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बस में सवार यात्रियों का पुलिस ने चेक किया झोला... 72 लाख रुपये कैश बरामद, चार आरोपियों को किया अरेस्ट

पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले में पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर चेकिंग शुरू की. इस दौरान भागलपुर से कोलकाता जा रही एक बस से 72 लाख रुपये कैश बरामद हुए हैं. रकम से संबंधित कोई दस्तावेज न मिलने पर पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इतनी रकम बरामद होने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

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बस चेकिंग में मिली 72 लाख की नकदी. (Photo: ITG)
बस चेकिंग में मिली 72 लाख की नकदी. (Photo: ITG)

पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक बस से 72 लाख रुपये कैश बरामद किए हैं. यह बस बिहार के भागलपुर से कोलकाता जा रही थी. इतना कैश देख पुलिस को काउंटिंग के लिए मशीन तक मंगवानी पड़ी. वहीं कैश का कोई वैध दस्तावेज न मिलने पर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस बरामदगी के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है.

जानकारी के अनुसार, यह घटना पूर्व बर्दवान जिले के मेमारी थाना क्षेत्र के पलसित टोल प्लाजा के पास घटी. पुलिस का कहना है कि गुप्त सूचना के आधार पर मेमारी थाना पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर नाका चेकिंग शुरू की. इसी दौरान एक यात्री बस को रोका गया, जो भागलपुर से कोलकाता जा रही थी. बस की तलाशी में दो बैगों से 72 लाख रुपये नकद बरामद किए गए.

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पुलिस ने जब यात्रियों से इस रकम के दस्तावेज मांगे, तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. इसके बाद पुलिस ने मौके से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपियों में शंभूनाथ वर्मा, बबलू दास, कृष्ण दास और नवीन कुमार सिंह शामिल हैं. इनमें से नवीन कुमार सिंह और बबलू दास बस के ड्राइवर और कंडक्टर बताए जा रहे हैं. चारों आरोपी बिहार के भागलपुर और बांका जिलों के रहने वाले हैं.

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burdwan police seize 72 lakh cash from bus four arrested

पूछताछ में शंभूनाथ वर्मा और कृष्ण दास ने पुलिस को बताया कि वे सोने के गहने और आभूषण खरीदने के लिए कोलकाता के बऊ बाजार जा रहे थे. हालांकि, पुलिस इस दावे की सच्चाई की जांच कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि बिना दस्तावेज इतनी बड़ी रकम का ले जाना संदिग्ध है.

फिलहाल मेमारी थाना पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं सवाल यह भी उठ रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इतनी बड़ी रकम कोलकाता क्यों ले जाई जा रही थी? पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं इस रकम का संबंध चुनावी खर्च से तो नहीं है.

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