संजय राउत
संजय राजाराम राउत (Sanjay Rajaram Raut, Politicain) एक भारतीय राजनेता और शिवसेना पार्टी के सदस्य हैं (Leader Shiv Sena). वह महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य हैं (Sanjya Raut MP from Maharashtra). वह शिवसेना पार्टी के नेता उद्धव ठाकरे द्वारा प्रकाशित मराठी अखबार सामना (Executive Editor of Saamana) के कार्यकारी संपादक भी हैं. संजय राउत 2019 में रिलीज हुई शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के बारे में एक बायोपिक ठाकरे के लेखक भी हैं (Sanjay Raut, biopic of Bal Thackeray).
शिवसेना नेता संजय राउत को 31 जुलाई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पात्रा चॉल घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया. मुंबई के पात्रा चॉल घोटाला के मामले में ईडी ने संजय राउत के घर पर सर्च ऑपरेशन किया, जिसमें ईडी को राउत के घर से 11.5 लाख रुपए मिले (ED Arrested Sanjay Raut). इस मामले में अप्रैल में ED ने राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके करीबियों की संपत्ति भी जब्त की थी (Patra Chawl Case Varsha Raut). 7 नवंबर 2022 को संजय राउत को जमानत मिली (Patra Chawl Case Sanjay Raut Bail).
संजय राउत अपने विवादित बयानों की वजह से हमेशा चर्चा में रहते हैं. अप्रैल 2015 में, उन्होंने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि मुसलमानों के वोटिंग अधिकारों को कुछ वर्षों के लिए रद्द कर दिया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि समुदाय का उपयोग वोट बैंक की राजनीति के लिए नहीं किया जाता है (Sanjay Raut Controversy).
संजय राउत का जन्म 15 नवंबर 1961 को अलीबाग, महाराष्ट्र (Alibag, Maharashtra) में हुआ था (Sanjay Raut Age). उनकी शिक्षा मुंबई विश्वविद्यालय से हुई है (Sanjay Raut Education). उनकी शादी 1993 में वर्षा राउत से हुई और उनके दो बच्चे है (Sanjay Raut Wife and Children).
संजय राउत ने दावा किया कि बीजेपी का महाराष्ट्र की एकता और मराठी अस्मिता से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की नीति पहले मुंबई को लूटने, फिर मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने, अलग विदर्भ का खेल खेलने और अंत में महाराष्ट्र की पहचान को खत्म करने की है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट अपने बेडरूम में बैठकर सिगरेट पीते दिख रहे हैं और उनके बगल में कैश से भरा एक बैग खुला पड़ा है.
ठाकरे ब्रदर्स के साथ आने की अटकलों पर शिवसेना यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि दोनों भाई अब एक मंच पर आए हैं, लोग चाहते है कि दोनों भाई साथ काम करें. उन्होंने कहा कि INDIA अलायंस में कोई मतभेद नहीं हैं और हमारी लड़ाई तो मराठी अस्मिता को बचाने की है.
शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'कौन है दुबे? महाराष्ट्र के हिंदीभाषी नेताओं को दुबे की निंदा करनी चाहिए. बीजेपी का सांसद मराठी लोगों के बारे में घटिया बात कर रहा था और फडणवीस सरकार चुप है. एकनाथ शिंदे खुद को नेता मानते हैं. दाढ़ी पर अपना हाथ घुमाते हैं. या तो शिंदे निशिकांत दुबे के बयान का खंडन करें या फिर अपनी दाढ़ी काट लें या फिर हम उनकी दाढ़ी काट देंगे. इस्तीफा दे दो अगर मर्द हो तो.'
उद्धव गुट के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि जनता उन्हें (उद्धव और राज ठाकरे को) एक साथ लेकर आई है. एक साथ चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में बातचीत हो जाएगी. हम अब भी इंडिया एलायंस का हिस्सा हैं, लेकिन स्थानीय चुनाव अलग होते हैं.
Uddhav-Raj Thackeray मिलकर लड़ेंगे BMC Election? संजय राउत बोले- “हम INDIA ब्लॉक का हिस्सा, लेकिन…”
शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने आजतक से बातचीत में महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक साथ आने पर बात की. उन्होंने बताया कि दोनों नेता हिंदी भाषा को जबरदस्ती थोपने के सरकारी आदेश के विरोध में एक साथ आए थे.
महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है, जहाँ राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे 20 साल बाद एक मंच पर दिखाई दिए. यह घटना मराठी अस्मिता और हिंदी भाषा नीति के मुद्दे पर केंद्रित थी. इस दौरान, शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने कहा कि राजनीतिक हलचल के लिए मुद्दे चाहिए और यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके लिए महाराष्ट्र के सभी नेताओं को एक साथ आना पड़ेगा.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का पुणे में गुजराती कम्युनिटी का एक कार्यक्रम था. इस दौरान महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने हिंदी में भाषण दिया. साथ ही, भाषण के अंत में शिंदे ने 'जय हिंद, जय महाराष्ट्र और जय गुजरात' कहा. इसे लेकर सूबे में सियासी पारा हाई हो गया है.
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सड़क पर एक बड़ा गड्ढा हो गया है. तड़के सुबह यह सड़क गड्ढा खाकर धंस गई. सड़क धंसने से यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ. इस घटना के बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री पर हमला बोला है.
महाराष्ट्र में हिंदी भाषा विवाद को लेकर शिवसेना उद्धव गुट और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना एक साथ आ गए हैं, जिसके तहत उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 5 जुलाई को एक मंच पर आकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे. बीतेजी ने इस आंदोलन को 'नौटंकी' बताया है और सवाल उठाया है कि फरवरी 2022 में जब उद्धव ठाकरे खुद मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने हिंदी भाषा को क्यों स्वीकार किया था?
संजय राउत ने कहा कि शिवसेना (UBT) और मनसे के गठबंधन पर फैसला केवल उद्धव और राज ठाकरे लेंगे. उन्होंने मनसे नेताओं की आलोचनाओं को महत्वहीन बताया. हालिया राजनीतिक मुलाकातों और बयानों से दोनों भाइयों के फिर एक साथ आने की संभावना जताई जा रही है, खासकर आगामी नगर निगम चुनावों से पहले.
शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ऑपरेशन सिंदूर को विफलता बताते हुए कहा है कि राष्ट्रीय हित का विषय है, इसलिए ज्यादा बात करना नहीं चाहते. इसका प्रायश्चित करना चाहिए.
संजय राउत ने कहा कि पाकिस्तान से जंग जीतने पर बीजेपी सियासत कर रही है. पहलगाम हमला सरकार की गलती से हुआ था. मोदी जी और उनके लोग पहलगाम हमले की राजनीति ना करने की बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि तिरंगा यात्रा में बीजेपी का तिरंगा उनके मालिक की जागीर नहीं है. देखें...
शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सांसदों को बाहर भेजा जा रहा है, लेकिन असली सवाल है कि वो 6 आतंकी कहां हैं. अगर गृह मंत्री अमित शाह इस पर जानकारी दें तो हम आभारी होंगे. देखें मुंबई मेट्रो.
ऑपरेशन सिंदूर पर फैलाए गए झूठ और पाकिस्तान को आतंकवाद पर दुनिया के सामने बेनकाब करने के लिए भारत ने डिप्लोमेटिक स्ट्राइक शुरू कर दी है. इस डेलिगेशन में विपक्षी सांसदों को भी जगह दी गई है, लेकिन इससे पहले इस पर सियासत तेज हो गई है. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में मतभेद के बाद दरार देखी जा रही है..देखें मुंबई मेट्रो.
शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने रविवार को डेलिगेशन भेजने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस 'बारात' को भेजने की क्या जरूरत थी. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का बेटा विदेश में भारत का क्या प्रतिनिधित्व करेगा.
भारत ने पाकिस्तान को पस्त करने के बाद वैश्विक घेराबंदी के लिए सात प्रतिनिधिमंडल 33 देशों में भेजे जाएंगे, जो ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ मुख्यालय का दौरा भी करेंगे. इस बीच, प्रतिनिधिमंडल के गठन पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सरकार की मंशा पहले से ही शरारती मंशा थी. दरअसल कांग्रेस पार्टी द्वारा सुझाए गए नामों के बजाय शशि थरूर को नेतृत्व सौंपा गया है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को खुलासा किया कि उन्होंने यूपीए सरकार को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के संभावित दुरुपयोग की चेतावनी दी थी, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया.
पाकिस्तान की हकीकत को दुनिया के सामने रखने के लिए भेजे जा रहे प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के चयन पर कांग्रेस ने सरकार पर मनमानी का आरोप लगाया है. कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा, "सरकार की मंशा पहले से ही शरारती मंशा थी," क्योंकि पार्टी के सुझाए चार नामों में से एक आनंद शर्मा को लिया गया और सरकार ने अन्य नाम अपनी सूची से जोड़े.
जावेद अख्तर ने यह भी कहा कि “मैं उन लोगों का भी शुक्रगुजार हूं जो मेरी सराहना करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि दोनों ओर के कट्टर लोग मुझे गालियां देते हैं. अगर किसी दिन इनमें से कोई एक पक्ष गाली देना बंद कर दे, तो मुझे लगेगा कि मुझसे कोई गलती हो गई है.”