विमान के इंजन की कोई निश्चित एक्सपायरी डेट नहीं होती, लेकिन उनकी उम्र फ्लाइट साइकिल, फ्लाइट आवर्स और नियमित रखरखाव पर निर्भर करती है. निर्माता कंपनियां दावा करती हैं कि उनके इंजन बहुत टिकाऊ, विश्वसनीय और लंबे समय तक चलने वाले हैं. बशर्ते उनकी सही देखभाल हो.
फिर भी, सख्त नियमों और जांच की वजह से इंजन से जुड़ी कोई भी खराबी होने से पहले ही उसकी मरम्मत या बदलाव कर लिया जाता है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित रहे.
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12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 (बोइंग 787-8) के टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही हुए भीषण हादसे की वजह फ्यूल कटऑफ स्विच का अचानक 'RUN' से 'CUTOFF' मोड में चला जाना था. भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, इसकी वजह से दोनों इंजनों को ईंधन आपूर्ति रुक गई, जिसके कारण इंजन बंद हो गए. विमान मेघानी नगर में एक मेडिकल हॉस्टल से टकराकर क्रैश हो गया, जिसमें 241 यात्रियों और क्रू मेंबर सहित 270 लोगों की मौत हो गई.
विमान के इंजन क्या हैं और कैसे काम करते हैं?
विमान के इंजन किसी भी हवाई जहाज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं. ये इंजन, जिन्हें जेट इंजन या टर्बोफैन इंजन कहा जाता है, विमान को उड़ाने के लिए जरूरी शक्ति (थ्रस्ट) पैदा करते हैं. ये बहुत जटिल मशीनें हैं, जिनमें हजारों छोटे-बड़े पुर्जे होते हैं.
इन्हें बनाने वाली प्रमुख कंपनियां हैं- रोल्स-रॉयस, जनरल इलेक्ट्रिक (GE), प्रैट एंड व्हिटनी और CFM इंटरनेशनल. ये कंपनियां अपने इंजनों को बहुत मजबूत और लंबे समय तक चलने वाला बनाने का दावा करती हैं.
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क्या विमान के इंजन की एक्सपायरी डेट होती है?
विमान के इंजन की कोई निश्चित एक्सपायरी डेट, जैसे कि खाने-पीने की चीजों की तरह (उदाहरण: 31 दिसंबर 2025 तक उपयोग करें), नहीं होती. इन इंजनों की उम्र को कुछ खास तरीकों से मापा जाता है...
फ्लाइट साइकिल (Flight Cycles)
एक फ्लाइट साइकिल का मतलब है एक बार विमान का उड़ान भरना और उतरना. हर साइकिल में इंजन को बहुत तनाव (स्ट्रेस) सहना पड़ता है, खासकर टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान. निर्माता कंपनियां हर इंजन के लिए एक निश्चित संख्या में फ्लाइट साइकिल तय करती हैं, जिसके बाद इंजन की जांच या मरम्मत की जरूरत पड़ती है.
फ्लाइट आवर्स (Flight Hours)
यह वह समय है जो इंजन हवा में बिताता है. उदाहरण के लिए, अगर एक इंजन 50000 फ्लाइट आवर्स के लिए डिज़ाइन किया गया है, तो इसका मतलब है कि वह इतने घंटे तक बिना किसी बड़ी खराबी के काम कर सकता है, बशर्ते उसकी नियमित देखभाल हो.

कैलेंडर टाइम (Calendar Time)
कुछ हिस्सों की उम्र समय के साथ कम हो सकती है, भले ही इंजन इस्तेमाल न हो. उदाहरण के लिए, कुछ धातुएं या रबर के हिस्से समय के साथ खराब हो सकते हैं. इसलिए, निर्माता कुछ हिस्सों को बदलने के लिए एक निश्चित समयसीमा (जैसे 10 साल) तय करते हैं.
निर्माता कंपनियां क्या दावे करती हैं?
विमान के इंजन बनाने वाली कंपनियां अपने इंजनों को बहुत टिकाऊ और सुरक्षित बताती हैं. उनके कुछ प्रमुख दावे इस प्रकार हैं...
लंबी उम्र: कंपनियां जैसे रोल्स-रॉयस और जनरल इलेक्ट्रिक दावा करती हैं कि उनके इंजन 20000 से 50000 फ्लाइट आवर्स या 10000 से 20000 फ्लाइट साइकिल तक बिना किसी बड़ी मरम्मत के चल सकते हैं. यह एक व्यावसायिक विमान के लिए 10-20 साल की सेवा के बराबर हो सकता है.
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उच्च विश्वसनीयता: कंपनियां कहती हैं कि उनके इंजन 99.9% से ज्यादा समय बिना किसी खराबी के काम करते हैं. उदाहरण के लिए, CFM56 इंजन जो बोइंग 737 जैसे विमानों में इस्तेमाल होता है, को दुनिया का सबसे विश्वसनीय इंजन माना जाता है.
नियमित रखरखाव से लंबा जीवन: निर्माता कहते हैं कि अगर इंजन का नियमित रखरखाव (मेंटेनेंस) और समय-समय पर जांच की जाए, तो इंजन की उम्र को और बढ़ाया जा सकता है. इसमें छोटे-मोटे हिस्सों को बदलना, इंजन की सफाई और जरूरी मरम्मत शामिल होती है.

आधुनिक तकनीक: नई तकनीक वाले इंजन, जैसे GE9X या रोल्स-रॉयस ट्रेंट, पुराने इंजनों की तुलना में ज्यादा ईंधन-बचत करने वाले, कम प्रदूषण फैलाने वाले और लंबे समय तक चलने वाले होते हैं. कंपनियां दावा करती हैं कि ये इंजन कठिन परिस्थितियों (जैसे गर्मी, धूल या ठंड) में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं.
क्या इंजन हमेशा चलते रहते हैं?
हालांकि इंजन की कोई निश्चित एक्सपायरी डेट नहीं होती, लेकिन वे अनंत काल तक नहीं चल सकते. कुछ कारणों से इंजन को बदलना या मरम्मत करना पड़ता है...
क्या कहते हैं नियम?
विमानन उद्योग में सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. इसलिए, विमानन प्राधिकरण जैसे FAA (अमेरिका) और EASA (यूरोप) इंजनों की जांच और रखरखाव के लिए सख्त नियम बनाते हैं. हर देश में एयरलाइंस को इन नियमों का पालन करना पड़ता है. उदाहरण के लिए, इंजन की हर 1000-2000 फ्लाइट साइकिल के बाद गहरी जांच (ओवरहॉल) करनी पड़ती है.