राधिका यादव (Radhika Yadav) एक 25 वर्षीय हरियाणा की स्टेट‑लेवल टेनिस खिलाड़ी थीं, जिन्होंने कोचिंग भी की. उनका जन्म 23 मार्च 2000 को हुआ था. वे ‘गुरुग्राम’ (Sushant Lok, Sector 57) में रहती थीं और आईटीएफ टूर्नामेंट में डबल्स में 113 वीं रैंक हासिल कर चुकी थीं.
10 जुलाई 2025 उनकी हत्या हो गई थी. उनके पिता, दीपक यादव ने घर में उनकी पीठ में चार गोलियां चलाई जब वह रसोई में खाना बना रही थीं. राधिका को अस्पताल ले जाया गया लेकिन वे वहां ही मृत घोषित कर दी गईं. दीपक को गिरफ्तार कर अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
खबरों की मानें तो दीपक ने licensed .32 रिवॉल्वर से कम से कम पांच बार गोली चलाई.
शुरुआत में पुलिस का कहना था कि राधिका एक टेनिस अकादमी चलाती थीं और इसी को लेकर पिता-पुत्री के बीच तनाव था. बताया गया था कि दीपक यादव को अक्सर लोगों से बेटी की कमाई पर निर्भर रहने को लेकर ताने सुनने पड़ते थे, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान थे. हालांकि बाद में जांच में पता चला कि दीपक आर्थिक रूप से संपन्न थे और उन्हें किराये की संपत्तियों से अच्छी आमदनी होती थी. इसके बावजूद, लगातार मिल रहे तानों ने उन्हें अवसाद में धकेल दिया था.
एक जांच अधिकारी ने बताया कि राधिका की अपनी कोई अकादमी नहीं थी. वह विभिन्न टेनिस कोर्ट बुक कर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देती थीं. दीपक ने कई बार राधिका से ट्रेनिंग बंद करने के लिए कहा था, लेकिन उसने इनकार कर दिया. यही दोनों के बीच झगड़े की सबसे बड़ी वजह बन गया.
पुलिस ने दीपक यादव की निशानदेही पर उनके घर से पांच गोलियां और एक जिंदा कारतूस बरामद किया है. जांच के दौरान पुलिस उन्हें पटौदी के एक गांव भी लेकर गई. एक करीबी रिश्तेदार ने बताया कि दीपक ने राधिका के टेनिस करियर की शुरुआत से ही उसका साथ दिया था, लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने उसे खेल छोड़ने के लिए कई बार कहा था.
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और दीपक यादव को हिरासत में ले लिया गया है. इस घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है और समाज में पारिवारिक तनाव की गंभीरता पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं.
गुरुग्राम में पूर्व टेनिस प्लेयर राधिका यादव की हत्या के मामले में पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में पेश की है. पुलिस जांच में सामने आया है कि राधिका के पिता दीपक यादव ने अपनी बेटी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था. आरोपी पिता ने पुलिस के सामने कबूल किया है कि उसके सम्मान को ठेस पहुंचती थी, इसलिए बेटी को मार डाला.
राधिका यादव के पिता आरोपी आरोपी दीपक यादव छोटी-छोटी बातों को लेकर गुस्सा करता था. अगर कोई भी शख्स आरोपी दीपक यादव को उसके बेटे-बेटी या पत्नी के बारे में कुछ भी बात बोलता था तो उसका गुस्सा अपने परिवार पर ही निकलता था.
राधिका यादव की हत्या ने सबको चौंका दिया है. सवाल है कि क्या वाकई एक पिता ने बेटी को गांव वालों के तानों की वजह से मारा? या फिर इस कत्ल का सच अभी भी पर्दे में छुपा है? जानिए इस सनसनीखेज मर्डर केस की पूरी कहानी.
उस पिता ने अपने हाथों से अपनी लाडली बेटी का कत्ल किया. अब वही पिता खुद के लिए मौत मांग रहा है. जिस बाप को अपनी गलती का अहसास है, जो इकरार-ए-जुर्म कर रहा है. जो खुद कन्या वध की बात कर रहा है. वो उस वध की वजह बताने में क्यों हिचक रहा है? क्या है राधिका के मर्डर का सच? जानने के लिए देखिए ये वीडियो.
राधिका यादव के कत्ल की गुत्थी उलझती जा रही है. राधिका के पिता दीपक यादव ने खुद को दोषी बताते हुए कहा, 'मैंने कन्या वध कर दिया और मेरे को मार दो. फांसी दे दो.' पुलिस की शुरुआती जांच में गांव वालों के तानों और बेटी की कमाई खाने की बात को कत्ल की वजह बताया गया था.
पुलिस के अनुसार, टेनिस प्लेयर राधिका यादव का फोन पासवर्ड से लॉक है. राधिका के घर में किसी को भी उसके फोन का पासवर्ड नहीं पता था. यही वजह है कि अब उम्मीद की जा रही है कि DITECH (Department of Information Technology Electronics & Communication, Haryana) की तकनीकी मदद से न सिर्फ फोन अनलॉक किया जाएगा, बल्कि डिलीट हो चुका डेटा भी रिकवर किया जाएगा.
टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के पीछे की वजह की तह में जाने के लिए अब हरियाणा पुलिस की निगाहें राधिका के iPhone पर टिक गई हैं, जिसे अनलॉक करने के लिए फोन को हरियाणा सरकार के Department of Information Technology Electronics & Communication विभाग भेजा गया है.
राधिका यादव मर्डर केस को लेकर उसकी दोस्त ने बड़ा दावा किया है. हिमांशिका सिंह ने वीडियो जारी कर कहा कि राधिका को साजिश कर मारा गया..हिमांशिका से ये भी दावा किया कि 3 दिन पहले से हत्या की प्लानिंग की जा रही थी.
राधिका यादव के भाई रोहित यादव ने दोस्त हिमांशिका द्वारा लगाए गए बंधक बनाने और पाबंदियां लगाने के आरोपों को सिरे से खारिज किया. रोहित ने स्पष्ट किया कि राधिका को पूरी आजादी थी और उनके पिता दीपक यादव ने वीजा और टिकट सहित सभी खर्चों का वहन करते हुए उन्हें दुनिया भर में टेनिस खेलने के लिए भेजा था.
क्या मम्मी-पापा अपने ही हाथों से अपने बच्चों की जान ले सकते हैं? ये सवाल 17 साल पहले, साल 2008 में आरुषि तलवार हत्याकांड के वक्त उठा था. उस समय पूरा देश स्तब्ध था. लोगों को यकीन ही नहीं हुआ कि एक डॉक्टर दंपत्ति, नुपुर और राजेश तलवार अपनी इकलौती बेटी का कत्ल कर सकते हैं.
इंटरनेशनल लेवल पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है. राधिका की जान लेने का आरोप उसके पिता दीपक यादव पर है. पुलिस का कहना है कि दीपक छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाता था और अपने गुस्से का शिकार अक्सर परिवार के सदस्य ही बनते थे.
गुरुग्राम के सेक्टर 57 में 10 जुलाई का दिन परिवार के लिए खुशी का मौका था. टेनिस प्लेयर राधिका यादव सुबह से ही मां की तबीयत का ख्याल रखते हुए किचन में उनके जन्मदिन की तैयारी कर रही थी. लेकिन दोपहर होते-होते सब कुछ बदल गया, जब पिता दीपक यादव ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से अपनी ही बेटी को तीन गोलियां मार कर मौत की नींद सुला दिया.
राधिका यादव के परिवार ने शुरुआत में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की और यह कहा कि उसने खुद को गोली मारी है. लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की और घटनास्थल के भौतिक साक्ष्य जुटाए, तो दीपक यादव टूट गया और पूरी वारदात का सच उगल दिया. आरोपी दीपक ने बताया कि घटना के वक्त घर में वह, राधिका और उसकी पत्नी मंजू मौजूद थे,