फ्लैश फ्लड (Flash Flood), एक तरह से अचानक आई बाढ़ को कहा जाता है. यह एक प्राकृतिक आपदा है जो बहुत ही कम समय में अत्यधिक वर्षा या बहुत ज्यादा पानी के कारण उत्पन्न होती है. यह बाढ़ इतनी तेजी से आती है कि लोगों को संभलने या बचाव की तैयारी करने का मौका तक नहीं मिलता. पर्वतीय क्षेत्रों, शहरी इलाकों और नदी-नालों के किनारे बसे क्षेत्रों में यह आपदा अधिक घातक सिद्ध होती है.
यह अक्सर भारी बारिश, ग्लेशियर पिघलने, बांध टूटने या नदियों के किनारे मिट्टी धंसने के कारण होती है. यह बाढ़ सामान्य बाढ़ की तुलना में अधिक तेज़, अप्रत्याशित और विध्वंसक होती है.
साल 2025 में मानसून के आते ही भारत के कई राज्यों में फ्लैश फ्लड का असर देखने को मिला है. साल 2021 में उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही हुई थी. हिमाचल प्रदेश (2023) में मानसून में भारी बारिश से कई स्थानों पर अचानक बाढ़ आई. दिल्ली और मुंबई (2024) में कुछ ही घंटों की बारिश ने शहरों में जलजमाव और ट्रैफिक ठप कर दिया.
मौसम विभाग ने बिहार में भारी बारिश के कारण फ्लैश फ्लड का अलर्ट जारी करते हुए कहा कि बिहार के कई इलाकों में आज और कल भारी से भारी बारिश होने की संभावना है, जिसके कारण फ्लैश फ्लड की स्थिति बन सकती है.
जानकारी के अनुसार, अचानक आई इस बाढ़ से सिलबुधानी इलाका प्रभावित हुआ है. रात करीब 2 बजे नाले का पानी उफान पर आ गया और आसपास की दुकानों में घुस गया. हालांकि, जिला आपदा केंद्र मंडी के अनुसार इस घटना में किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है.
किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना चशोटी और पड्डर क्षेत्र में हुई, जो 1818 से 3888 मीटर ऊंचे पहाड़ों और चिनाब नदी से घिरी है. इसकी भौगोलिक स्थिति इसे खतरनाक बनाती है, खासकर बारिश के मौसम में. राहत कार्य जारी है, लेकिन 40 लोगों के शव मिले हैं. सरकार को अब लंबे समय की योजना बनानी होगी ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा जा सके.
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले से एक बड़ी घटना की खबर आई है. पाडर क्षेत्र के चशोटी गांव में गुरुवार को भीषण बादल फटने (Cloudburst) से कई लोगों की मौत हो गई है, जबकि कुछ के लापता होने की आशंका जताई जा रही है. जानिए आखिर मचैल माता मंदिर मार्ग पर क्या हुआ था जो इतनी बड़ी घटना हुई.
चशोती में फ्लैश फ्लड का कारण अभी रहस्य बना हुआ है. बादल फटना या ग्लेशियर झील टूटना दोनों संभावित कारण हो सकते हैं, लेकिन बिना सैटेलाइट डेटा के कुछ कहना जल्दबाजी होगी. मौसम निगरानी केंद्रों की कमी और हिमालय की जटिल भौगोलिक स्थिति इसे और पेचीदा बनाती है.
मंडी जिले में भारी बारिश से जेल रोड पर फ्लैश फ्लड आया, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई है. कई सड़कें, अस्पताल मार्ग और NH-3 बाधित हो चुके हैं. राज्य में मॉनसून सीजन के दौरान अब तक 164 मौतें हुई हैं. मंडी सबसे अधिक प्रभावित जिला रहा है.