रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) भारत के राज्य उत्तराखंड का एक जिला है. यह गढ़वाल मंडल का एक हिस्सा है. इस जिले का क्षेत्रफल 1,984 वर्ग किलोमीटर है (Geographical Area).
रुद्रप्रयाग जिले में पौड़ीगढ़वाल लोकसभा का आंशिक क्षेत्र ((Lok Sabha constituency) और दो विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, केदारनाथ और रुद्रप्रयाग आते हैं (Assembly Constituency).
2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक रुद्रप्रयाग की जनसंख्या (Population) 2 लाख से ज्यादा है और यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 122 लोग रहते हैं (Density). इस जिले का लिंग अनुपात (Sex Ratio) 1114 है. इसकी 81.30 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 93.90 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 70.35 फीसदी है. (Rudraprayag literacy)
इस जिले का नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया है. रुद्रप्रयाग जिला, अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के संगम पर स्थित है. यह पंच प्रयागों के साथ ही अलकनंदा नदी के पांच संगम में से एक हैं. शिव और जगदम्बा मंदिर महान धार्मिक महत्व के मंदिर हैं (Alaknanda and Mandakini Rivers).
रुद्रप्रयाग जिले में स्थित मशहूर पर्यटकों स्थलों में गुप्तकाशी, उखीमठ, चोपता, गौरीकुंड और केदारनाथ है. यहां स्थित केदारनाथ मंदिर का शिव लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, साथ ही चार धाम और पंच केदार में गिना जाता है.(Kedarnath) केदारनाथ मंदिर जाने के लिए गौरीकुंड से शुरु होता है. गौरीकुंड उत्तराखंड के प्रमुख स्थानों जैसे ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून से जुड़ा हुआ है (Rudraprayag Gaurkund).
आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में भूकंप और भूस्खलन का सबसे ज्यादा खतरा है. 2013 की केदारनाथ आपदा और हालिया घटनाओं के बाद सरकार ने सभी एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा है और राहत-बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं.
रुद्रप्रयाग जिले में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर खांकरा के पास पहाड़ी से अचानक मलबा आने से एक कार इसकी चपेट में आकर बह गई. गनीमत रही कि कार सवार लोग समय रहते बाहर निकल गए और उनकी जान बच गई. घटना रुद्रप्रयाग से 10 किमी आगे कमेडा गधेरा क्षेत्र में हुई. प्रशासन ने हाईवे पर यातायात नियंत्रित कर वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा.
उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण रुद्रप्रयाग में हाईवे बंद हो गया है. प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ यात्रा, चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को 5 सितंबर 2025 तक रोक दिया है.
सोनप्रयाग से आगे केदारनाथ यात्रा मार्ग पर एक यात्री वाहन पर पत्थर गिरने से दो लोगों की मौत हो गई है. हादसे में एक अन्य यात्री घायल हो गया है, जिसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है. पुलिस ने बताया कि मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है.
पहाड़ों पर मानसून की भारी बारिश लगातार जारी है, जिससे नदियां उफान पर हैं और कई इलाके सैलाब की चपेट में हैं. उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. रुद्रप्रयाग के छैनागढ़ में भारी बारिश और भूस्खलन के बाद कई मकान और दुकानें मलबे में दब गए हैं. शुरुआती जानकारी के अनुसार, इस गांव से छह लोग लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है और ड्रोन की मदद भी ली जा रही है.
रुद्रप्रयाग के छेनागाड़ गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई. बाजार मलबे में दबा. वाहन बहे. मछली तालाब-मुर्गी फार्म नष्ट. कुछ लोग गुमशुदा है. पूरा गांव गायब हो गया है. जिला प्रशासन, NDRF, SDRF राहत-बचाव में जुटे है. सड़कें खोलने और वैकल्पिक मार्गों से मदद पहुंचाई जा रही.
केदारनाथ मंदिर के पीछे चौराबाड़ी ग्लेशियर में मानव कंकाल मिलने का मामला सामने आया है. कंकाल के पास मिली आईडी और मोबाइल फोन के आधार पर मृतक की पहचान तेलंगाना के रहने वाले युवक नोमुला रोश्वन्थ के रूप में हुई है. प्रशासन ने कंकाल को जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग भेजकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
रुद्रप्रयाग में चौवाड़ी बाईपास पर भारी भूस्खलन हुआ है. पहाड़ी से अचानक मलबा और बोल्डर गिरने से सड़क यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है. भूस्खलन के कारण लंबा ट्रैफिक जाम लग गया. गनीमत रही कि भूस्खलन के समय कोई वाहन या व्यक्ति वहां से गुजर नहीं रहा था, वरना एक बड़ा हादसा हो सकता था.
रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ हाईवे पर घोलतीर में भीषड़ सड़क हादसे की जानकारी सामने आई है. एक टेंपो ट्रैवलर अलकनंदा नदी में गिर गया, जिससे बड़ा हादसा हो गया. मौके के पर बचाव अभियान शुरू करने के लिए रेस्क्यू टीम रवाना हुई है.
यूपी में दलित लड़कियों का माइंड वॉश करके उन्हें आतंकी बनाने की साजिश का भंडाफोड़ हुआ है. आरोप है कि एक लड़की को बहला-फुसलाकर केरल ले जाया गया था. आरोपी धर्मांतरण कर उसको जिहादी बनाना चाहते थे. फिलहाल, पुलिस ने दो आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है, इनमें एक महिला है.
उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ हाईवे पर भीषण सड़क हादसे की खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, यात्रियों से भरा टेंपो ट्रैवलर अलकनंदा नदी में गिर गया, जिससे बड़ा हादसा हो गया.
शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारत ने आतंकवाद पर कड़ा रुख दिखाया और पाकिस्तान को घेरा. रक्षा मंत्री ने कहा कि टेरर के केंद्र का ध्वस्त होना तय है. वहीं, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में टेंपो ट्रैवलर नदी में गिरने से बड़ा हादसा हुआ, जिसमें तीन लोगों की जान गई और कई लोग लापता हैं. देखें एक और एक ग्यारह.
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में खराब मौसम के कारण एक टेम्पो ट्रैवलर अलकनंदा नदी में गिर गया है. इस हादसे में तीन लोगों की जान चली गई है, सात घायल हुए हैं और लगभग 10 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है. अलकनंदा नदी का जलस्तर उफान पर है और तेज बहाव के कारण लापता लोगों का बचना मुश्किल हो सकता है.
रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ हाईवे पर घोल तीर में एक बस अलकनंदा नदी में गिर गई. जानकारी मिल रही है कि इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई है. बस करीब 100 फीट नीचे अलकनंदा नदी में समा गई है. कुछ यात्री बस से छिटक कर बाहर भी गिरे हैं और घायल हैं. मौके पर एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय अधिकारी रेस्क्यू अभियान चला रहे हैं.
गौरीकुंड से बाबा केदारनाथ धाम तक का लगभग 24 किलोमीटर लंबा दुर्गम पैदल ट्रैक तय कर श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन को पहुंच रहे हैं. खराब मौसम और रास्ते में आ रहे मलबे के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था की डोर अडिग बनी हुई है.
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में लगातार बारिश के कारण सोनप्रयाग गौरीकुंड मार्ग मुनकटिया क्षेत्र में बाधित हो गया है. यहां रास्ते में भारी मलबा और पत्थर गिरे हैं. इसी मार्ग पर शटल सेवा का संचालन होता है, जो अब पूरी तरह बंद है. प्रशासन ने यात्रियों को अस्थायी रूप से रास्ता पैदल पार करवाकर आगे भेजा. गौरीकुंड से केदारनाथ तक का 24 किलोमीटर का ट्रैक चुनौतीपूर्ण बना हुआ है.
केदारनाथ में गौरीकुंड के पास हेलिकॉप्टर दुर्घटना में पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद हेलिकॉप्टर सेवाओं पर अस्थायी रोक लगा दी गई है. पिछले 39 दिनों में यह 5वीं हेलिकॉप्टर दुर्घटना है. खराब मौसम और लापरवाही को इन हादसों का मुख्य कारण माना जा रहा है.
पवित्र केदारनाथ धाम में इस साल आस्था का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ पड़ा है. 2 मई को कपाट खुलने के बाद से अब तक 10 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. कठिन पर्वतीय रास्तों, मौसम की चुनौतियों और लंबी यात्रा के बावजूद भक्त काफी संख्या में पहुंच रहे हैं. मंदिर परिसर हर शाम हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में आरती से गूंज रहा है.
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर दो दिनों में 14 घोड़े-खच्चरों की रहस्यमयी मौत के बाद उत्तराखंड सरकार ने 24 घंटे के लिए उनके उपयोग पर रोक लगा दी. बैक्टीरियल संक्रमण की आशंका, केंद्र से विशेषज्ञों की टीम जांच के लिए रवाना
रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा से पहले 12 खच्चरों में H3N8 इंफ्लूएंजा वायरस का खतरा सामने आया है। 300 खच्चरों की मेडिकल जांच में यह वायरस पाया गया, जिसके बाद संक्रमित खच्चरों को क्वारंटीन कर दिया गया है। प्रशासन ने यात्रा के दौरान सतर्कता बढ़ा दी है और यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए हर कदम पर निगरानी रखी जा रही है।
केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोप-वे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं से तीर्थयात्रियों को मिलेगी तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुविधा। साथ ही, पशुओं के स्वास्थ्य और बीमारियों की रोकथाम के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण योजना को भी हरी झंडी दी। जानिए इन फैसलों से उत्तराखंड और देशभर के किसानों और तीर्थयात्रियों को क्या लाभ होगा।