हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार देर रात से हो रही भारी बारिश ने जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. मंगलवार तड़के 4 बजे के करीब मंडी शहर में अचानक फ्लैश फ्लड आ गया, जिससे भारी तबाही मच गई. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई.
प्रशासन के मुताबिक, ये लोग गाड़ियों को नाले से निकालने के लिए पहुंचे थे, तभी तेज बहाव में बह गए. एक और शव के गाड़ियों के बीच फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. जिला प्रशासन की टीम लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है. सामने आई तस्वीरों में तबाही का मंजर देखा जा सकता है.
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एडिशनल डिप्टी कमिश्नर रोहित राठौर ने जानकारी दी कि सुबह 4 बजे के आसपास भारी बारिश के कारण शहर के निचले इलाकों में ऊपरी इलाकों से मलबा आकर जमा हो गया, जिससे हालात बिगड़ गए. उन्होंने कहा, "हमें जेल रोड के पास नुकसान की कॉल मिली. यहां 2 शवों को बरामद किया गया है."
मंडी से मनाली तक सड़क मार्ग प्रभावित
मंडी के जोनल अस्पताल के गेट के बाहर भी भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया है, जिससे अस्पताल तक पहुंचने वाली सड़क बंद हो गई है. शहर में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण कई आंतरिक सड़कें बंद हो चुकी हैं. नगर निगम मेयर वीरेंद्र भट्ट ने हालात की पुष्टि की है. बारिश का असर सिर्फ मंडी तक सीमित नहीं है.
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे (NH-3) भी मंडी से कुल्लू के बीच कई स्थानों पर बाधित हो गया है. जगह-जगह वाहन फंसे हुए हैं और लंबा ट्रैफिक जाम लगा है.
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हिमाचल प्रदेश में 200 सड़कें बंद, अब तक कुल 164 मौतें
स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (SDMA) और स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर (SEOC) के मुताबिक, राज्यभर में अब तक 200 सड़कें, 62 पावर ट्रांसफॉर्मर और 110 पानी की स्कीमें प्रभावित हुई हैं.
मौजूदा मानसून सीजन (20 जून से 28 जुलाई 2025) में राज्य में 164 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से 90 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं - लैंडस्लाइड, फ्लैश फ्लड, क्लाउडबर्स्ट, डूबने और करंट लगने से हुई हैं. सबसे ज्यादा 32 मौतें मंडी में, कांगड़ा में 24, और चंबा में 17 मौतें दर्ज की गई हैं.