नवाज शरीफ, राजनेता
मियां मुहम्मद नवाज शरीफ (Mian Muhammad Nawaz Sharif) एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ हैं. वे लगातार तीन बार और सबसे लंबे समय तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं (Nawaz Sharif former PM of Pakistan).
नवाज का जन्म 25 दिसंबर 1949 को पाकिस्तान के लाहौर, पंजाब में हुआ था (Nawaz Sharif Age). उनके पिता मुहम्मद शरीफ थें. पाकिस्तान के चुनाव आयोग के अनुसार नवाज पाकिस्तान के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक हैं (Nawaz Sharif Richest Person in Pakistan).
नवाज की शिक्षा सेंट एंथोनी हाई स्कूल से हुई है और उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी (GCU) से कला और व्यवसाय की डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की. साथ ही, लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की (Nawaz Sharif Education).
नवाज शरीफ की शादी 1970 में कुलसुम नवाज हुई (Nawaz Sharif Wife). उनके 4 बच्चे हैं (Nawaz Sharif Children). नवाज की पत्नी का 2018 में निधन हो गया.
नवाज, शहबाज शरीफ के बड़े भाई हैं Nawaz Sharif Brother Shahbaz Sharif, जिन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया और अप्रैल 2022 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गए (Shahbaz Sharif Prime minister of Pakistan).
1981 में, नवाज को राष्ट्रपति जिया ने पंजाब प्रांत के लिए वित्त मंत्री के रूप में नियुक्त किया. नवाज 1985 में पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए और 1988 में मार्शल लॉ की समाप्ति के बाद फिर से चुने गए. 1990 में, नवाज ने इस्लामिक डेमोक्रेटिक एलायंस का नेतृत्व किया और पाकिस्तान के 12वें प्रधानमंत्री बने. 1993 में बेदखल होने के बाद, जब राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया तब नवाज ने 1993 से 1996 तक बेनजीर भुट्टो की सरकार के विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया. वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) (PML-N) के बाद प्रीमियर पद पर लौट आए (Nawaz Sharif Political Career).
सैन्य अधिग्रहण द्वारा 1999 में उनके निष्कासन तक सेवा की गई थी और एक विमान अपहरण के मामले में मुकदमा चलाया गया था. एक दशक से अधिक समय तक जेल और निर्वासन के बाद उन्होंने 2011 में राजनीति में वापसी की (Nawaz Sharif Plane Hijacking Case) और 2013 में अपनी पार्टी को तीसरी बार जीत दिलाई.
2017 में, नवाज को पनामा पेपर्स मामले में पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पद से हटा दिया गया था. 2018 में, पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने नवाज को सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य घोषित कर दिया और उन्हें दस साल जेल की सजा भी सुनाई (Nawaz Sharif Panama Papers case). नवाज जमानत की अवधि समाप्त होने पर 2021 से चिकित्सा उपचार के लिए लंदन में हैं (Nawaz Sharif in London).
चार दिन गुजर चुके हैं लेकिन अभी तक शहबाज शरीफ ने मुनीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स बनाए जाने का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि नवाज शरीफ के कहने पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बड़ा खेल कर दिया. लंदन से शहबाज शरीफ पाकिस्तान लौट चुके हैं, लेकिन आज भी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ. खबरें यही है कि मुनीर की फाइल को शरीफ परिवार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है, दावे तो ये भी किए जा रहे हैं कि नवाज शरीफ और असिम मुनीर के बीच जबरदस्त झगड़ा हुआ है.
जब से ये खबर आई है कि इमरान खान की जेल में हत्या कर दी गई है, तब से, इमरान खान की 3 बहनों ने आसिम मुनीर के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लिया है. अब एक तरफ तो ये तीनों बहनें जेल में बंद इमरान खान से मिलने की ज़िद पर अड़ी हैं, दूसरी तरफ इनके साथ एक इमरान खान की पार्टी पीटीआई के नेताओं और कार्यकर्ताओं के हुजूम के साथ, आम जनता भी रावलपिंडी की अडियाला जेल के बाहर धरना दे रही है. और इन सबके बीच, इमरान और जेमिमा खान के बेटे कासिम ने जेल में बंद इमरान खान के ज़िंदा होने का सबूत मांगा है.
आज हम ऐसी खबर पर दस्तक देने जा रहे हैं, जिसने पूरे पाकिस्तान में उथल-पुथल मचाकर रख दी है. जी हां बात इमरान खान की हत्या की झूठी खबर से शुरु हुई है, और अब पाकिस्तान में आसिम मुनीर के सुप्रीम पावर बनने तक पहुंच गई है. बड़ा सवाल ये है कि पाकिस्तान में इमरान खान की हत्या की झूठी खबर क्यों फैलाई गई. क्यों नवाज शरीफ अचानक आकर, ये कहते हैं कि सिर्फ इमरान खान ही नहीं बल्कि, उनको लाने वालों का भी पूरा हिसाब होना चाहिए? हालांकि पाकिस्तान सरकार ये भी इमरान खान को जेल के अंदर फाइव स्टार वाली सुविधाएं दी जा रही हैं.
पाकिस्तान ने कट्टरपंथी धार्मिक संगठन तेहरिक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) पर देशभर में प्रतिबंध लगा दिया है. ये फैसला पंजाब सरकार की सिफारिश और हालिया गाजा मार्च के दौरान TLP के हिंसक प्रदर्शन के बाद लिया गया. इस कदम के तहत संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर कठोर कानूनी कार्रवाई, उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स और बैंक अकाउंट्स फ्रीज करना, और उनके सभी पोस्टर-बैनर हटाना शामिल है.
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच बुधवार को हुए सैन्य समझौते की हर तरफ चर्चा है. लेकिन यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब अरब-इस्लामिक देश मिलकर कोई डिफेंस डील कर रहे हैं. इससे पहले भी 2015 में सऊदी की पहल पर पाकिस्तान और 40 से ज्यादा देशों के बीच एक सैन्य गठबंधन हुआ था. पाकिस्तानी जनरल राहील शरीफ उसके पहले कमांडर भी बने. लेकिन बाद में यह गठबंधन पूरी तरह निष्क्रिय साबित हुआ.
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पाकिस्तान में हैं. लाहौर में नवाज शरीफ और मरियम नवाज ने उनका स्वागत किया. उन्होंने अल्लामा इकबाल की मजार पर श्रद्धांजलि दी और बाद में इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की. यह पेजेश्कियान की राष्ट्रपति बनने के बाद पाकिस्तान की पहली आधिकारिक यात्रा है.
पाकिस्तान में कुछ समय से ऐसी खबरें आ रही हैं कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को पद से हटाया जा सकता है. खबरें ऐसी भी हैं कि जरदारी की जगह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाई, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ राष्ट्रपति बनाए जा सकते हैं. इन खबरों पर एक पार्टी नेता ने प्रतिक्रिया दी है.
नवाज शरीफ के राष्ट्रपति बनने की खबरों को पार्टी और गृह मंत्री ने अफवाह बताया. PML-N और PPP गठबंधन में दरार की अटकलों पर दी सफाई.
नवाज शरीफ जिस मकसद से पाकिस्तान पहुंचे थे, आते ही काम पर लग गये थे. कोशिशें कामयाब ही मानी जानी चाहिये - अब नवाज शरीफ को क्रेडिट कितना मिलता है, ये बात अलग है.
भारत और पाकिस्तान जंग की दहलीज पर खड़े हैं, लेकिन नवाज शरीफ नहीं चाहते कि तनाव कम करने की कोशिशें हों. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को उनके बड़े भाई की सलाह है कि कूटनीतिक तरीके से हालात को संभालने के प्रयास हों - ताकि पाकिस्तान को फिर से कारगिल जंग जैसी फजीहत न झेलनी पड़े.
मुमकिन है आसिम मुनीर भी परवेज मुशर्रफ जैसे ही सपने देख रहे हों. हो सकता है, अभी तख्तापलट का कोई इरादा न हो. पहले जंग में खुद को आजमाना चाहते हों - लेकिन, कारगिल के नतीजे और मुशर्रफ की जिंदगी में झांक कर देख लें, तो सामने अपना भविष्य साफ नजर आएगा.
Former Prime Minister of Pakistan Nawaz Sharif ने Shahbaz Sharif को दी बातचीत का रास्ता अपनाने की सलाह
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने भाई शहबाज शरीफ को भारत से तनाव तुरंत कम करने की सलाह दी है. नवाज शरीफ ने कहा कि वह भारत के खिलाफ़ आक्रामक रुख के पक्षधर नहीं हैं, और अपने भाई को आगाह किया है. यह स्थिति पाकिस्तान में नेतृत्व के भ्रम और सेना प्रमुख मुनीर के नियंत्रण को भी दर्शाती है, खासकर "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद सेना की प्रतिष्ठा बचाने की कोशिशों के बीच. देखें...
1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारत ने एक्ट्रेस रवीना टंडन की तरफ से एक मिसाइल पाकिस्तान पर दागी थी. ये तब हुआ था जब पाकिस्तानी सैनिकों ने शहीद भारतीय सैनिकों के पार्थिव शरीर वापस करने के बदले रवीना और माधुरी दीक्षित को भेजने की शर्त रखी थी. इस बात का जवाब देते हुए भारतीय एयर फोर्स ने रवीना की ओर से एक मिसाइल पड़ोसी मुल्क भेज दी जिसपर लिखा था, "रवीना टंडन की ओर से नवाज शरीफ के लिए.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक नवाज शरीफ, जो हाल ही में लंदन से पाकिस्तान लौटे हैं, ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक में लिए गए निर्णयों पर जानकारी प्राप्त करने के बाद शहबाज शरीफ से मुलाकात की. बैठक में भारत द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करने के फैसले के बाद की रणनीति पर चर्चा हुई थी.
भारत से तनाव के बीच नवाज शरीफ ने पाकिस्तानी PM को दी सलाह, जानिए क्या बात कही…
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने भाई और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भारत के साथ तनाव कम करने की सलाह दी है. पाकिस्तानी नेताओं की भारत के विरुद्ध आक्रामक बयानबाजी के बीच, नवाज शरीफ ने स्पष्ट कहा है कि युद्ध की ओर बढ़ने से नुकसान होगा. उन्होंने जोर दिया, "कूटनीतिक ढंग से भारत के साथ बातचीत कीजिए, तनाव को कम कीजिए." देखें...
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अपने बड़े भाई, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की है. मुलाकात के दौरान नवाज शरीफ ने शहबाज शरीफ को कूटनीति का रास्ता अपनाने की सलाह दी.
पंजाब प्रशासन ने वरिष्ठ शरीफ को एलएएचआर का संरक्षक-इन-चीफ नियुक्त किया है. वे लाहौर के पुराने शहर के जीर्णोद्धार का काम देखेंगे. जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष का मजाक उड़ाया और उन्हें सरकारी नौकरी मिलने पर बधाई दी.
जाकिर नाइक ने पिछले साल पाकिस्तान की यात्रा के दौरान लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के कमांडर मुज्जमिल इकबाल हाश्मी और अन्य LeT सदस्यों के साथ मुलाकात की थी. नाइक को भारत में नफरत फैलाने और चरमपंथ को भड़काने के आरोप में वांटेड घोषित किया गया है.
कर्ज और भूख से बेहाल पाकिस्तान को अब पड़ोसी भारत से रिश्ते सुधारने में दिलचस्पी बढ़ गई है. अमन और शांति के वास्ते बीती बातें भूलने की गुहार लगा रहा है. हालांकि, भारत इतने जल्द भरोसा करने वाला नहीं है. शिमला समझौते से लेकर लाहौर समझौते तक भारत को सिर्फ धोखा और दगाबाजी ही मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जब दोस्ती का हाथ बढ़ाया तो पाकिस्तान ने आतंकी हमले कर जख्मों को हरा किया है.