ज्वालामुखी विस्फोट
ज्वालामुखी विस्फोट (Volcano Eruption) कई प्रकार के होते हैं. इसके दौरान लावा, टेफ्रा (राख, लैपिली, ज्वालामुखी बम और ज्वालामुखी ब्लॉक), और मिश्रित गैसों को ज्वालामुखीय वेंट या विदर से बाहर निकाल दिया जाता है. ज्वालामुखी विस्फोटों को ज्यादातर प्रसिद्ध ज्वालामुखियों के नाम पर रखा जाता है. किसी एक ज्वालामुखी विस्फोट में केवल एक खास तरह के विस्फोट का प्रदर्शन हो सकता है, जबकि किसी दूसरे विस्फोट श्रृंखला में, ज्वालामुखी सभी प्रकार के यानी मिश्रित विस्फोट को प्रदर्शित कर सकते हैं (Volcano Eruption Mechanisms).
ज्वालामुखी विस्फोट तीन अलग-अलग प्रकार के होते हैं: पहला, मैग्मैटिक विस्फोट सबसे ज्यादा नजर आने वाले विस्फोट हैं (Magmatic Eruption). इसमें मैग्मा के भीतर गैस का विघटन होता है जो इसे ऊपर की ओर आगे बढ़ाता है. दूसरा, फ्रेटिक विस्फोट, जिसके तहत... और पढ़ें
करीब 2000 साल पहले ज्वालामुखी विस्फोट की चपेट में आए शहर की खुदाई में एक प्रेगनेंट कछुआ और उसका अंडा मिला है. अंडा देने के पहले ही कछुए की मौत हो गई थी.
साल 1883 में जावा और सुमात्रा के बीच मौजूद सुंडा की खाड़ी के अंदर एक ज्वालामुखी फटा. इतना लावा निकला कि आसपास के द्वीप जल गए. हजारों लोगों की मौत हो गई. धरती पर समुद्र के अंदर फटने वाले ज्वालामुखी अब एक नई प्राकृतिक आपदा का रूप ले रहे है. इनकी सक्रियता बढ़ती जा रही है. इन्हें खोजना और उनकी स्टडी करना भी मुश्किल होता है.
Kawah Ijen Volcano Blue Lava: ज्वालामुखी विस्फोट के बाद अक्सर आपने लाल या पीले रंग का लावा बहते हुए देखा होगा. लेकिन इंडोनेशिया में दुनिया का इकलौता ऐसा ज्वालामुखी है जहां से नीला लावा (Blue Lava) निकलता है. आइए जानते हैं इस हैरान करने वाले ज्वालामुखी के बारे में...
फिलीपींस (Philippines ) का बुलुसन ज्वालामुखी (Bulusan volcano) पांच साल से सुस्त पड़ा था. ये ज्वालामुखी एक बार फिर फटा और इसमें से राख ही राख निकली. पूरा शहर राख से ढक गया है.
दुनिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी 'किलुआ' कैसे बना होगा, यह जानने के लिए एक शोध किया गया. शोध से पता चलता है कि असल मैग्मा हॉटस्पॉट से 90 किलोमीटर से भी ज्यादा गहराई में है.
Climate Chaos: इंसान धरती को सिर्फ गर्म ही नहीं कर रहा है. बल्कि 'जलवायु अराजकता' भी फैला रहा है. इसकी वजह से पूरी धरती रहने लायक नहीं बचेगी. चारों तरफ अफरा-तफरी मचेगी. इसके लिए जिम्मेदार बढ़ता तापमान और जलवायु परिवर्तन होगा, जो इंसानों के द्वारा बढ़ाया जा रहा है.
Tonga Volcano Eruption: पिछले 100 सालों में इससे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट नहीं हुआ. इतनी राख और पत्थर खिसका दिए, जिनसे पूरी पनामा नहर भर जाए. एक नई स्टडी में यह खुलासा हुआ है.
कवाची सबमरीन ज्वालामुखी (Kavachi Submarine Volcano) दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर में सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है. NASA के सैटेलाइट से जानकारी मिली है कि ये ज्वालामुखी एक बार फिर फटने वाला है.
1991 और 1992 के बीच वेस्टडल पीक ज्वालामुखी (Westdahl Peak volcano) में कई विस्फोट देखे गए थे, जिसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा था कि 2010 में इसमें विस्फोट होगा. लेकिन आज तक यह ज्वालामुखी धधक रहा है, जानिए क्यों.
वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है कि पृथ्वी पर सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा कब और कैसे आई थी. इसपर एक शोध किया गया, जिससे पता चला कि ऑस्ट्रेलिया की सेडिमेंट्री चट्टानों की गहराई में इसके राज छिपे हुए हैं.
Strongest Earthquake in Antarctica: अंटार्कटिका में बरसों से सो रहे एक ज्वालामुखी की नींद खुली. सक्रिय होते ही उसने चार महीने के अंदर इस बर्फीले इलाके में 85 हजार भूकंप के झटके महसूस करा दिए.
इस साल जनवरी में न्यूजीलैंड के पास दक्षिणी प्रशांत महासागर में इतना भयानक ज्वालामुखी विस्फोट हुआ कि धरती के चारों तरफ हवा के दबाव की एक लहर यानी शॉकवेव दो बार दौड़ गई. इस ज्वालामुखी विस्फोट की तब से जांच चल रही थी. अब जाकर इसके पीछे की वजह पता चली है...
चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के ऑर्बिटर यानी चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहे सैटेलाइट ने हाल ही में सूरज के गुस्से को देखा है. उसमें लगे एक यंत्र ने बताया कि इस समय सूरज बहुत ज्यादा विकिरण फेंक रहा है. यानी सोलर रेडिएशन (Solar Radiation), जो अंतरिक्ष में मौजूद एस्ट्रोनॉट्स के लिए खतरनाक है.
इटली के माउंट एटना में ज्वालामुखी विस्फोट हुआ. ये विस्फोट इतना भयंकर था कि आसमान में घंटों तक राख और धुएं का गुबार रहा. देखें वीडियो
पिछले एक महीने से सूरज (Sun) भयानक गुस्से में है. लगातार सौर लहरें (Solar Flare) फेंक रहा है. ये लहरें सौर तूफान बनकर अंतरिक्ष में लंबी-लंबी दूरी तय कर रही हैं. कई विस्फोट तो बेहद भयावह थे. सबसे भयावह सौर विस्फोट चार दिन पहले 15 फरवरी को हुआ है. यह ताकतवर एक्स क्लास फ्लेयर (X Class Flare) था.
Tonga Tsunami-Volcano Story: एक 57 वर्षीय दिव्यांग शख्स (Disabled Man) सुर्खियों में है, जिसने 27 घंटे लगातार पानी में तैरकर अपनी जान बचाई. आइए जानते हैं पूरा किस्सा..
न्यूजीलैंड के पास दक्षिणी प्रशांत महासागर में इतना भयानक ज्वालामुखी विस्फोट हुआ कि धरती के चारों तरफ हवा के दबाव की एक लहर यानी शॉक वेव दो बार दौड़ गई. ज्वालामुखी से शुरू हुई शॉकवेव उत्तरी अफ्रीका में जाकर खत्म हुई और फिर वहां से वापस उठी तो ज्वालामुखी तक आ गई. जैसे तालाब में कंकड़ फेंकने से लहर उठती है. इस ज्वालामुखी का नाम है टोंगा (Tonga Volcano). धमाके की आवाज 2300KM तक स्पष्ट सुनाई दी.
दक्षिण प्रशांत महासागर में हाल ही में समुद्र के अंदर एक भयानक ज्वालामुखी विस्फोट हुआ. जिससे निकला धुआं 22 किलोमीटर ऊपर तक गया. विस्फोट इतना तेज था कि उससे निकलने वाली शॉकवेव से 4 फीट ऊंची सुनामी आ गई. यह नजारा अंतरिक्ष से भी दिखाई दिया. धरती की मॉनिटरिंग करने वाले सैटेलाइट्स ने इस विस्फोट को कैद किया.
Most active volcano in World: 'किलोवियो ज्वालामुखी' (Kilauea Volcano) को देखते हुए पहले भी हादसे हुए हैं. 2019 में एक 32 साल का व्यक्ति इस ज्वालामुखी को देखते हुए 70 फुट नीचे गिर गया था. वहीं 2017 में तो एक शख्स ने कूदकर आत्महत्या कर ली थी.
इटली में एक ज्वालामुखी (volcano) है, जिसने 2000 साल पहले रोमन साम्राज्य पर भयानक आफत बरसाई थी. इस ज्वालामुखी के विस्फोट से पोम्पेई, हर्कुलैनियम, ओप्लोंटिस और स्टेबियाए नाम के शहर पूरी तरह से खत्म हो गए थे.
स्पेन के ला पाल्मा द्वीप में ज्वालामुखी पिछले 85 दिनों से आग उगल रहा है. 19 सितंबर को ला पाल्मा में ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था. जब ज्वालामुखी विस्फोट का रिकार्ड रखा जा रहा है ये सबसे लंबे समय तक सक्रिय रहने वाला ज्वालामुखी है. ज्वालामुखी से निकल रहे लावा से अब तक करीब तीन हजार इमारतें नष्ट हो चुकी हैं. ज्यादा जानकारी के लिए देखें वीडियो.