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FreeFire खेलने के दौरान लखनऊ में हुई बच्चे की मौत, जानिए क्या है सडन गेमर डेथ

लखनऊ में एक 13 साल के बच्चे की अचानक मौत हो गई है, वह बच्चा कई घंटे से लगातार मोबाइल पर गेम खेल रहा था. इस मौत ने परिजनों और आसपास के लोगों को हैरान कर दिया है. मोबाइल गेम खेलते-खेलते अचानक होने वाली मौत को सडन गेमर डेथ कहा जाता है. आइये जानते हैं.

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मोबाइल गेम खेलते-खेलते बच्चे की चली गई जान. (Photo: Unsplash))
मोबाइल गेम खेलते-खेलते बच्चे की चली गई जान. (Photo: Unsplash))

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 13 साल के बच्चे की मौत हो गई. इस मौत ने परिवार समेत आसपास के लोगों को भी को हैरान कर दिया है. दरअसल, बच्चा घर में मोबाइल गेम खेल रहा था और अचानक बिस्तर पर लेट गया और मोबाइल पर फ्री फायर गेम चल रहा था. 

बहन को लगा कि उसका भाई विवेक सो रहा रहा है, लेकिन काफी देर तक बच्चे ने कोई मूमेंट नहीं की. आखिर में पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है. यह एक सडन गेमर डेथ का मामला है, जिसमें मोबाइल या कंप्यूटर पर गेम खेलते-खेलते गेमर की मौत हो जाती है. आइये सडन गेमर डेथ के बारे में जानते हैं. 

कई घंटे से खेल रहा था मोबाइल गेम

बुधवार को बहन जब बाहर से घर आई तो उसका भाई बिस्तर पर लेटा था और मोबाइल चल रहा था. उनको लगा कि भाई गेम खेलता-खेलता सो गया होगा. बच्चे में बहुत देर तक कोई मूमेंट नहीं दिखी, जिसके बाद बहन को शक हुआ और उसने आसपास के लोगों को मदद के लिए बुलाया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया.

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सडन गेमर डेथ क्या है?

अब सडन गेमर डेथ पर लौटते हैं. दरअसल, दुनियाभर में कुछ ऐसे केस सामने आए हैं, जहां मोबाइल गेमर की अचानक मौत हो जाती है. इसमें ना तो उन्हें कोई चोट लगती है, ना ही उनके साथ कोई हाथापाई होती है. ये जानकारी अमेरिकी लाइब्रेरी के जर्नल से मिली है. 

अमेरिकी संस्था के पोर्टल पर मौजूद है रिसर्च 

अमेरिकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के नेशनल लाइब्रेरी मेडिसन (NLM) पर एक रिसर्च अपलोड है. पोर्टल पर बताया है कि दुनियाभर में कई लोगों की मोबाइल गेम खेलते-खेलते मौत हो गई. इस हादसे में कोई हिंसा नहीं होती है और मौत का कनेक्शन मोबाइल गेम से होता है. इसको इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर से भी कनेक्ट किया है. 

रिसर्च में बताया है कि मोबाइल गेम खेलते-खेलते कई लोगों की मौत हो चुकी है. अब तक यह संख्या करीब 24 है. इसमें एक मौत 1982 में हुई थी, इसके बाद 2002 से लेकर 2021 तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें अधिकतर लोग पुरुष हैं. लोगों की उम्र 11 साल से 40 साल तक की थी.

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रिसर्च में बताया गया है कि इसमें आधे से ज्यादा केस साउथ ईस्ट एशिया से हैं, जैसे सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया जैसे देश के नाम शामिल हैं. रिसर्च में ये जानकारी न्यूज पेपर और पोर्टल से इकट्ठा की है.

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छोटे-छोटे ब्रेक से कोई फायदा नहीं है 

रिसर्च पेपर में बताया है कि कई मोबाइल गेमर्स कई घंटे तक लगातार गेम खेलते हैं. इसमें वह बहुत कम समय का ब्रेक लेते हैं. ऐसे में लंबे समय तक एक पॉजिशन पर बैठे रहना और गेमिंग के दौरान हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट रहती है. ऐसे में छोटे ब्रेक से ज्यादा फायदा नहीं होता है.

मौत का कारण  

रिसर्च में बताया है कि कुल मौतों में से 5 की मौत का कारण पल्मोनरी एम्बोलिज्म (फेफड़ों में रक्त का थक्का जमना) था, 2 मामलों में सेरेब्रल हैमरेज (ब्रेन हेमरेज या ब्रेन ब्लीड )  और तीसरे में संभवतः  कार्डियक एरिथमिया बताया है.  

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