बीजू जनता दल एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल है (BJD) जिसका ओडिशा राज्य में बहुत प्रभाव है. इसकी स्थापना पूर्व खान और खनिज मंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik, BJD Founder) ने 26 दिसंबर 1997 को जनता दल से अलग हुए गुट के रूप में की थी. बीजेडी का मुख्यालय फॉरेस्ट पार्क, भुवनेश्वर में स्थित है (BJD Headquarter).
1998 के आम चुनाव में बीजेडी ने नौ सीटें जीतीं थीं. 1999 के आम चुनाव में बीजेडी ने 10 सीटें जीतीं. पार्टी ने 2000 और 2004 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में ओडिशा विधानसभा में अधिकांश सीटें जीतीं थीं. 2004 के चुनाव में बीजेडी ने 11 लोकसभा सीटें जीतीं. 2008 के कंधमाल दंगों के बाद, बीजेडी ने सांप्रदायिकता और सीट बंटवारे में मतभेदों का हवाला देते हुए 2009 में हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा से नाता तोड़ लिया. चुनाव के दौरान, बीजेडी ने 14 सीटें जीतीं और 2009 के ओडिशा विधान सभा चुनावों में 147 सीटों में से 108 विधानसभा सीटें हासिल कीं. बीजू जनता दल ने 2014 के आम चुनाव में भारी जीत हासिल की, 21 ओडिशा लोकसभा सीटों में से 20 और 147 ओडिशा विधान सभा सीटों में से 117 सीटें हासिल कीं. वे 2019 में ओडिशा में सत्ता में फिर से चुने गए, उन्होंने ओडिशा राज्य विधानसभा की 147 सीटों में से 112 सीटें जीतीं, हालांकि, लोकसभा में उनकी सीटें घटकर 12 हो गईं. 2022 में, बीजेडी ने राज्य में पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों में जीत हासिल की (BJD in Elections).
बिहार विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा. 243 विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी और 2 दिसंबर को नए स्पीकर का चुनाव होगा. NDA के जीतने की संभावना.
ओडिशा की नुआपाडा विधानसभा उपचुनाव से पहले बीजेडी को बड़ा झटका लगा है. पूर्व राज्यसभा सांसद और बीजेडी नेता अमर पटनायक ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. पूर्व प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल रह चुके अमर बीजेडी के रणनीतिकार माने जाते थे.
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से मतदान शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगा. बीजू जनता दल और भारत राष्ट्र समिति ने मतदान से दूर रहने का फैसला लिया है.
वक्फ बिल संसद से पारित होने के बाद अब कानून भी बन चुका है लेकिन राजनीतिक दलों में इसे लेकर तूफान अभी थमता नहीं दिख रहा है. यूपी के राष्ट्रीय लोक दल से लेकर बिहार के जनता दल (यूनाइटेड) में इस्तीफों के बाद ओडिशा के बीजू जनता दल में भी इसे लेकर आंतरिक लड़ाई सामने आ गई है.
BJD ने स्पष्ट किया है कि पार्टी वक्फ बिल पर कोई व्हिप जारी नहीं करेगी और राज्यसभा में उसके सांसद अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर मतदान कर सकते हैं. इससे पहले पार्टी ने इस बिल का विरोध किया था.
'एक देश एक चुनाव' बिल आज लोकसभा में पेश किया गया, लेकिन विपक्ष की जोरदार असहमति के बाद वोटिंग कराकर विधेयक को दोनों सदनों की संयुक्त संसदीय समिति में चर्चा के लिए भेज दिया गया. क्या 'एक देश-एक चुनाव' के पक्ष में दी जा रही दलीलें वाजिब हैं? देखें दंगल.
बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक को लिखे अपने इस्तीफे में मोहंता ने कहा कि उन्हें लगता है कि पार्टी में उनकी और उनके समुदाय की सेवा की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं मयूरभंज के लोगों की सेवा करने और ओडिशा के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का अवसर देने के लिए आपका तहे दिल से आभार व्यक्त करती हूं.
लोकसभा चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र में राहुल गांधी नए रोल में नजर आए तो वहीं सरकार के साथ खड़ी नजर आती रही बीजू जनता दल का बदला अंदाज भी. इस सत्र में क्या-क्या खास रहा?
राज्यसभा में बीजेडी नेता सस्मित पात्रा ने कहा, "इस बार बीजेडी सांसद केवल मुद्दों पर बोलने तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि अगर केंद्र की बीजेपी सरकार ओडिशा के हितों की अनदेखी करती है, तो वे आंदोलन करने के लिए भी संकल्पित हैं."
भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 147 में से 78 सीटें जीतकर 24 साल से ओडिशा पर शासन कर रहे नवीन पटनायक के 24 साल पुराने किले को ध्वस्त कर दिया है.
लोकसभा चुनाव में मायावती की बसपा से लेकर केसीआर की बीआरएस और नवीन पटनायक की बीजेडी तक, कई ऐसी पार्टियां थी जो एनडीए और इंडिया ब्लॉक से अलग अकेले चुनाव मैदान में उतरीं. राजनीति में मजबूत दखल रखने वाले ये क्षत्रप इस बार खाली हाथ रह गए.
Odisha Assembly Election Result Updates: ओडिशा में सभी 147 सीटों के नतीजे आ चुके हैं. भाजपा को 78 सीटें मिली हैं और सत्तारूढ़ बीजू जनता दल को 51 सीटें मिली हैं. ओडिशा में 147 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार चरणों में मतदान हुआ था. एग्जिट पोल में इस बार बीजेपी और बीजेडी के बीच कड़ी टक्कर बताई गई थी. इस मुकाबले में BJD को हार का सामना करना पड़ा और भाजपा राज्य में पहली बार सरकार बनाने जा रही है.
एग्जिट पोल के आंकड़े बता रहे हैं कि बीजेपी वहीं बढ़त बनाती दिख रही है जहां उसका सामना ऐसे दलों से हुआ है जो अकेले चुनाव लड़ रहे हैं. जहां भी बीजेपी अकेली पड़ी है या मुकाबले में सामने गठबंधन है पार्टी को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
लोकसभा चुनाव 2024 के इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं. ओडिशा की 21 सीटों में एनडीए को 18 से 20 सीट मिलने का अनुमान है. इंडिया गठबंधन को 0 से 1, बीजेडी को 0 से 2 और अन्य के खाते में कोई भी सीट नहीं जाती दिख रही है. देखें ये वीडियो.
नवीन पटनायक और मायावती के उत्तराधिकारी का केस एक जैसा तो नहीं है, लेकिन दोनों मामलों में कई बातें कॉमन हैं. मायावती की ही तरह नवीन पटनायक ने भी अपने करीबी पूर्व नौकरशाह वीके पांडियन को लेकर चल रहे उत्तराधिकार विवाद को खारिज कर दिया है.
यह खूनी झड़प गंजम जिले के खलीकोट थाना क्षेत्र में पड़ने वाले श्री कृष्णा सरनापुर गांव में बुधवार की रात हुई. इस दौरान मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता की पहचान दिलीप कुमार पाहाना (28) के रूप में की गई है, जो गांव का ही रहने वाला था.
बीजेजडी ने मेनिफेस्टो में युवाओं का भी खास ख्याल रखा है. घोषणा पत्र में 9 बिंदु हैं, जिसमें पहला बिंदु युवाओं के लिए समर्पित है. इसमें कहा गया है कि, पार्टी युवा को समर्पित बजट बनाएगी. अगले 10 वर्षों के लिए ओडिशा युवा बजट 1 लाख करोड़ रुपये का होगा. यह हर साल विधान सभा में पेश किया जाएगा.
भुवनेश्वर से दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है. ओडिशा में बीजेडी और बीजेपी गठबंधन का औपचारिक ऐलान अभी बाकी है लेकिन अब सवाल ये भी उठ रहे हैं कि 2000 से ही ओडिशा की सत्ता पर काबिज नवीन पटनायक को 15 साल बाद आखिरकार गठबंधन की जरूरत क्यों पड़ रही है?
इधर ओडिशा में बीजेपी और बीजेडी के गठबंधन की चर्चा है. और उधर सवाल उठा कि साल 2000 से ओडिशा का पावर सेंटर रहे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को 15 साल बाद गठबंधन की जरूरत क्यों पड़ रही?
ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ बीजेपी के गठबंधन की बातचीत विफल हो गई. बीजेपी ने ओडिशा में अकेले ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है और नामांकन प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है. ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल के बीच गंठबंधन पर अभी तक बात नहीं बन सकी है. इससे पहले ही बीजेडी ने अपने कैंडिडेट्स का सेलेक्शन शुरू कर दिया है.