13 Dec 2025
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भारत के पूर्वी हिस्से में बसा कोलकाता सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि भावनाओं, संस्कृति और जज़्बातों का संगम है.
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इसे दुनिया भर में 'City of Joy' यानी खुशियों का शहर कहा जाता है.
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सवाल यह है कि कोलकाता को यह अनोखा नाम क्यों मिला?
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'City of Joy' नाम को अंतरराष्ट्रीय पहचान तब मिली जब प्रसिद्ध लेखक डोमिनिक लैपिएर ने कोलकाता पर आधारित अपनी मशहूर किताब The City of Joy लिखी.
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इस किताब में उन्होंने गरीबी, संघर्ष और कठिन हालातों के बीच भी कोलकाता के लोगों की मुस्कान, जिंदादिली और जज़्बे को दुनिया के सामने रखा.
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कोलकाता में आर्थिक असमानता और संघर्ष हमेशा से रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद यहां के लोग जिंदगी को पूरे दिल से जीते हैं.
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छोटे घरों, तंग गलियों और सीमित संसाधनों के बीच भी लोग त्योहार मनाते हैं, संगीत सुनते हैं और दूसरों की मदद के लिए आगे आते हैं.
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यही जज़्बा कोलकाता को “City of Joy” बनाता है.
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यह शहर रवींद्रनाथ टैगोर, सत्यजीत रे, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जैसे महान साहित्यकारों और कलाकारों की धरती रहा है.
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यहां की कला, थिएटर, कविताएं और किताबें लोगों को सोचने और मुस्कुराने दोनों का मौका देती है.
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