scorecardresearch
 
Advertisement

पूर्व बर्धमान

पूर्व बर्धमान

पूर्व बर्धमान

पूर्व बर्धमान (Purba Bardhman) जिला भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल में स्थित है, और इसका मुख्यालय बर्धमान शहर में है. यह जिला 7 अप्रैल 2017 को पुराने बर्धमान जिले के विभाजन के बाद अस्तित्व में आया. यह जिला इतिहास और संस्कृति के लिए भी महत्वपूर्ण है. यहां का गांव सुबालडाहा महान क्रांतिकारी रासबिहारी बोस का जन्मस्थान है.

कुछ इतिहासकारों के अनुसार, बर्धमान नाम इस क्षेत्र में आए अंतिम चौबीसवें जैन तीर्थंकर महावीर वर्धमान से जुड़ा है, जिन्होंने यहां धर्म प्रचार किया. वहीं कुछ विशेषज्ञ इसे एक समृद्ध और विकसित क्षेत्र के रूप में व्याख्यायित करते हैं. "पूर्व" शब्द का अर्थ है "पूर्वी भाग". बर्धमान का क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से आर्यों के उपर्युक्त गंगा घाटी क्षेत्र में विस्तार के लिए महत्वपूर्ण था.

पूर्व बर्धमान जिला समानतल और उपजाऊ मैदानों वाला क्षेत्र है. इसे मुख्यतः चार प्रमुख भू-भागों में बांटा जा सकता है-

कांकसा-केतुग्राम मैदान: उत्तर में, अजय नदी के किनारे स्थित.

बर्धमान मैदान: जिले के मध्य भाग में, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व में दामोदर नदी.

खंडघोष मैदान: दक्षिणी भाग.

भागीरथी बेसिन: जिले के पूर्वी भाग में,

इसके अलावा, पश्चिम बर्धमान जिले की ऊबड़-खाबड़ लेटराइट भूमि ऑसग्राम क्षेत्र तक फैली हुई है.

2011 की जनगणना के अनुसार (2017 में जिले के विभाजन के बाद पुनर्गणना) कुल जनसंख्या: 48,35,532, जिसमें पुरुष: 24,69,310 (51%) और महिलाएं: 23,66,222 (49%) हैं. 6 वर्ष से कम उम्र की आबादी: 5,09,855 है. शहरी आबादी: 7,26,345 (15.02%) है. अनुसूचित जातियां 1,487,151 (30.75%) और अनुसूचित जनजातियां 3,27,501 (6.77%) है. साक्षरता दर की बात करें तो यहां कुल .साक्षर 32,32,452 (74.73%) हैं जिनमें पुरुष साक्षर 17,81,090 (80.60%) और महिला साक्षर 14,53,362 (68.66%) है

जिले में हिंदू धर्म की संख्या सबसे अधिक है, जबकि इस्लाम धर्म दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है. बर्धमान के कई जमींदारों ने हिंदू परिवार मंदिरों का निर्माण किया, जो आज भी यहाँ के ग्रामीण और शहरी इलाकों में देखे जा सकते हैं.

मुस्लिम आबादी मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्रित है, जैसे कि केतुग्राम I (46.77%) और मान्टेस्वर (41.77%) में.

बंगाली भाषा जिले की प्रमुख भाषा है और सभी सांस्कृतिक गतिविधियों का आधार है.

पूर्व बर्धमान जिला सांस्कृतिक और साहित्यिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. यहां के कुस गांव में महान कवि, नोबेल पुरस्कार विजेता और समाज सुधारक रवींद्रनाथ टैगोर के पूर्वज रहते थे. जिला कृषि प्रधान होने के साथ-साथ कला, संगीत और शिल्प की दृष्टि से भी प्रसिद्ध है.

और पढ़ें

पूर्व बर्धमान न्यूज़

Advertisement
Advertisement