर्मा को नियुक्त कर दिया.
शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा कैंटीन मैनेजर की पिटाई को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में बवाल मच गया. उन्होंने ‘मराठी संस्कृति’ का हवाला देते हुए साउथ इंडियन समुदाय पर भी विवादित बयान भी दिए थे. इसके विरोध में विपक्ष ने बनियान-गमछा पहनकर महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया.
शिवसेना के स्थापना दिवस पर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच तीखे हमले देखने को मिले. खास बात ये रही कि दोनों नेताओं के निशाने पर बीजेपी नजर आई, उद्धव ठाकरे के भाषण में प्रत्यक्ष तौर पर और एकनाथ शिंदे के बयान में परोक्ष रूप से. और हां, ये सब आने वाले बीएमसी चुनाव की तैयारियों का हिस्सा है.
Ground Report: अकोला में खारा पानी पीने से फेल हो रही लोगों की किडनी, 60 से ज्यादा गांवों में सैंकड़ों बीमार
कुणाल कामरा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया था. उन्होंने बॉलीवुड की फिल्म 'दिल तो पागल है' के गीत पर पैरोडी बनाया था. इस गीत के जरिये उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर तीखे कमेंट किए थे. यही कमेंट शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरे थे.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को लेकर कुणाल कामरा की टिप्पणी से बवाल मचा है.अब इस पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी बयान सामने आ गया है.
कुणाल कामरा के इस विवादित वीडियो पर शिवसैनिकों ने खार में हैबिटेट कॉमेडी क्लब में जमकर तोड़फोड़ की थी. इस क्लब में कुणाल कामरा का यह विवादित शो हुआ था. इस बीच सोमवार को बीएमसी के अधिकारियों की टीम ने मुंबई के हैबिटेट स्टूडियो के एक हिस्से को ढहा दिया था. इसी स्टूडियो में कामरा ने वह विवादित शो किया था, जिसमें शिंदे पर टिप्पणी की गई थी.
कुणाल कामरा इन दिनों सुर्खियों में हैं. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को लेकर दिए गए बयान के बाद से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं.अब इस मामले पर कुणाल कामरा को शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत का साथ मिला है
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी करके कॉमेडियन कुणाल कामरा सुर्खियों में हैं मुंबई में हैबिटेट स्टूडियों में तोड़फोड़ करने के बाद अब शिवसेना के कार्यकर्ताओं का विरोध मध्य प्रदेश के इंदौर में भी देखने को मिला
स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की तो राजनीतिक हलकों में हलचल मच गया. सत्ता पक्ष से तीखे हमलों का दौर शुरू हो गया, तो उद्धव ठाकरे कामरा के समर्थन में उतर आए. सवाल है कि क्या हास्य व्यंग के नाम पर हदें पार की जा सकती हैं? क्या नेता सियासी टिप्पणी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे? देखें दंगल.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बारे में विवादित टिप्पणी के बाद मचे बवाल के बाद कुणाल कामरा का पहला बयान सामने आया है.अपने बयान में कामरा ने उस जगह पर तोड़फोड़ की आलोचना की, जहां उनका कॉमेडी शो रिकॉर्ड किया गया था.