नॉलेज
नॉलेज यानी ज्ञान (Knowledge) को तथ्यों के बारे में जागरूकता या व्यावहारिक कौशल के रूप में परिभाषित किया जा सकता है. तथ्यों का ज्ञान को अक्सर औचित्य के आधार पर राय या अनुमान से अलग मापा जाता है. जबकि दार्शनिकों के बीच व्यापक सहमति है कि यह सच्चे अनुभूति और समझ का एक रूप है.
ज्ञान का उत्पादन कई अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है. सबसे महत्वपूर्ण स्रोत धारणा है, जो पांच इंद्रियों के उपयोग को संदर्भित करता है (Five Sense Organs). कई सिद्धांतकारों ने आत्मनिरीक्षण को ज्ञान के स्रोत के रूप में भी शामिल किया है. बाहरी भौतिक वस्तुओं का नहीं, बल्कि स्वयं की मानसिक अवस्थाओं का. अक्सर चर्चा किए गए अन्य स्रोतों में स्मृति, तर्कसंगत अंतर्ज्ञान और अनुमान शामिल हैं (Internal Knowledge).
ज्ञान के स्रोत, ऐसे तरीके हैं जिनसे लोगों को चीजों का पता चलता है. अकादमिक साहित्य में ज्ञान के विभिन्न स्रोतों पर मानसिक संकायों के संदर्भ में चर्चा की जाती है. उनमें धारणा, आत्मनिरीक्षण, स्मृति और अनुमान शामिल हैं. हालांकि, हर कोई इस बात से सहमत नहीं है कि वे सभी वास्तव में ज्ञान की ओर ले जाते हैं. आमतौर पर, धारणा या अवलोकन, यानी पांच इंद्रियों में से एक का उपयोग करना, सबसे महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में माना जाता है. किताबी ज्ञान या व्यवहारिक ज्ञान इंसान के लिए आवश्यक है. कई बार किताब से ज्ञान प्राप्त करते है लेकिन ज्ञानी नहीं हो पाते हैं (Achievement of Knowledge).
क्या आपने कभी सुना है कि पेट्रोल एक्सपायर होता है. तो इसका जवाब है, हां . लेकिन ये किस तरह से एक्सपायर होता है चलिए जानते हैं.
अगर आपको भी इस बात का पता करना है कि साल 001 के पहलो कौन सा साल था? तो चलिए जानते हैं.
अगर आप भी संस्कृत के फील्ड में अपना करियर बनाने का सोच रहे हैं, तो उसके पहले ये जान ले कि कौन सी डिग्री के साथ आप इस फील्ड में करियर बना सकते हैं.
आखिर लद्दाख में अब भी सेना क्यों दो कूबड़ वाले ऊंट रखती है. क्या है इसके पीछे की असली वजह?
Indian Army Internship Program 2026 के लिए आवेदन शुरू. Engineering और research students को 75 दिन की internship, daily 1,000 रुपये stipend मिलेगा.
पाकिस्तान में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है. मुस्लिम वहां बहुसंख्यक हैं. ऐसे में लोगों को ये जानने में दिलचस्पी होती है कि आखिर वहां कितने हिंदू है. पाकिस्तान में कुछ ही ऐसे इलाके हैं जहां हिंदुओं की जनसंख्या ठीक-ठाक है.
भारत में शादियां सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं होता, बल्कि परंपरा, संस्कृति और पीढ़ियों से चली आ रही मान्यताओं का उत्सव होता है.
जहां दिल्ली में हवा बहुत खराब बनी हुई है, वहीं भारत के पहाड़ी और पूर्वोत्तर इलाकों में कई शहरों की हवा बेहद साफ है. आइजोल, शिलांग, गंगटोक, पेलिंग और ऊटी जैसे शहरों में AQI 10 से 40 के बीच दर्ज किया गय
अमेरिका में भी लोग जरूरत पड़ने पर पड़ोसियों से चीजें मांगते हैं, लेकिन सोच-समझकर और निजी सीमाओं का ध्यान रखते हुए.
अगर आपको भी योगा करना और दूसरों को करवाना पसंद है, तो आप इस फील्ड में करियर बना सकते हैं.
अगर आप भी लंबे समय से सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो ये आपके लिए शानदार मौका है. 12वीं पास के लिए सरकार ने शानदार वैकेंसी निकाली है.
अगर नहीं कर पाए हैं नीट पास तो टेंशन लेने की नहीं है जरूरत. इन फील्ड में भी बना सकते हैं करियर.
दुनिया के कई देशों में मिलिट्री ट्रेनिंग बेहद जरूरी होती है. ये देश की सुरक्षा और अनुशासन के लिए किया जाता है.
पूरे अमेरिका की बात करें तो 2-बेडरूम अपार्टमेंट का औसत मासिक किराया लगभग 1,700 से 1,900 अमेरिकी डॉलर के बीच माना जाता है. भारतीय रुपये में यह रकम करीब 1.4 से 1.6 लाख रुपये प्रति महीना बैठता है.
कोलकाता को “City of Joy” इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह शहर सिखाता है कि खुशी सिर्फ अमीरी में नहीं, बल्कि साथ, संस्कृति और संवेदनाओं में होती है.
दुनिया भर के जेलों में लाखों महिलाएं बंद हैं. अलग-अलग अपराधों के लिए इन्हें जेल में डाला गया है. जहां ये सजा काट रही हैं. इनमें से कईयों को मौत की सजा भी मिली है. इन दिनों महिलाओं के जेल जाने के मामले में तेजी से वृद्धि हो रही है. समझते हैं आखिर महिलाओं के जेल जाने के मामले में क्यों तेजी आ रही है और दुनियाभर के जेलों में कितनी महिला कैदी बंद हैं.
फिल्म 'धुरंधर' में जितनी आसानी से भारत के करेंसी प्लेट की कॉपी करने की कहानी दिखाई गई है, वो इतना आसान नहीं होता है. यह सिर्फ फिल्मी मसाला भर है. क्योंकि, असल जिंदगी में नोट छापने जैसी प्रक्रिया इतनी ज्यादा सीक्रेट और सुरक्षित होती है कि करेंसी प्लेट की कॉपी करना तो दूर इसे छूना तक मुश्किल होता है.
फिल्म ‘धुरंधर’ में दिखी currency plate चोरी की कहानी हकीकत में नामुमकिन क्यों है? जानें कैसे भारत में currency printing, security features, RBI-SPMCIL सिस्टम और multi-layer सुरक्षा असली नोटों को फेकरी से बचाती है.
आपने कभी सोचा है कि अगर हम आग में कोल्ड ड्रिंक डालेंगे, तो क्या रिएक्शन होगा? अगर नहीं तो चलिए जानते हैं.
दुनियाभर में चाय को अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है. हर जगह इसे बनाने का तरीका भी बेहद अलग होता है.
संसद में वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को 'बंकिम दा' कहकर संबोधित किया था. उन्होंने जब लगातार तीन-चार बार ऐसा ही किया तो टीएमसी के सांसद ने इस पर आपत्ति जता दी. ऐसे में जानते हैं कि जब दा और बाबू का मतलब बंगाल में क्या होता है?