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इंडोनेशिया के माउंट सुमेरू ज्वालामुखी फटा... लावा एवलांच का खतरा, देखिए डरावने Videos

इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर माउंट सेमेरू ज्वालामुखी जोरदार तरीके से फटा. खतरे के अलर्ट को सबसे ऊंचे स्तर-4 पर कर दिया गया. खतरे का दायरा 8 किमी और दक्षिण-पूर्व में 20 किमी तक बढ़ाया. गर्म लावा के बहाव से कई गांव प्रभावित हैं. 900 से ज्यादा लोग सुरक्षित जगह ले जाए गए हैं. 170 पर्वतारोही बचाए गए हैं.

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इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कितना भयानक राख का गुबार फैल रहा है. (Screengrab: AfarTV's YT)
इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कितना भयानक राख का गुबार फैल रहा है. (Screengrab: AfarTV's YT)

इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर स्थित माउंट सेमेरू ज्वालामुखी में आज यानी 20 नवंबर 2025 की दोपहर करीब 2:13 बजे जोरदार विस्फोट हुआ. इस वजह से इंडोनेशिया की ज्वालामुखी निगरानी एजेंसी PVMBG ने अलर्ट को सबसे ऊंचे स्तर IV पर कर दिया. खतरे का क्षेत्र अब सभी दिशाओं में 8 किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है.

दक्षिण-पूर्व दिशा में 20 किलोमीटर तक किया गया है. इस विस्फोट से गर्म लावा और राख की तेज बहाव (पायरोक्लास्टिक फ्लो) निकली, जिसने निगरानी के उपकरणों को नष्ट कर दिया. सुपित उरंग जैसे गांवों तक पहुंच गई. राख की बारिश से आसपास के इलाकों में अंधेरा छा गया, जिससे 900 से ज्यादा लोगों को निकाला गया.

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170 फंसे हुए पर्वतारोहियों को बचाया गया. अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है, लेकिन अधिकारी आगे के खतरे की चेतावनी दे रहे हैं, जैसे लावा का गिरना और बड़ा विस्फोट. राख की वजह से आसपास के हवाई जहाजों की उड़ानें भी प्रभावित हो रही हैं.

क्या हुआ विस्फोट में?

माउंट सेमेरू इंडोनेशिया का एक सक्रिय ज्वालामुखी है, जो पूर्वी जावा के लुमाजांग जिले में है. यह ज्वालामुखी पहले भी कई बार फट चुका है, लेकिन आज का विस्फोट बहुत शक्तिशाली था. ज्वालामुखी से धुआं, राख और गर्म चट्टानों का बादल निकला. PVMBG ने तुरंत अलर्ट बढ़ाया क्योंकि खतरा बहुत ज्यादा था.

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खतरे का क्षेत्र पहले से बड़ा कर दिया गया ताकि लोग सुरक्षित रहें. अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण-पूर्व दिशा में नदियों के किनारे ज्यादा खतरा है, क्योंकि वहां गर्म लावा बह सकता है.

पायरोक्लास्टिक फ्लो क्या है और कितना खतरनाक?

पायरोक्लास्टिक फ्लो ज्वालामुखी से निकलने वाली गर्म गैस, राख और चट्टानों की तेज बहाव होती है. यह बहुत तेज चलती है (कभी-कभी 700 किमी प्रति घंटा) और सब कुछ जला देती है. इस विस्फोट में यह बहाव सुपित उरंग गांव तक पहुंची और निगरानी कैमरे व उपकरणों को तबाह कर दिया.

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गांववासियों ने बताया कि आसमान में काला धुआं छा गया और सांस लेना मुश्किल हो गया. राख की मोटी परत सड़कों और घरों पर गिर गई, जिससे लोग डर गए.

लोगों पर क्या असर पड़ा?

विस्फोट की वजह से 900 से ज्यादा लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले गए. स्थानीय अधिकारी और बचाव दल ने तुरंत काम शुरू किया. 170 पर्वतारोही जो ज्वालामुखी के पास फंस गए थे, उन्हें हेलीकॉप्टर और टीमों की मदद से बचाया गया. अभी तक कोई मौत या घायल होने की खबर नहीं है, लेकिन डॉक्टरों की टीम तैयार है.

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आसपास के गांवों में बिजली और पानी की समस्या हो गई है. राख की वजह से हवाई अड्डों पर उड़ानें रुक सकती हैं, क्योंकि राख इंजन में घुसकर जहाजों को खराब कर सकती है. इंडोनेशिया की मौसम एजेंसी ने कहा कि राख का बादल 15 किलोमीटर ऊपर तक गया है.

अधिकारियों की क्या चेतावनी?

PVMBG के प्रमुख ने कहा कि ज्वालामुखी अभी भी सक्रिय है. आगे लावा के गिरने (लावा अवलांच) का खतरा है और बड़ा विस्फोट भी हो सकता है. लोगों को खतरे के क्षेत्र से दूर रहने को कहा गया है. किसानों और मछुआरों को नदियों के पास न जाने की हिदायत दी गई, क्योंकि गर्म लावा पानी में मिलकर बाढ़ ला सकता है.

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Mount Semeru Indonesia Volcano Eruption

सरकार ने राहत कैंप बनाए हैं, जहां खाना, पानी और दवाएं दी जा रही हैं. इंडोनेशिया में ऐसे ज्वालामुखी बहुत हैं, इसलिए लोग तैयार रहते हैं, लेकिन इस बार विस्फोट बहुत बड़ा था.

पहले भी फटा है सेमेरू

माउंट सेमेरू पिछले कुछ सालों में कई बार फटा है. 2022 में एक बड़े विस्फोट में कई लोग मारे गए थे. इस बार सौभाग्य से पहले से चेतावनी थी, इसलिए ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. वैज्ञानिक कहते हैं कि ज्वालामुखी की निगरानी जारी है और अगर जरूरत पड़ी तो अलर्ट और बढ़ाया जाएगा.

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