भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025’ पेश किया है. यह विधेयक ग्रामीण भारत में रोजगार, कौशल विकास और स्थायी आजीविका को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है.
इस बिल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं, महिलाओं, छोटे किसानों और भूमिहीन श्रमिकों को रोजगार की गारंटी देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. प्रस्तावित मिशन के तहत हर पात्र ग्रामीण परिवार को न्यूनतम निश्चित कार्य-दिवसों का रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ कौशल प्रशिक्षण और स्थानीय संसाधनों पर आधारित आजीविका के अवसर प्रदान किए जाएंगे.
VB-G RAM G बिल की खास बात यह है कि यह केवल मजदूरी तक सीमित नहीं है, बल्कि कौशल आधारित रोजगार, स्वरोजगार, ग्रामीण उद्यमिता, कृषि-सहायक गतिविधियों, डेयरी, मत्स्य पालन, हस्तशिल्प और लघु उद्योगों को भी बढ़ावा देता है। इसके तहत डिजिटल स्किल्स, हरित रोजगार और महिला स्वयं सहायता समूहों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी.
बिल में यह भी प्रावधान है कि राज्यों और पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे योजनाओं का क्रियान्वयन स्थानीय जरूरतों के अनुसार हो सके. पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए डिजिटल पोर्टल, सामाजिक अंकेक्षण और समयबद्ध भुगतान की व्यवस्था प्रस्तावित है.
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह बिल प्रभावी रूप से लागू होता है, तो इससे ग्रामीण पलायन में कमी, आय में वृद्धि, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. साथ ही यह ‘विकसित भारत’ के सपने को जमीनी स्तर पर साकार करने में मदद करेगा.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने जी राम जी बिल पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होनें कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि देश के राष्ट्रपिता जिन्होनें इस देश के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया, जिस तरह से उनका नाम मनरेगा के विधेयक से हटाया गया है, इससे दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय काम और कुछ नही हो सकता.
संसद में मनरेगा पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा और बहस हुई. इस बीच मनरेगा पर BJP नेता सिवराज चौहान ने अपनी प्रतिक्रिया दी.. उन्होनें कहा कि पहले कांग्रेस ने महात्मा गांधी के नाम पर नरेगा का नाम नही रखा लेकिन जब 2009 में चुनाव आया और वोटों का सवाल आया तब महात्मा गांधी का नाम इन्होनें जोड़ने का काम किया.
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने 'जी राम जी' बिल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र पर हमला बोला है. उन्होनें कहा कि 'पूरा विपक्ष सरकार से मांग कर रहा है कि इस मुद्दे को सेलेक्ट कमिटी को भेजा जाए लेकिन सरकार इस बात को सुनने को तैयार नहीं है. सरकार को पता नही किस बात की जल्दी है गांधी जी का नाम मिटाने के लिए.'
BJP सांसद गिरिराज सिंह ने 'जी राम जी' बिल पर विपक्ष के प्रदर्शन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होनें कहा कि ये बिल मजदूरों के हित के लिए है, और जो लोग विरोध कर रहैे है वो मजदूरों के दुश्मन है, 12 घंटे या 12 दिन के लिए धरने पर बैठे ये मजदूरों के हित में है.
समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने दोनों सदनो से जी राम जी बिल पास होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होनें कहा कि 'संख्या बल के आधार पर बिल पास हुआ, लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाना देश की आजादी का अपमान है.'
हरियाणा कांग्रेस के प्रमुख राव नरेन्द्र सिंह ने MGNREGA के मुद्दे पर बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा को महात्मा गांधी के नाम से एलर्जी है. इस बातचीत में उन्होंने विभिन्न राजनीतिक मुद्दों को लेकर अपनी राय भी रखी.
'जी राम जी' बिल पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि इस देश के करोड़ों मजदूरों और गरीबों के अधिकारों पर सरकार ने एक नया बिल लागू किया है, जो उनके हक़ों पर हमला है. यह बिल जल्दीबाजी में लाकर पास करवाया गया, जो लोकतंत्र के लिए बड़ी चुनौती है.
राज्यसभा में 'जी राम जी' बिल पारित हो गया है. लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी विपक्ष ने बिल का विरोध करते हुए हंगामा किया और सदन से वॉकआउट किया. खास बात यह है कि मनरेगा का नाम बदलने से नाराज टीएमसी सांसद संसद भवन के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए हैं. इस बिल पर सदन में विवाद जारी रहा और विपक्ष अपनी आपत्ति व्यक्त करता रहा.
समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने जी राम जी बिल पर बात करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होनें कहा कि केंद्र सरकार को नाम बदलनें में महारथ हासिल है, विकास, कानून व्यवस्था, इस देश के करोड़ों नौजवान जो हमारी धरोहर है जिनको नौकिरियां नही मिलती, सरकार को इसपर काम करना चाहिए.'
समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने 'जी राम जी' बिल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होनें कहा कि 'ये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान है और ऐसे ही सरकार का कदम बढ़ता रहा तो ये देश की करेंसी यानि नोटों पर से भी बापू की तस्वीरें हटा देंगे.'
राज्यसभा में "जी राम जी" बिल पारित हो गया है, लेकिन इस पर विरोध थमने का नाम नही ले रहा. विपक्षी सासंद मनरेगा से सहात्मा गांधी का नाम हटाने पर खफा है. संसद परिसर में इस बिल पर टीएमसी ने धरना दिया, तो वही दूसरे विपक्षी दलों ने महात्मा गांधी की तस्वीर लेकर संसद भवन की गेट पर प्रदर्शन किया.
मनरेगा योजना, जो अब जल्द 'वीबी जी राम जी' योजना होने जा रही है, तमाम तमाम खामियों से भरी रही. फिलहाल तो देश के हर कोने से इस योजना के नाम पर भ्रष्टाचार के किस्से सुनाई दे रहे हैं. कुछ महीने पहले गुजरात के एक मंत्री के दो बेटों कि गिरफ्तार किया गया. पर मंत्री महोदय बच गए. एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की भी गिरफ्तारी हो चुकी है.
लोकसभा में वीबी-जी राम जी बिल पर देर रात तक हुई चर्चा का ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवाब दिया. शिवराज ने लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष के विरोध को ग्रामीण विकास का विरोध बताया.
ग्रामीण रोजगार से जुड़ा बिल मनरेगा को यूपीए सरकार 2005 में लाई थी तो 14 महीने तक उस पर सलाह-मशविरा किया गया. इसके बाद आम सहमति से बिल पर मुहर लगी, लेकिन अब केंद्र सरकार ने उसी बिल को बदलकर VB-G RAM G बिल को चार दिन में पास करा लिया.
MGNREGA की जगह लेने वाला बिल, विकसित भारत – रोज़गार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025 (VB-G RAM-G बिल) लोकसभा में पास हो गया है. वहीं, सदन में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और बिल की कॉपी फाड़ दी.
केंद्र सरकार मनरेगा का नाम और ढांचा बदलने जा रही है. अब इस योजना को ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण’ के नाम से जाना जाएगा. इसके तहत ग्रामीण भारत के हर गरीब परिवार को साल में गारंटीड 125 दिन का रोजगार दिए जाने का प्रस्ताव है.
मनरेगा की जगह जी-राम-जी कानून लाने पर संसद में भारी हंगामा हुआ है. विपक्ष ने महात्मा गांधी का नाम हटाने और राज्यों पर 40% वित्तीय बोझ डालने का विरोध किया. सरकार का दावा है कि नया कानून 125 दिन रोजगार, बेहतर निगरानी और कम भ्रष्टाचार सुनिश्चित करेगा.
विपक्ष और एनडीए की सहयोगी TDP ने भी इस फैसले की आलोचना की है, खासकर फंडिंग मॉडल को लेकर। TDP ने इसे राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ाने वाला बताया है. भाजपा ने इसे जरूरी सुधार करार दिया है. अब सरकार पर बिल को संसदीय समिति के पास भेजने और पुनर्विचार करने का दबाव बढ़ रहा है.
MGNREGA को खत्म करने के लिए लाए गए VB–GRAMG बिल पर संसद में बहस के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सख्त लहजे में विरोध किया है. उन्होंने कहा कि नया बिल रोजगार के कानूनी अधिकार को कमजोर करता है, केंद्र का नियंत्रण बढ़ाता है, राज्यों पर वित्तीय बोझ डालता है और संविधान व पंचायती राज की भावना के खिलाफ है.
MGNREGA का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है. इसके तहत हर उस परिवार को एक फाइनेंशियल साल में कम से कम 100 दिन का गारंटीड मजदूरी वाला रोजगार दिया जाता है. जहां MGNREGA का फोकस "आजीविका सुरक्षा बढ़ाने" के लक्ष्य पर था, वहीं नया बिल कहता है कि इसका मकसद "एक समृद्ध और मजबूत ग्रामीण भारत के लिए सशक्तिकरण, विकास, तालमेल और सभी तक पहुंच" को बढ़ावा देना है.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की जगह नया कानून लाया जा रहा है. मोदी सरकार नए कानून का नाम 'विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)' यानि वीबी जी राम जी रखा है. इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों आमने-सामने हैं.