मुहम्मद इशाक डार (Muhammad Ishaq Dar), 28 सितंबर 2022 से पाकिस्तान के 42वें वित्त मंत्री (Finance Minister, Pakistan) और सीनेट के सदस्य हैं. डार को 2017 और 2022 में अपराधी घोषित किया गया था, जिसके बाद वो पाकिस्तान से चले गए थें. 26 सितंबर 2022 को पाकिस्तान लौटने के बाद यह इल्जाम हटा दिया गया. वह पूर्व उद्योग और निवेश मंत्री, वाणिज्य मंत्री हैं और 28 सितंबर 2022 से चौथी बार पाकिस्तान के वित्त मंत्री बनाए गए हैं.
23 मई 1950 को लाहौर में जन्मे (Ishaq Dar Born) और पले-बढ़े, डार ने हैली कॉलेज ऑफ कॉमर्स, गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी में शिक्षा प्राप्त की है. बाद में, वह इंग्लैंड और वेल्स में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान में भाग लिया (Ishaq Dar Education). राजनीति में प्रवेश करने से पहले, उन्होंने विभिन्न निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों में एक पेशेवर चार्टर्ड एकाउंटेंट के रूप में काम किया था. उनके पिता की साइकिल की दुकान थी.
इशाक डार ने 1980 के दशक की शुरुआत में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और तब से वह दो बार लाहौर से पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और पंजाब से चार बार सीनेट के लिए चुने गए. उन्होंने नवाज शरीफ की पहली सरकार के दौरान एक साल के लिए पाकिस्तान बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट के अध्यक्ष के रूप में अपना पहला सार्वजनिक कार्यालय संभाला. 1997 के आम चुनाव में पीएमएल-एन की जीत के बाद, उन्होंने 1999 के तख्तापलट तक कैबिनेट में वाणिज्य मंत्री, उद्योग और निवेश मंत्री और वित्त मंत्री रहें. भ्रष्टाचार के आरोपों में वह दो साल तक जेल में भी रहे हैं (Ishaq Dar early politics).
2003 में, उन्होंने सीनेट में अपनी शुरुआत की और 2012 से 2013 तक विपक्ष के नेता बने. 2008 के आम चुनाव के बाद प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के तहत उन्होंने दूसरी बार वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया.2013 में, नवाज शरीफ की तीसरी सरकार के दौरान, डार तीसरी बार वित्त मंत्री बनें, जहां वह 2017 में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ भी रहें. अगस्त में 2017 में, उन्हें प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था और चौथी बार वित्त मंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किए गए. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला बना, जिसके बाद उन्होंने पद छोड़ दिया (Ishaq Dar Political Career).
डार ने विशेष रूप से पाकिस्तान में LGBTQ समुदाय के अधिकारों की भी वकालत की है (Ishaq Dar).
डार कश्मीरी मूल के एक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उन्हें शरीफ परिवार का भरोसेमंद वफादार माना जाता है. 2004 में डार के सबसे बड़े बेटे (Ishaq Dar Son) ने सऊदी अरब के जेद्दा में नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की बेटी अस्मा नवाज (Asma Nawaz) से शादी की (Ishaq Dar Daughter in Law).
पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने अफगानिस्तान नीति को लेकर इमरान खान की सरकार और पूर्व ISI प्रमुख फैज हमीद पर निशाना साधा. डार ने कहा कि "एक कप चाय" की उस मुलाकात ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया- उसी के बाद सीमाएं खुलीं और 35-40 हजार तालिबान दोबारा देश में लौट आए. उन्होंने चेतावनी दी कि अब ऐसी भूल नहीं दोहराई जानी चाहिए.
सऊदी अरब के साथ रक्षा समझौते के बाद पाकिस्तान अब इस्लामिक मुल्कों का चौधरी बनने का सपना देख रहा है. इसके लिए इस्लामाबाद अरब देशों की आर्थिक ताकत को मोहरा बना रहा है. पाकिस्तान के डिप्टी पीएम ने सऊदी अरब के साथ सैन्य समझौते का हवाला देते हुए कहा कि भारत के ऐसे हमलों को सऊदी अरब पर हमला माना जाता.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की है. यह मुलाकात अरब-इस्लामिक शिखर सम्मेलन के दौरान हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने अनौपचारिक बातचीत की.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने खुद स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युद्धविराम का प्रस्ताव अमेरिका के माध्यम से आया था, लेकिन भारत सहमत नहीं हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने भारत से बातचीत के लिए कई बार पहल की है और आगे भी बातचीत के लिए पाकिस्तान तैयार है.
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता वाले दावे पर पाकिस्तान का बड़ा बयान आया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने खुद स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युद्धविराम का प्रस्ताव अमेरिका के माध्यम से आया था, लेकिन भारत सहमत नहीं हुआ.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एससीओ की बैठक में शामिल होने चीन पहुंचे है. इसके बाद सोमवार को उनके आर्मी चीफ आसिम मुनीर चीन पहुंच गए. शहबाज ने मंगलवार को जब चीनी राष्ट्रपति समेत अन्य नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकात की तो मुनीर भी उनके साथ मौजूद रहे.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत करने की ख्वाहिश जताई है. उन्होंने कहा कि यह बातचीत 'गरिमापूर्ण' और 'सम्मानजनक' तरीके से होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान बातचीत के लिए 'भीख नहीं मांगेगा'.
बांग्लादेश के दौरे पर आए पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने ढाका में दावा किया कि 1971 की जंग के लिए पाकिस्तान की ओर से मांफी मांगने का मुद्दा दो बार सेटल किया जा चुका है. लेकिन मेजबान बांग्लादेश को अपने मेहमान की दलील पसंद नहीं आई. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के सलाहकार ने कहा कि 54 साल के मसले को एक दिन में हल नहीं किया जा सकता है.
बांग्लादेश यात्रा पर आए पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार के 1971 युद्ध पर दिए बयान को ढाका ने खारिज कर दिया. विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने साफ कहा कि 1971 की ज्यादतियों के मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं और पाकिस्तान को माफी मांगनी होगी.
अपने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार बांग्लादेशी नेतृत्व से मुलाकात करेंगे. उनकी बैठकों का कार्यक्रम बेहद व्यस्त और रणनीतिक महत्व का होगा. वे चीफ एडवाइजर प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस से मिलेंगे, जिन्हें हाल ही में बांग्लादेश सरकार ने नई भूमिका में नियुक्त किया है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर समेत सभी मुद्दों पर भारत से वार्ता को तैयार है. डार ने स्वीकार किया कि उन्हें अमेरिका से भारत के साथ सीज़फायर को लेकर कॉल आया था. साथ ही कहा कि पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता.
चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक का सीधा असर भारत पर भी पड़ रहा है, क्योंकि सीपीईसी परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से होकर गुज़रती है. भारत इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है और शुरू से ही इसका विरोध करता रहा है.
भारत सीपीईसी का मुखर विरोधी रहा है क्योंकि यह कॉरिडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से होकर गुजरता है. नई दिल्ली चीन की बेल्ट एंड रोड (BRI) पहल के भी खिलाफ है क्योंकि इसी परियोजना में सीपीईसी शामिल है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार बार-बार भारत को बातचीत का प्रस्ताव दे रहे हैं. अब उन्होंने अमेरिका पहुंचकर भारत से बातचीत की बात कही है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान भारत से बातचीत के लिए तैयार है.
पाकिस्तान में इस वक्त जबरदस्त खलबली मची हुई है। देश में गृह युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं. इसी बीच दो बड़ी खबरें सामने आई हैं जिन पर गौर करना बेहद जरूरी है. पहली खबर यह है कि पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर इस वक्त चीन के दौरे पर हैं. दूसरी बड़ी खबर यह है कि पाकिस्तान के डिप्टी पीएम ईशाक डार भी इस वक्त अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने विदेश मंत्री से मुलाकात की.
एक तरफ जहां अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाकात के बाद आतंकवाद विरोधी सहयोग में पाकिस्तान की "साझेदारी" की तारीफ की है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उपप्रधानमंत्री इशाक डार के खुलासे के बाद अब दुनिया को मान लेना चाहिए कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड डील के चलते नहीं हुई थी.
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने इस इंटरव्यू में कहा कि, 'भारत के हमले के बाद प्रधानमंत्री ने आर्म्ड फोर्सेज को जवाबी एक्शन के लिए अधिकृत कर दिया, डिटेल तय हो गई कि हमें क्या रोल आउट करना है, और हमने चार बजे के बाद शुरू किया, लेकिन मैं बदकिस्मती कहूंगा कि इंडिया ने ढाई बजे फिर हमला कर दिया, नूर खान एयरबेस पर, शोरकोट एयर बेस पर उन्होंने फिर अटैक किया, उसी रात को."
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा, "पाकिस्तान की न्यूक्लियर पॉलिसी 1998 से नहीं बदली है. हमारी तरफ से, ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है, यह मनगढ़ंत था."
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने के बाद भी हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं..इसी बीच सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के तेवर बदले बदले से नज़र आ रहे हैं
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान पानी सहित विभिन्न मुद्दों पर भारत के साथ व्यापक बातचीत चाहता है जबकि भारत सिर्फ आतंकवाद पर फोकस करना चाहता है. ऐसे नहीं होता. हमसे ज्यादा गंभीर कोई नहीं है. इसके लिए दोनों देश जिम्मेदार है.