17 Dec 2025
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लद्दाख भारत के सबसे कठिन, संवेदनशील और ऊंचे इलाकों में आते हैं.
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ऊंचे पहाड़, बर्फ से ढके रास्ते, कम तापमान और ऑक्सीजन की कमी सेना के सामने बड़ी परेशानी खड़ी करती है.
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ऐसे क्षेत्रों में हथियार समेत जरूरी चीजें पहुंचाना आसान नहीं होता है.
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इस तरह की जगहों पर आधुनिक हथियार या मशीनें काफी नहीं होती हैं.
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इसी कारण भारतीय सेना आज भी इन इलाकों में 2 कूबड़ वाले ऊंट का उपयोग करती हैं.
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इन्हें बैक्ट्रियन ऊंट भी कहते हैं. ये सामान्य ऊंट से अलग होते हैं और ज्यादातर रेगिस्तान वाले जगहों पर ये ऊंट पाए जाते हैं.
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सर्दियों में लद्दाख का तापमान माइनस 30 से 40 डिग्री चला जाता है. ऐसे मौसम में जहां मशीनें काम करना बंद कर देती हैं, 2 कूबड़ वाले ऊंट जीवित रहते हैं.
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इनके बॉडी पर घने बाल और इनके शरीर की बनावट इन्हें तेज और ठंड हवाओं से बचाती हैं.
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ये ऊंट करीब 170 से 200 किलो तक का वजन आसानी से कैरी कर सकते हैं.
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