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'पति से 6 महीने से नहीं मिली, अब लंबी छुट्टियों पर जाएंगे', जानें मेडल जीतने पर क्या बोले खिलाड़ियों के घरवाले

Tokyo Olympics: टोक्यो ओलंपिक में पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है. ओलंपिक में मेडल का 4 दशक का सूखा खत्म करने वाली टीम इंडिया पर पूरे देश को नाज है. भारत ने कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर मात दे दी. मैच में एक वक्त 3-1 से पिछड़ रहे भारतीय शेरों ने जिस तरह से दहाड़ मारकर बाजी पलट दी, वह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुकी है.

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पदक जीतने के बाद भारतीय हॉकी टीम
पदक जीतने के बाद भारतीय हॉकी टीम
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टोक्यो ओलंपिक में भारत ने रचा इतिहास
  • कांस्य पदक मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराया

टोक्यो ओलंपिक में पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है. ओलंपिक में मेडल का 4 दशक का सूखा खत्म करने वाली टीम इंडिया पर पूरे देश को नाज है. भारत ने कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर मात दे दी. मैच में एक वक्त 3-1 से पिछड़ रहे भारतीय शेरों ने जिस तरह से दहाड़ मारकर बाजी पलट दी, वह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुकी है.  पूरे देश से टीम इंडिया को बधाइयां मिल रही हैं. परिवार में जश्न का माहौल है. लोग मिठाइयां बांट रहे हैं, ढोल बजाकर खुशी का इजहार कर रहे हैं. 

देश की माताएं अपने लाल की शानदार कामयाबी पर फूले नहीं समा रही हैं. उन्होंने कहा कि हमारे लिए तो ब्रॉन्ज ही गोल्ड है. देश का नाम रोशन किया है उन्होंने. खिलाड़ी गुरजंत की मां ने कहा कि हम तो गोल्ड ही समझते हैं. वहीं ललित उपाध्याय की मां ने कहा कि खुशी का बखा नहीं कर सकते, बहुत खुशी है. वहीं इंडिया टुडे से खास बातचीत में भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर श्रीजीत की पत्नी ने कहा कि मैं उनसे 6 महीने से नहीं मिली. उनका घर आने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं. मैं लंबी छुट्टियों की प्लानिंग कर रही हूं. 

भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह की मां मनजीत कौर ने भी टीम की शानदार जीत पर बधाई देते हुए कहा कि 15 दिन तक जश्न मनाया जाएगा. लेकिन आगे और भी बड़े मुकाबले हैं, जिनकी तैयारी में जुट जाना है. उन्होंने कहा कि अगले साल एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ मुकाबले होने हैं, जिसमें टीम गोल्ड मेडल लेकर आए. मनप्रीत की मां ने कहा कि जब बेटा वापस आएगा तो आलू की सब्जी खिलाएंगी, जो उन्हें काफी पसंद है. 

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वहीं हॉकी खिलाड़ी सुरेंदर कुमार की मां भी टीम की कामयाबी पर बेहद खुश नजर आईं. उन्होंने कहा कि इतनी खुशी तो अपनी शादी में भी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि बेटा जब घर आएगा तो खूब धूमधाम से स्वागत करेंगे. मां ने यह भी बताया कि कैसे बचपन में सुरेंदर ने हॉकी स्टिक थाम ली और सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले गए. 

जश्न मनाती मनजीत की माताजी

सोनीपत के गांव कुराड़ का रहने वाला सुमित भी हॉकी टीम में टोक्यो ओलंपिक में खेल रहा था और सुमित के घर पर भी जश्न का माहौल है. पिता ने मेहनत मजदूरी कर बेटे को हॉकी प्लेयर बनाया. सुमित के घर बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. सुमित तीन भाई हैं. सुमित परिवार में सबसे छोटा है. परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं. सुमित ओलंपिक में जाने से पहले अपनी मां के नाम का लॉकेट गले में पहन कर घर से गया था और कहा था मां के इस लॉकेट को मेडल में बदल कर ही वापस देश लौटूंगा और वही आज भारतीय टीम ने कर दिखाया है. 

 

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