अग्नि-5 (Agni-5) भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक भूमि-आधारित परमाणु-सक्षम ICBM है. मिसाइल की मारक क्षमता 7,000 किलोमीटर है. जबकि चीनी शोधकर्ताओं का आरोप है कि मिसाइल की मारक क्षमता 8,000 किलोमीटर है.यह एक तीन फेज वाली, रोड-मोबाइल, ठोस ईंधन वाली बैलिस्टिक मिसाइल है.
अग्नि -5 मुख्य रूप से चीन के खिलाफ भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए है. हाल तक, भारत के पास सबसे लंबी दूरी की मिसाइल अग्नि-3 थी, जिसकी मारक क्षमता 3500 किमी थी.
दुनिया का सबसे ताकतवर परमाणु बम अमेरिका का बी83 है, 1.2 मेगाटन ताकत वाला, जो हिरोशिमा से 80 गुना ज्यादा खतरनाक है. ये किसी शहर के चारों तरफ 15 किमी का इलाका तबाह कर सकता है. रूस का आरएस-28 सरमत 5-10 मेगाटन का, पूरे देश को नष्ट कर सकता है. अमेरिका के पास 3700 वॉरहेड्स हैं, जो दुनिया को 150 बार मिटाने की क्षमता रखते हैं.
अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का 90 डिग्री शार्प टर्न भारत की मिसाइल तकनीक में एक क्रांतिकारी कदम है. यह न केवल चीन और पाकिस्तान के लिए मजबूत संदेश है. इसमें 4-5 वॉरहेड्स ले जाने वाला MIRV बस, स्वदेशी सेंसर और तीव्र गतिशीलता ने DRDO की तकनीकी क्षमता को दुनिया के सामने ला दिया. यह उपलब्धि भारत को वैश्विक स्तर पर एक शक्तिशाली न्यूक्लियर और मिसाइल शक्ति के रूप में स्थापित करती है.
भारत ने हाल ही में अग्नि 5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल टेस्ट किया है.इस टेस्ट में अग्नि 5 ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल तकनीक का प्रदर्शन किया, जो एक साथ कई टारगेट को निशाना बना सकता है.. लेकिन इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में है इसका 90 डिग्री का शार्प टर्न,
भारत ने आसिम मुनीर की परमाणु धमकी का जवाब सीधे अग्नि-5 मिसाइल के सफल परीक्षण से दिया है. मुनीर ने भविष्य में भारत के साथ युद्ध में पाकिस्तान का वजूद खतरे में पड़ने पर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी थी. इस धमकी के कुछ दिनों बाद ही भारत ने अपनी परमाणु सक्षम अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण किया.
भारत ने ओडिशा के चांदीपुर में अग्नि-5 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर लिया है.
भारत ने 20 अगस्त को ओडिशा के तट से अपनी अग्नि five मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है..ये DRDO की तरफ से विकसित की गई एक लंबी दूरी की, परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल है
भारत ने अग्नि फाइव मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर टेस्ट रेंज में संपन्न हुआ. अग्नि फाइव मिसाइल की मारक क्षमता 5000 किलोमीटर तक है. इस मिसाइल का सफल प्रक्षेपण देश की रक्षा क्षमताओं के लिए महत्वपूर्ण है. परीक्षण कुछ देर पहले ही किया गया. यह मिसाइल भारत की सामरिक शक्ति को बढ़ाती है.
अग्नि-V के ओरिजिनल वर्जन की तुलना में दोनों नए वर्जन की मारक क्षमता 2500 किलोमीटर होगी, लेकिन उनकी विध्वंसक क्षमता और सटीकता उन्हें भारत के सामरिक शस्त्रागार में उपलब्ध एक दुर्जेय हथियार बनाएगी.
अग्नि-V का नया पारंपरिक वैरिएंट भारत की रक्षा रणनीति में एक क्रांतिकारी कदम है. 7.5 टन का वारहेड, एयरबर्स्ट और बंकर-बस्टर वैरिएंट और 2000-2500 किमी की रेंज के साथ यह मिसाइल पाकिस्तान और चीन के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम होगी. यह भारत की नो-फर्स्ट-यूज नीति को मजबूत करेगा. क्षेत्रीय संतुलन को बनाए रखेगा.
पाकिस्तान की सैन्य क्षमता और गीदड़भभकी के बावजूद भारत की तकनीकी और रणनीतिक श्रेष्ठता उसे हर मोर्चे पर अजेय बनाती है. इन हथियारों की ताकत और भारत की दृढ़ नीति यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी दुश्मन भारत की संप्रभुता को चुनौती देने से पहले सौ बार सोचे.
भारत के पास कई उन्नत मिसाइलें हैं जो कुछ ही सेकंड या मिनट में पाकिस्तान के शहरों जैसे लाहौर, इस्लामाबाद और कराची को निशाना बना सकती हैं. ये मिसाइलें हाइपरसोनिक गति, MIRV तकनीक और सटीकता के कारण पाकिस्तान की रक्षा प्रणालियों के लिए खतरा हैं.
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत अपनी मिसाइलों से करारा हमला कर सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि भारत के पास ताकतवर और खतरनाक मिसाइल हैं. या फिर पाकिस्तान के पास. आइए जानते हैं भारत और पाकिस्तान की पांच-पांच सबसे घातक मिसाइलों के बारे में...
भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस के दौरे पर जाने वाले हैं. उससे पहले रूस के मीडिया संस्थान ने भारत की पांच परमाणु मिसाइलों की तारीफ की है. अपनी तरफ से एक वीडियो X पर डाला है. जिसमें इन मिसाइलों की उड़ान को दिखाया गया है. आप भी देखिए यह वीडियो और जानिए भारतीय परमाणु पंच के बारे में...
देश के मशहूर साइंटिस्ट और अग्नि मिसाइलों के जनक डॉ. राम नारायण अग्रवाल नहीं रहे. पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित डॉ. अग्रवाल को लोग प्यार से 'अग्नि अग्रवाल' भी कहते थे. इन्होंने ही भारत की लंबी दूरी की मिसाइलों का प्रोग्राम बनाया. साथ ही उन्हें बनाया भी. अग्नि सीरीज मिसाइल इन्हीं की शुरूआत थी.
Agni-V मिसाइल के परीक्षण के बाद पाकिस्तान डरा हुआ है. उसे लगता है कि भारत अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है. या जल्द ही बढ़ाएगा. क्योंकि अग्नि-5 में लगी MIRV तकनीक के लिए ज्यादा हथियारों की जरूरत पड़ेगी. पाकिस्तान रक्षा विशेषज्ञ ने इस पर एक लेख लिखकर पाक के भय को उजागर किया है.
एक साथ 3 टारगेट पर हमला, सेंसर पैकेज, 1.5 टन तक न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम... कितना खास है DRDO का मिशन दिव्यास्त्र
भारत ने अग्नि-5 मिसाइल के सफल परीक्षण से दुनिया को अपनी नई महाशक्ति दिखाई है. इस मिसाइल की रेंज पूरे एशिया, आधे यूरोप, रूस और यूक्रेन के साथ-साथ राजधानी बीजिंग समेत पूरे चीन को कवर करती है. भारत ने इस मिसाइल के सफल परीक्षण से अपनी सुपर पावर वाली छवि को मजबूत किया है. पीएम मोदी ने इस खुशखबरी को देश के साथ साझा किया. जानें डिटेल्स.
भारत ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री (MIRV) तकनीक के साथ अग्नि-5 (Agni-V) मिसाइल विकसित की है. इसे दिव्यास्त्र मिशन नाम दिया गया है. यह मिसाइल एक साथ कई सौ किलोमीटर में फैले 3 टारगेट को निशाना बना सकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को मिशन दिव्यास्त्र के लिए DRDO को बधाई दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है. 2022 में भी भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. तब इसने टारगेट को 5500 किलोमीटर दूर जाकर ध्वस्त कर दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को मिशन दिव्यास्त्र के लिए DRDO को बधाई दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है. 2022 में भी भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. तब इसने टारगेट को 5500 किलोमीटर दूर जाकर ध्वस्त कर दिया था.